रिपोर्ट – इम्तियाज अली
झुंझुनूं. दुनिया भर में प्रसिद्ध बिसाऊ की मूक रामलीला की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. यह विश्व की इकलौती ऐसी रामलीला है, जिसमें पात्र संवाद नहीं बोलते बल्कि इशारों में अभिनय करते हैं. इस बार इस रामलीला को ऐतिहासिक बनाने के लिए युवाओं में इतना जोश है कि हज़ारों की संख्या में तीर, संजीवनी के लिए पहाड़ और काॅस्ट्यूम व मुखौटे आदि तैयार कर लिये गए हैं. रोज़ाना 30 कलाकार राम व रावण दल की तरफ किए जाने वाले स्वांग की प्रैक्टिस कर रहे हैं. नवरात्रि के पहले दिन यानी 26 सितंबर से शुरू होने वाली इस रामलीला से जुड़ी कई रोचक जानकारियां सामने आ रही हैं.
रामलीला प्रबंध समिति के अध्यक्ष कन्हैयालाल पुजारी और सह संयोजक नरेश बंसल के अनुसार इस बार मूक रामलीला के आयोजन को ऐतिहासिक बनाने के लिए प्रवासियों सहित कस्बे के युवा ज़ोर-शोर से जुटे हुए हैं. 10 हजार तीर, 21 गदा, 25 धनुष, लकड़ी की 50 तलवारें, 5 भाले, 35 शक्ति बाण, 11 फीट लंबा शिव धनुष, संजीवनी बूटी वाला पहाड़, स्वरूपों के मुखौटे, ड्रेस आदि तैयार कर ली गई है. पारीक ने बताया कि ऐतिहासिक मंचन के लिए अगले 10 दिनों में पूरे दंगल की सजावट की जाएगी. दंगल में रोज़ राम दल व राक्षस दल के 30 कलाकार कला का प्रदर्शन करेंगे.
बंसल के अनुसार रामलीला में पहली बार हास्य को भी शामिल किया गया है. यह भी मूक ही होगा. किसी भी तरह का कोई संवाद नहीं होगा. बिना संवाद के हाव-भाव से कॉमेडी की प्रस्तुति दी जाएगी. इससे पहले कभी भी रामलीला में कॉमेडी नहीं करवाई गई. लीला से जुड़े त्रिलोकचंद शर्मा के अनुसार लंका दहन का मंचन होगा. इसके बाद मेघनाद, कुंभकरण, नरांतक व रावण के पुतले का दहन अलग-अलग दिनों में किया जाएगा. यह इकलौती ऐसी लीला है, जिसमें नरांतक का भी पुतला दहन किया जाता है.
मूक रामलीला में शुरुआत के पांच दिन राम जन्म सहित विभिन्न लीलाओं का मंचन होता है. आखिरी के दस दिन राम रावण युद्ध की लीला के मंचन के तीरों की बारिश होती है. पारीक के अनुसार आखिरी के दस दिन रोज 800 से 1000 तीरों की बारिश होगी. इसके लिए 25 धनुष तैयार किए गए हैं. इसके साथ ही अन्य हथियारों की भी तैयारी है, जिससे युद्ध के दृश्यों में वास्तविकता और भव्यता दिख सके.
इस अनूठी मूक रामलीला को अयोध्या में बन रहे श्रीराम मंदिर के संग्रहालय में भी स्थान मिलने जा रहा है. वहां बिसाऊ की इस धरोहर के चित्र व स्वरूपों के मुखौटे आदि का प्रदर्शन किया जाएगा. इसके लिए पिछले साल विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष रमेश गुप्ता लीला का अवलोकन करने बिसाऊ आए थे. वह यहां सात दिन रुके थे. इस दौरान अपने साथ लीला संबंधित वीडियो बनवाकर ले गए थे.
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