देश का मान बढ़ाने वाले ओमप्रकाश ने छह साल में लगा दी पदकों की झड़ी

ओमप्रकाश कृष्णिया। फोटो: न्यूज18 राजस्थान
एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक जीतने वाली चार सदस्यों की टीम में शामिल शेखावाटी के झुंझुनूं के बुडाना गांव निवासी ओमप्रकाश कृष्णिया ने छह साल के अथक प्रयासों के बाद यह उपलब्धि हासिल की है.
- News18 Rajasthan
- Last Updated: August 24, 2018, 6:28 PM IST
जकार्ता में चल रहे एशियन गेम्स-2018 में शुक्रवार सुबह भारत की नौकायान (रोइंग टीम) ने पुरुषों की टीम ने क्वाडरपल स्कल्स स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीत कर भारत का मान बढ़ाया. स्वर्ण पदक जीतने वाली चार सदस्यों की टीम में शामिल शेखावाटी के झुंझुनूं के बुडाना गांव निवासी ओमप्रकाश कृष्णिया ने छह साल के अथक प्रयासों के बाद यह उपलब्धि हासिल की है.
ये भी पढ़ें- रेगिस्तान से निकले शख्स ने नौकायन में दिलाया गोल्ड
10 मार्च 1991 को बुडाना निवासी शिशपाल कृष्णिया के घर जन्मे ओमप्रकाश 8 अप्रैल 2010 को सेना की 7 राजरिफ में भर्ती हुए थे. ओमप्रकाश ने 2012 से नौकायान में भाग लेना शुरू किया. 2012 में ही उन्होंने पहली बार राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में शामिल होकर पदक जीतकर अपना दम दिखाया था. उसके बाद ओमप्रकाश ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और पदकों की झड़ी लगा दी.
ओमप्रकाश को मिले पदक2012 में 16वीं चलैंजर स्प्रिंट नेशनल प्रतियोगिता में रजत पदक.
2015 में केरल में संपन्न हुए 35 वें नेशनल गेम्स में एक स्वर्ण पदक व एक कांस्य पदक.
2015 में थाइलैंड में संपन्न हुए इन्डोर एशियन चैम्पियनशिप में कांस्य पदक.
2015 में ही कोरिया में संपन्न हुए एशियन गेम्स में पांचवां स्थान प्राप्त किया.
2016 में पुणे में संपन्न हुये आर्मी इन्डोर रोइंग चैम्पियनशिप में रजत पदक.
2016 में यूएस क्लब नेशनल रोइंग चैम्पियनशिप में रजत पदक.
2017 में पुणे में संपन्न हुए आर्मी इन्डोर रोइंग चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक.
2017 में पुणे में संपन्न हुई 36 वीं नेशनल रोइंग चैम्पियनशिप में पदक जीता.
जरूरत है प्रतिभाओं को सही मौका व प्रशिक्षण देने की
भारतीय नौकायान टीम द्वारा स्वर्ण पदक जीतने पर 2010 के एशियाड में नौकायान की व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाले सीकर के बजरंगलाल ताखर ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि शेखावाटी में बहुत से प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं. जरूरत है उन्हें सही मौका व प्रशिक्षण देने की.
सरकार कुछ नहीं कर रही
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक विजेता खिलाड़ियों को हरियाणा व पंजाब सरकार की तरह सीधे प्रशासनिक अधिकारी पद पर नियुक्त करने की राजस्थान सरकार की घोषणा पर ताखर का कहना है कि इस मामले में सरकार कुछ नहीं कर रही है. उन्होंने 2010 के एशियाड में व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था. राज्य सरकार ने सीधे पुलिस उपाधीक्षक बनाने का वायदा किया था, लेकिन आज तक कुछ नहीं किया. सभी सरकारें झूठ बोलकर खिलाड़ियों को गुमराह कर रही है.
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10 मार्च 1991 को बुडाना निवासी शिशपाल कृष्णिया के घर जन्मे ओमप्रकाश 8 अप्रैल 2010 को सेना की 7 राजरिफ में भर्ती हुए थे. ओमप्रकाश ने 2012 से नौकायान में भाग लेना शुरू किया. 2012 में ही उन्होंने पहली बार राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में शामिल होकर पदक जीतकर अपना दम दिखाया था. उसके बाद ओमप्रकाश ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और पदकों की झड़ी लगा दी.
ओमप्रकाश को मिले पदक2012 में 16वीं चलैंजर स्प्रिंट नेशनल प्रतियोगिता में रजत पदक.
2015 में केरल में संपन्न हुए 35 वें नेशनल गेम्स में एक स्वर्ण पदक व एक कांस्य पदक.
2015 में थाइलैंड में संपन्न हुए इन्डोर एशियन चैम्पियनशिप में कांस्य पदक.
2015 में ही कोरिया में संपन्न हुए एशियन गेम्स में पांचवां स्थान प्राप्त किया.
2016 में पुणे में संपन्न हुये आर्मी इन्डोर रोइंग चैम्पियनशिप में रजत पदक.
2016 में यूएस क्लब नेशनल रोइंग चैम्पियनशिप में रजत पदक.
2017 में पुणे में संपन्न हुए आर्मी इन्डोर रोइंग चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक.
2017 में पुणे में संपन्न हुई 36 वीं नेशनल रोइंग चैम्पियनशिप में पदक जीता.
जरूरत है प्रतिभाओं को सही मौका व प्रशिक्षण देने की
भारतीय नौकायान टीम द्वारा स्वर्ण पदक जीतने पर 2010 के एशियाड में नौकायान की व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाले सीकर के बजरंगलाल ताखर ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि शेखावाटी में बहुत से प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं. जरूरत है उन्हें सही मौका व प्रशिक्षण देने की.
सरकार कुछ नहीं कर रही
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक विजेता खिलाड़ियों को हरियाणा व पंजाब सरकार की तरह सीधे प्रशासनिक अधिकारी पद पर नियुक्त करने की राजस्थान सरकार की घोषणा पर ताखर का कहना है कि इस मामले में सरकार कुछ नहीं कर रही है. उन्होंने 2010 के एशियाड में व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था. राज्य सरकार ने सीधे पुलिस उपाधीक्षक बनाने का वायदा किया था, लेकिन आज तक कुछ नहीं किया. सभी सरकारें झूठ बोलकर खिलाड़ियों को गुमराह कर रही है.