आश्रम में नाबालिग के यौन उत्पीड़न मामले में सलाखों के पीछे दिन काटने को मजबूर आसाराम पर जेल से गवाहों पर हमले कराने से जुड़ा एक और खुलासा हुआ है.
शाहजहांपुर में आसाराम के खिलाफ गवाही देने वाले कृपाल सिंह की हत्या के आरोपी नारायण पांडे ने पुलिस गवाही में यह खुलासा किया है. पांडे के अनुसार आसाराम के पास 2000 समर्थकों की फिदायीन फौज है. इसमें शामिल शख्स आसाराम के एक इशारे पर कुछ भी कर सकता है. इन सभी समर्थकों को एकमात्र लक्ष्य है आसाराम के लिए जीना या मरना. ये आसाराम के खिलाफ जाने वालों (गवाहों) को कभी भी मार सकते हैं.
उल्लेखनीय है कि दो सप्ताह पूर्व आसाराम मामले के मुख्य गवाह कृपाल सिंह की शाहजहांपुर में हत्या हो गई थी. पुलिस ने भले ही कृपाल सिंह के हत्यारे नारायण पांडे को गिरफ्तार कर लिया हो लेकिन इस मामले पर से कई अहम खुलासे होना अभी बाकी हैं. जोधपुर पुलिस और उत्तर प्रदेश की शाहजहांपुर पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए गत 22 जुलाई को गवाह कृपाल सिंह के हत्यारे नारायण पांडे को जोधपुर से गिरफ्तार किया था.
इस मामले में एक पुलिस विरिष्ठ अधिकारी ने खुलासा किया है कि नारायण पांडे के अलावा एक अन्य संदिग्ध भी है जो अन्य गवाहों को मारने की कोशिश कर सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पुलिस का कहना है कि यह संदिग्ध जोधपुर में छिपा हो सकता है. तथा यह पुलिस की नजर से बचने के लिए जल्द ही गुजरात भाग सकता है. पुलिस को अंदेशा है कि आसाराम मामले में अब तक जितने भी गवाहों पर हमले हुए है उनमें इस शख्स का हाथ हो सकता है.
हाल ही उत्तर प्रदेश पुलिस को एक ऑडियों टेप भी बरामद हुआ है जिसमें कई अहम तथ्य सामने आ रहे है. इस टेप में आसाराम द्वारा जोधपुर सेंट्रल जेल से फोन पर बात करने की पुष्टि हुई है. इस टेप में गवाह कृपाल सिंह को रिश्वत देने की पेशकश पर बातचीत हुई है. कहा जा रहा है कि आसाराम जेल के भितर से ही अपने समर्थकों को निर्देश दे रहा है.
ऑडियो टेप मिलने और गवाह कृपाल सिंह की हत्या के बाद से पुलिस ने मामले के अन्य गवाहों की सुरक्षा बढ़ा दी है. जांच अधिकारी चंचल मिश्रा जो की इस मामले की एक अहम गवाह है उनकी सुरक्षा को लेकर पुलिस काफी सतर्क नजर आ रही है, क्यूंकि चंचल मिश्रा के बयान ही इस केस एक दिशा तय कर सकते हैं. इसके अलावा अभियोजन पक्ष के वकीलों को भी पुलिस की ओर से सुरक्षा प्रदान की गई है. चंचल मिश्रा को एक अतिरिक्त सुरक्षा गार्ड भी दिया गया है.
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FIRST PUBLISHED : July 27, 2015, 12:36 IST