अपने ही गुरुकुल की छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न के मामले (Sexual harassment case) में जीवन की आखिरी सांस तक जेल की सजा भुगत रहे आसाराम (Asaram) के इलाज को लेकर दायर उनके बेटे नारायण साईं (Narayan Sai) की याचिका तथा आसाराम की याचिका पर आज हाईकोर्ट में विशेष रूप से गठित की गई खंडपीठ में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान आसाराम के अधिवक्ता प्रदीप चौधरी और नारायण साईं के अधिवक्ता ने अपनी-अपनी याचिका वापस ले ली. इसके साथ ही इन दोनों याचिकाओं का निस्तारण हो गया.
दरअसल आसाराम की याचिका पूर्व में हाईकोर्ट में स्वीकार नहीं की गई थी. उसमें यह मांग की गई थी कि आसाराम का इलाज केरल के किसी आयुर्वेद विशेषज्ञ के पास या जोधपुर के करवड़ आयुर्वेद अस्पताल में कराया जाये. इसके बाद आसाराम ने सुप्रीम कोर्ट में इस मांग को लेकर याचिका दायर की. उस पर आदेश आना बाकी है. ऐसे में हाईकोर्ट में दायर याचिकाओं का कोई औचित्य नहीं रह जाता. इसके चलते आसाराम और उसके बेटे ने अपनी याचिकायें वापस ले ली.
पिछले दिनों आसाराम की तबीयत नासाज होने के बाद उसे जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. वहां से आसाराम को एम्स में शिफ्ट कर दिया गया था. आसाराम के पेट में अल्सर की समस्या का संदेह होने पर डॉक्टर ने एंडोस्कोपी जांच करवाई थी. आसाराम को इस दौरान दो बोतल खून भी चढ़ाया गया था, लेकिन वह लगातार एलोपैथी तरीके से इलाज करवाने से आनाकानी कर रहा था. इस पर आसाराम ने हाईकोर्ट में याचिका पेशकर गुहार की थी कि उसका इलाज आयुर्वेद तरीके से कराया जाये. लेकिन हाईकोर्ट ने उसे अस्वीकार कर दिया था.
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FIRST PUBLISHED : June 07, 2021, 15:47 IST