राजस्थान में पहले सामने आ चुका है फर्जी डिग्रियों का मामला.
जोधपुर. राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित विरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले (Paper Leak Case) में आरोपियों की गिरफ्तारियों के दौरान पुलिस को कुछ विश्वविद्यालयों की फर्जी मार्कशीट और डिग्रियां (Fake Marksheets and Degrees) बरामद हुई हैं. इसके बाद में पुलिस ने आशंका जताई है कि राजस्थान में फर्जी डिग्री बांटने वाला गिरोह भी सक्रिय हो सकता है. इन फर्जी डिग्रियों के दम पर सरकारी नौकरी हासिल करने की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता है. पुलिस इस पूरे मामले की जांच करने में जुटी है. संभावना जताई जा रही है कि आयुर्वेद नर्सिंग भर्ती के दौरान फर्जी डिग्रियां बांटने में भी इस गिरोह का हाथ हो सकता है.
दरअसल साल 2021 में आयुर्वेद नर्सिंग भर्ती के 704 पदों पर सीधी भर्ती प्रक्रिया के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए थे. इस भर्ती प्रक्रिया में बड़ी संख्या में अभ्यार्थियों ने आवेदन किया था. बाद में विभाग की ओर से जारी वरीयता सूची में बड़ी संख्या में मेघालय के महात्मा गांधी विश्वविद्यालय से नर्सिंग कोर्स किए अभ्यार्थियों ने उसमें जगह बनाई थी. इस भर्ती में आवेदन करने वाले करीब 93 अभ्यार्थियों ने एमजीयू से डिग्री हासिल की थी. उन सभी अभ्यार्थियों ने 80 से 90 फीसदी अंक हासिल किए थे. उसके चलते उन्होंने वरीयता सूची में अनारक्षित श्रेणी में जगह बनाई थी.
डिग्रियों पर हुआ संदेह हुआ पांच सदस्यीय कमेटी ने की जांच
वरीयता सूची जारी होने के बाद अन्य अभ्यार्थियों ने इस मामले में फर्जी डिग्री होने का अंदेशा जताया था. उसके बाद आयुर्वेद विभाग के निदेशक आनंद शर्मा की अध्यक्षता में पांच सदस्यों की कमेटी बनाई गई थी. इस कमेटी ने मेघालय जाकर जानकारी हासिल की. सरकार की ओर से गठित इस कमेटी ने बाद में इन अभ्यार्थियों की डिग्री को फर्जी और संदेहास्पद मानकर सभी अभ्यार्थियों को भर्ती प्रक्रिया से बाहर करने का आदेश जारी किया.
आयुर्वेद विभाग ने नहीं दर्ज कराई थी प्राथमिकी
उसके बाद उक्त अभ्यार्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका पेश कर कमेटी के निर्णय को चुनौती दी. इस पर कोर्ट ने उक्त पदों पर अंतिम सूची जारी करने पर अस्थाई रोक लगाते हुए मामले की सुनवाई शुरू की. इस दौरान तेलंगाना के साइबराबाद पुलिस ने एक फर्जी डिग्री बांटने वाले गिरोह का भांडाफोड़ किया. इस गिरोह से मिली जानकारी के आधार पर मेघालय के महात्मा गांधी विश्वविद्यालय से जुड़े लोगों को गिरफ्तार किया गया था. उनके कब्जे से दस्तावेजों के साथ कम्प्यूटर और डिग्रियां बरामद की गई. इस मामले में आयुर्वेद विभाग ने मेघालय के महात्मा गांधी विश्वविद्यालय से डिग्री लेने वाले अभ्यार्थियों की डिग्रियों को सही नहीं माना लेकिन इस मामले को लेकर प्राथमिकी भी दर्ज नहीं करवाई गई.
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