India-France Desert Night: जनरल बिपिन रावत ने फ्रांस के एयर रिफ्यूलर से भरी उड़ान, राफेल ने हवा में भरा ईंधन

देश के रक्षा प्रमुख यानी चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत पाक सीमा पर चल रहे भारत-फ्रांस की वायुसेनाओं के संयुक्त युद्धाभ्यास को देखने जोधपुर पहुंचे.
Jodhpur News: पाक सीमा पर चल रहे भारत और फ्रांस की वायुसेना के संयुक्त युद्धाभ्यास डेजर्ट नाइट 21 पर सामरिक विशेषज्ञों की नजरें जमी हैं. देश के रक्षा प्रमुख यानी चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत (CDS General Bipin Rawat) भी इस युद्धाभ्यास को देखने पहुंचे.
- News18Hindi
- Last Updated: January 23, 2021, 11:50 AM IST
जोधपुर. पाकिस्तान की सीमा पर चल रहे भारत और फ्रांस की वायुसेना के संयुक्त युद्धाभ्यास डेजर्ट नाइट (21 Desert Night 21) पर पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान और चीन की नजरें भी जमी हैं. इस बीच देश के रक्षा प्रमुख यानी चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत भी युद्धाभ्यास को देखने पहुंचे. जनरल रावत ने पहले फ्रांस की टीम के मुखिया मेजर जनरल लॉरेंट हरबिटेट से मुलाकात की. उन्होंने फ्रांस के एयर रिफ्यूलर में उड़ान भर कर करीब 50 मिनट तक दोनों देशों के वायु सैनिकों के युद्धाभ्यास को बारीकी से परखा. इस दाैरान राफेल और सुखाई लड़ाकू विमानों (Fighter Jets) ने हवा में ईंधन भरने का कमाल किया.
युद्धाभ्यास की शुरुआत सुबह हुई और सबसे पहले दोनों देशों के वाररूम में संयुक्त ब्रीफिंग हुई। सुबह करीब 6:15 बजे रनवे के झालामंड छोर से राफेल टेक ऑफ हुआ। फिर एक बाद एक चार राफेल आसमान में गरजने लगे. इसके बाद सुखोई 30 एमकेआई भी उड़े. भारतीय अवाक्स ने हवा में फाइटर्स जेट्स को कंट्रोल किया. उसने राफेल के साथ भारतीय लड़ाकू विमानों को टारगेट दिए और जिसे उन्होंने हासिल कर लिया.

हवा में कलाबाजियां कर राफेल ने सटीक निशाना साधा भारत और फ्रांस की वायुसेना के संयुक्त युद्धाभ्यास में शुक्रवार को फाइटर जेट राफेल और सुखोई में कमाल का टीम वर्क देखने को मिला. जोधपुर एयरबेस से चार राफेल और सुखोई ने एक साथ उड़ान भरी. 400 मीटर की ऊंचाई पर पहुंचने तक चारों राफेल ने त्रिशूल फॉर्मेशन बनाया और सुखाई इन्हें लीड करता उड़ान भर रहा था. निर्धारित स्थान पर पहुंचने पर सुखोई ने पीछे उड़ रहे चारों राफेल को टारगेट बताए, इस पर राफेल ने हवा में ही सटीक निशाने से टारगेट को हिट किया. इन पांचों लड़ाकू विमानों के पीछे एक और सुखोई उड़ रहा था। इसमें लगे कैमरों से पायलट ने पांचों फाइटर्स के फोटो क्लिक किए.
युद्धाभ्यास के लिए एयरफोर्स की दो ऑपरेशनल कमान गांधी नगर स्थित दक्षिण पश्चिम वायु कमान (स्वैक) व इलाहबाद स्थित सेंट्रल कमान सक्रिय भूमिका निभा रही हैं. इन दोनों कमान के अधीन आने वाले एयरबेस से विभिन्न विमानों को जोधपुर भेजा जा रहा है. वारगेम में शामिल फ्रांसीसी फाइटर पायलट यहां मिल रहे फ्रीडम ऑफ ऑपरेशन से उत्साहित हैं. जोधपुर में राफेल उड़ाने के लिए उन्हें खुला और एयर ट्रैफिक मुक्त आसमान मिल रहा है.
जोधपुर में ही हुई थी राफेल सौदे की भूमिका तैयार
साल 2014 में भारत-फ्रांस वायुसेना के संयुक्त युद्धाभ्यास 'गरुड़' में राफेल जोधपुर में अपनी ताकत दिखा चुका है. उस समय राफेल और सुखोई के बीच रोमांचक मुकाबला देखने को मिला था. इस युद्धाभ्यास में फ्रांस के एयर चीफ डेनिस मर्सियर ने सुखोई से उड़ान भरी थी. जबकि तत्कालीन एयर चीफ मार्शल अरुप राहा ने सबसे पहले जोधपुर में ही राफेल उड़ा इसकी परीक्षण किया था.
युद्धाभ्यास की शुरुआत सुबह हुई और सबसे पहले दोनों देशों के वाररूम में संयुक्त ब्रीफिंग हुई। सुबह करीब 6:15 बजे रनवे के झालामंड छोर से राफेल टेक ऑफ हुआ। फिर एक बाद एक चार राफेल आसमान में गरजने लगे. इसके बाद सुखोई 30 एमकेआई भी उड़े. भारतीय अवाक्स ने हवा में फाइटर्स जेट्स को कंट्रोल किया. उसने राफेल के साथ भारतीय लड़ाकू विमानों को टारगेट दिए और जिसे उन्होंने हासिल कर लिया.

जोधपुर पहुंचे जनरल रावत ने पहले फ्रांस की टीम के मुखिया मेजर जनरल लॉरेंट हरबिटेट से मुलाकात की.
हवा में कलाबाजियां कर राफेल ने सटीक निशाना साधा भारत और फ्रांस की वायुसेना के संयुक्त युद्धाभ्यास में शुक्रवार को फाइटर जेट राफेल और सुखोई में कमाल का टीम वर्क देखने को मिला. जोधपुर एयरबेस से चार राफेल और सुखोई ने एक साथ उड़ान भरी. 400 मीटर की ऊंचाई पर पहुंचने तक चारों राफेल ने त्रिशूल फॉर्मेशन बनाया और सुखाई इन्हें लीड करता उड़ान भर रहा था. निर्धारित स्थान पर पहुंचने पर सुखोई ने पीछे उड़ रहे चारों राफेल को टारगेट बताए, इस पर राफेल ने हवा में ही सटीक निशाने से टारगेट को हिट किया. इन पांचों लड़ाकू विमानों के पीछे एक और सुखोई उड़ रहा था। इसमें लगे कैमरों से पायलट ने पांचों फाइटर्स के फोटो क्लिक किए.
युद्धाभ्यास के लिए एयरफोर्स की दो ऑपरेशनल कमान गांधी नगर स्थित दक्षिण पश्चिम वायु कमान (स्वैक) व इलाहबाद स्थित सेंट्रल कमान सक्रिय भूमिका निभा रही हैं. इन दोनों कमान के अधीन आने वाले एयरबेस से विभिन्न विमानों को जोधपुर भेजा जा रहा है. वारगेम में शामिल फ्रांसीसी फाइटर पायलट यहां मिल रहे फ्रीडम ऑफ ऑपरेशन से उत्साहित हैं. जोधपुर में राफेल उड़ाने के लिए उन्हें खुला और एयर ट्रैफिक मुक्त आसमान मिल रहा है.
जोधपुर में ही हुई थी राफेल सौदे की भूमिका तैयार
साल 2014 में भारत-फ्रांस वायुसेना के संयुक्त युद्धाभ्यास 'गरुड़' में राफेल जोधपुर में अपनी ताकत दिखा चुका है. उस समय राफेल और सुखोई के बीच रोमांचक मुकाबला देखने को मिला था. इस युद्धाभ्यास में फ्रांस के एयर चीफ डेनिस मर्सियर ने सुखोई से उड़ान भरी थी. जबकि तत्कालीन एयर चीफ मार्शल अरुप राहा ने सबसे पहले जोधपुर में ही राफेल उड़ा इसकी परीक्षण किया था.