रिपोर्ट- पुनीत माथुर
जोधपुर: जोधपुर में आयोजित हो रहे राजस्थान साहित्य उत्सव में साहित्यकार और कलाकारों का हुजूम लगा है. इसी उत्सव में पद्मश्री अनवर खान हिस्सा लेने पहुंचे.पदम श्री अनवर खान की लोकप्रियता की बात करें, तो इनकी फैन सिर्फ भारतीय लोग ही नहीं हैं, बल्कि बराक ओबामा ने भी इनके लिए लिखा है. इटली और स्पेन के राजाओं ने भी इनकी तारीफ की है. पद्मश्री अनवर खान ने इस अवसर पर लोकगीतों के गायन से समा बांध दिया.
उन्होंने न्यूज 18 डिजिटल से विशेष बातचीत करते हुए बताया कि साहित्य राजस्थान की लोक संस्कृति और खून में बसता है. हमारे पूर्वजों ने उस समय लोक गीत लिखे, जिसे आज के साहित्यकार पढ़ते हैं और उस पर शोध करते हैं. हमारे पूर्वज इतने पढ़े-लिखे नहीं थे. हमारे ज्यादातर गीत चारण समाज के लेखकों द्वारा लिखे गए हैं, जो राजा महाराजाओं के समय कविताओं का लेखन और पाटन करते थे.
उस समय के परिदृश्य और उसके अनुसार आने वाले समय में होने वाली घटनाओं को ध्यान में रखते हुए लिखते थे.आज इतनी पीढ़ियों के बाद भी वह गीत ऐसा महसूस करवाते हैं जैसे आज के समय को परिभाषित कर रहे हैं. हमारे लोकगीतों में मनुष्य के जन्म से लेकर पूरे जीवन में होने वाले मुख्य अवसरों और मृत्यु तक के लोकगीत लिखे गए हैं. जिससे हम अपने जीवन से सीधा जुड़ाव महसूस कर सकते हैं. अनवर खान ने न्यूज-18 के लिए मारवाड़ के राजा महाराजाओं के जीत के समय गाए जाने वाला पौराणिक गीत ‘ धुसो बाजे सा राठौड़ मारी मारवाड़ रा’ भी गाया.
वहीं अपना दर्द साझा करते हुए कहा कि कलाकार पद्मश्री होने के बाद भी शिक्षा नहीं होने के कारण देश विदेश जाते हैं. आज हमने 60 से ज्यादा देशों में 500 से अधिक बार अपनी कला का प्रदर्शन किया है, लेकिन हम हमारे रूम का नंबर तक नहीं पूछ पाते कहीं रास्ता नहीं पूछ पाते, किसी से संवाद नहीं कर पाते. शिक्षा का जीवन में बहुत महत्व है, जो मुश्किलें हमने अपने जीवन में देखी हम नहीं चाहते कि हमारे आने वाली जनरेशन इस समस्या का सामना करें.वह पढ़े लिखे और इस साहित्य को नासिर चंदा रखें बल्कि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं.
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