जोधपुर एलीवेटेड रोड प्रोजेक्ट मंजूर: सीएम गहलोत के गृहक्षेत्र में केन्द्रीय मंत्री शेखावत का मास्टर स्ट्रोक

शेखावत ने अपनी मजबूत रणनीति दम के बूते पर्यटन नगरी ब्लू सिटी जोधपुर में गत डेढ़ दशक से चुनावी मु्द्दा बने एलीवेटड रोड का प्रोजेक्ट केन्द्र से मंजूर करवाकर कांग्रेस को चारों खाने चित कर दिया है.
सूबे के सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के गृहक्षेत्र जोधपुर शहर के लिये अहम एलीवेटेड रोड प्रोजेक्ट मंजूर करवाकर यहां के सांसद एवं केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने (Gajendra Singh Shekhawat) जो सियासी दांव खेला उसके आज हर जगह चर्चे हो रहे हैं.
- News18 Rajasthan
- Last Updated: December 25, 2020, 5:41 PM IST
जोधपुर. प्रदेश की राजनीति के सबसे बड़े दंगल सूर्य नगरी जोधपुर (Jodhpur) में बीजेपी और कांग्रेस के सियासी दांवपेच चलना आम बात है. जोधपुर एक तरफ जहां सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) का गृह क्षेत्र है. वहीं यह केन्द्र सरकार में जल शक्ति मंत्रालय की अहम जिम्मेदारी संभाल रहे गजेन्द्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) की यह कर्मभूमि है. गहलोत के गृहक्षेत्र में उनको लगातार दो बार सियासी मात देकर सांसद बने शेखावत ने इस बार कांग्रेस को जबर्दस्त पटखनी देते हुये जो बाजी मारी है उसके आज प्रदेशभर में चर्चे हो रहे हैं.
शेखावत ने अपनी मजबूत रणनीति के दम के बूते पर्यटन नगरी ब्लू सिटी जोधपुर में गत डेढ़ दशक से चुनावी मु्द्दा बने एलीवेटेड रोड का प्रोजेक्ट केन्द्र से मंजूर करवाकर कांग्रेस को चारों खाने चित कर दिया है. इस प्रोजेक्ट को हाल ही में 25 दिन पहले राज्य की गहलोत सरकार ने असंभव बताते हुये खारिज कर दिया था.
1200 करोड़ रुपए का है एलिवेटेड रोड प्रोजेक्ट
जोधपुर को अपने 561 साल के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा इन्फ्राट्रक्चर प्रोजेक्ट हासिल हो गया है. शहर के बढ़ते यातायात दबाव को देखते हुए पिछले कई बरसों से शहर में एलिवेटेड रोड की मांग की जा रही थी. 25 दिन पहले राज्य सरकार ने एलिवेटेड रोड प्रोजेक्ट को खारिज कर दिया था. लेकिन केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री एवं जोधपुर सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत के प्रयास से जोधपुर शहर का 1200 करोड़ रुपए का एलिवेटेड रोड प्रोजेक्ट मंजूर हो गया है. इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी जोधपुर शहर में एलिवेटेड रोड को लेकर केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का आभार जताया है.जयपुर: सीएम अशोक गहलोत ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की जमकर की तारीफ, कही ये बड़ी बातें

दस साल इंतजार के बाद राज्य सरकार ने कर दिया था खरिज
दरअसल प्रदेश के दूसरे बड़े शहर जोधपुर में मुख्य हॉटलाइन पर यातायात का दबाव इतना बढ़ गया कि पिछले डेढ़ दशक से एलिवेटेड रोड की मांग उठने लगी थी. अशोक गहलोत जब तीसरी बार मुख्यमंत्री बने तो शहर को एक बार फिर एलिवेटेड रोड की उम्मीद जगी थी. मुख्यमंत्री ने अपने पहले बजट में जोधपुर शहर में एलिवेटेड रोड प्रोजेक्ट की डीपीआर बनाने की भी घोषणा कर शहर की उम्मीदों को और बढ़ा दिया था. लेकिन 25 दिन पहले नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने शहर के सबसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट एलिवेटेड रोड को खारिज कर दिया था. उन्होंने कहा था कि एलिवेटेड रोड के बीच में हेरिटेज इमारतें हैं. इनको देखते हुए एलिवेटेड रोड नहीं बनाई जा सकती.
केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री के प्रयास से केंद्र ने दी सौगात
राज्य सरकार ने जब एलिवेटेड रोड प्रोजेक्ट को खारिज किया तो जोधपुर सांसद एवं केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात कर जोधपुर शहर के इस प्रोजेक्ट को पूरा करने का अनुरोध किया. इसके कुछ दिनों बाद गुरुवार को केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने जोधपुर शहर में 1200 करोड़ से बनने वाली एलिवेटेड रोड को मंजूर कर उसकी घोषणा कर दी. गडकरी ने इसकी घोषणा गुरुवार को राजस्थान की 18 सड़क परियोजनाओं के वर्चुअल उद्घाटन-शिलान्यास समारोह के दौरान की. इसके बाद तो भाजपाई अपनी इस सियासी जीत के जश्न में डूब गये.
शहर की हार्ट लाइन एलिवेटेड रोड 9.5 किलोमीटर लंबी होगी
जोधपुर शहर में बनने वाली एलिवेटेड रोड पर नजर डालें तो यह शहर के आखलिया चौराहे से शुरू होकर मंडोर तक साढ़े 9 किलोमीटर लंबी होगी. इसमें केन्द्रीय मंत्री ने दो डिजाइनों का सुझाव दिया है. इनमें एक में तो मेट्रो ट्रैक भी शामिल करने की बात कही गई है वहीं दूसरी अंडरग्राउंड रोड के साथ-साथ तीसरे फ्लाई ओवर होने कभी बात कही गई है.
शेखावत ने अपनी मजबूत रणनीति के दम के बूते पर्यटन नगरी ब्लू सिटी जोधपुर में गत डेढ़ दशक से चुनावी मु्द्दा बने एलीवेटेड रोड का प्रोजेक्ट केन्द्र से मंजूर करवाकर कांग्रेस को चारों खाने चित कर दिया है. इस प्रोजेक्ट को हाल ही में 25 दिन पहले राज्य की गहलोत सरकार ने असंभव बताते हुये खारिज कर दिया था.
1200 करोड़ रुपए का है एलिवेटेड रोड प्रोजेक्ट
जोधपुर को अपने 561 साल के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा इन्फ्राट्रक्चर प्रोजेक्ट हासिल हो गया है. शहर के बढ़ते यातायात दबाव को देखते हुए पिछले कई बरसों से शहर में एलिवेटेड रोड की मांग की जा रही थी. 25 दिन पहले राज्य सरकार ने एलिवेटेड रोड प्रोजेक्ट को खारिज कर दिया था. लेकिन केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री एवं जोधपुर सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत के प्रयास से जोधपुर शहर का 1200 करोड़ रुपए का एलिवेटेड रोड प्रोजेक्ट मंजूर हो गया है. इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी जोधपुर शहर में एलिवेटेड रोड को लेकर केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का आभार जताया है.जयपुर: सीएम अशोक गहलोत ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की जमकर की तारीफ, कही ये बड़ी बातें
दस साल इंतजार के बाद राज्य सरकार ने कर दिया था खरिज
दरअसल प्रदेश के दूसरे बड़े शहर जोधपुर में मुख्य हॉटलाइन पर यातायात का दबाव इतना बढ़ गया कि पिछले डेढ़ दशक से एलिवेटेड रोड की मांग उठने लगी थी. अशोक गहलोत जब तीसरी बार मुख्यमंत्री बने तो शहर को एक बार फिर एलिवेटेड रोड की उम्मीद जगी थी. मुख्यमंत्री ने अपने पहले बजट में जोधपुर शहर में एलिवेटेड रोड प्रोजेक्ट की डीपीआर बनाने की भी घोषणा कर शहर की उम्मीदों को और बढ़ा दिया था. लेकिन 25 दिन पहले नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने शहर के सबसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट एलिवेटेड रोड को खारिज कर दिया था. उन्होंने कहा था कि एलिवेटेड रोड के बीच में हेरिटेज इमारतें हैं. इनको देखते हुए एलिवेटेड रोड नहीं बनाई जा सकती.
केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री के प्रयास से केंद्र ने दी सौगात
राज्य सरकार ने जब एलिवेटेड रोड प्रोजेक्ट को खारिज किया तो जोधपुर सांसद एवं केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात कर जोधपुर शहर के इस प्रोजेक्ट को पूरा करने का अनुरोध किया. इसके कुछ दिनों बाद गुरुवार को केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने जोधपुर शहर में 1200 करोड़ से बनने वाली एलिवेटेड रोड को मंजूर कर उसकी घोषणा कर दी. गडकरी ने इसकी घोषणा गुरुवार को राजस्थान की 18 सड़क परियोजनाओं के वर्चुअल उद्घाटन-शिलान्यास समारोह के दौरान की. इसके बाद तो भाजपाई अपनी इस सियासी जीत के जश्न में डूब गये.
शहर की हार्ट लाइन एलिवेटेड रोड 9.5 किलोमीटर लंबी होगी
जोधपुर शहर में बनने वाली एलिवेटेड रोड पर नजर डालें तो यह शहर के आखलिया चौराहे से शुरू होकर मंडोर तक साढ़े 9 किलोमीटर लंबी होगी. इसमें केन्द्रीय मंत्री ने दो डिजाइनों का सुझाव दिया है. इनमें एक में तो मेट्रो ट्रैक भी शामिल करने की बात कही गई है वहीं दूसरी अंडरग्राउंड रोड के साथ-साथ तीसरे फ्लाई ओवर होने कभी बात कही गई है.