हाइड्रोपोनिक्स तकनीक से खेती
रिपोर्ट- पुनीत माथुर
जोधपुर.पूरी दुनिया में ग्लोबल वार्मिंग के चलते तापमान बढ़ रहा है.पानी की उपलब्धता दिन प्रतिदिन घट रही है. आबादी बढ़ने से खेती योग्य जमीन भी दिन प्रतिदिन कम होती जा रही है. वहीं इसके उलट खाद्यान्न की मांग बढ़ी है. इस बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिए प्रोडक्शन को बढ़ाने हेतु कई तरह के जतन किए जा रहे हैं.दवाइयों और केमिकल्स का इस्तेमाल भी खेती में बढ़ रहा है और केमिकल से पैदा होने वाली सब्जियां के इस्तेमाल से बीमारियां भी इजाफा हुआ है. ऐसे में जरूरत है आज की परिस्थितियों के अनुसार खेती के उन्नत तकनीक को अपनाना और खाद्यान्न की मांग को भी पूरा करना.इसके लिए जोधपुर के काजरी ने उन्नत तकनीक विकसित की है. इस तकनीक के द्वारा बिना मिट्टी और 80 फ़ीसदी तक कम पानी के इस्तेमाल से सब्जियां उगाई जा सकती है.
इस तकनीक को हाइड्रोपोनिक्स तकनीक कहते है.इसमें मिट्टी की आवश्यकता नहीं होने के कारण इसे छत या खेत में कंटेनर और पॉलीहाउस लगाकर फसल उगाई जा सकती है.काजरी के वैज्ञानिक प्रदीप कुमार ने बताया कि मिट्टी आधारित खेती नहीं होने के कारण इस तकनीक द्वारा एक आवरण में होने वाली खेती में क्रॉप की जड़ों को पानी रखा जाता है.पानी में सभी तरह के पोषक तत्व मिला दिए जाते हैं जो की मिट्टी से फसल लेती है.इस तकनीक में टावर सिस्टम में वर्टिकल रूप से भी फसल ली जा सकती है.शहरी क्षेत्र में इस तकनीक का उपयोग करते हुए घरों की छत पर पत्तेदार सब्जियां की फसल ली जा सकती है.यह बंद वातावरण में होने के कारण यह प्रदूषण से दूर रहती है. जिससे फसल की गुणवत्ता पर भी प्रभाव पड़ता है. साथ ही बिना मिट्टी के भी उसी गुणवत्ता की फसल दी जाती है.इस तरह की तकनीक में कम क्षेत्र में पैदावार भी अधिक होती है. इससे घर में इस्तेमाल होने वाली सब्जियां घर में ही लगाकर इस्तेमाल की जा सकती है और बाजार की केमिकल की सब्जियों से दूर रहा जा सकता है.
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