देश के हाई प्रोफाइल मामलों में से एक आसाराम यौन शोषण मामले की सुनवाई कोर्ट के आदेश के बाद अब से जेल मे ही होगी.
आसाराम यौन शोषण मामले को लेकर कोर्ट का लिया गया निर्णय सही है. लेकिन इस निर्णय को लेने में कोर्ट ने कुछ ज्यादा समय ले लिया. दरअसल, आसाराम मामले की सुनवाई जनवरी, 2014 से ही कोर्ट में की जा रही है. इस केस पर अब तक हुई सुनवाई के खर्चे पर नजर डाली जाए तो यह खर्चा 6 करोड़ के ऊपर बैठता है. इसका गणित इस हिसाब से समझिए आसाराम की प्रत्येक पेशी पर लगभग 2 लाख रुपए का खर्चा आता है. अब तक आसाराम केस की 300 पेशियां हो चुकी है. इस प्रकार आसाराम पर अब तक 6 करोड़ से ज्यादा खर्च किए जा चुके है. ऐसे में यही कहा जा सकता है कि कोर्ट ने इस सन्दर्भ में पहले सोचा होता तो इस खर्चे में कटौती हो सकती थी.
नाबालिग से यौन शोषण के आरोप में सलाखों के पीछे बंद आसाराम के चाहने वालों की कमी नही है. जब-जब आसाराम को सुनवाई के लिए कोर्ट मे पेश किया जाता रहा है तब-तब पुलिस को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ा है. आसाराम समर्थक कोर्ट परिसर और उसके बाद जमावड़ा लगा लेते है जिससे भारी अव्यवस्थाएं फैल जाती है. कई बार तो नौबत लाठीचार्ज तक आ जाती है.
गुरु पूर्णिमा जैसे पर्वों की तो बात ही छोड़ दिजिए आम दिनों में भी आसाराम के समर्थक हजारों की संख्या में कोर्ट के बाहर उत्पात मचाते और अव्यवस्थाएं फैलाते दिख जाएंगे. कई बार आसाराम समर्थक गवाहों पर हमला कर देते है तो कई बार पुलिस से अभद्रता करते दिख जाते है. समर्थकों के बड़ी संख्या में उपस्थित रहने के कारण पुलिस भी स्वंय को बेबस सी महसूस करती है. आसाराम को एक बार कोर्ट में पेशी के लिए लाने का मतलब है 100 से अधिक जवानों का उसकी सुरक्षा में सुबह से शाम तक तैनात रहना. इसके अलावा कई गाड़ियों का लवाजमा भी आसाराम को लाने ले जाने के लिए लगाया जाता है.
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FIRST PUBLISHED : August 04, 2015, 10:08 IST