जोधपुरी जूतियों को मिलेगी विश्वव्यापी पहचान, 129 करोड़ रुपये का मिला बजट, यह है मेगा प्लान

सेंटर ऑफ एक्सीलेंस विकसित करने का उद्देश्य बाजार की बढ़ती मांग के अनुसार नए उत्पाद तैयार कर लोकल फॉर वोकल अभियान में जोधपुर की जूतियों को बढ़ावा देना है.
जोधपुर की प्रसिद्ध मोजड़ी (Jodhpuri mojdi) को अब विश्वव्यापी पहचान मिलेगी. इसके लिये फुटवियर डिजाइन एंड डेवलपमेंट इंस्टिट्यूट (एफडीडीआई) जोधपुर में शूज का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस विकसित कर रहा है.
- News18 Rajasthan
- Last Updated: December 30, 2020, 3:51 PM IST
जोधपुर. सूर्यनगरी जोधपुर (Jodhpur) की प्रसिद्धी में जोधपुरी जूतियों का अहम स्थान है. जोधपुरी मोजड़ी (Jodhpuri mojdi) नाम से प्रसिद्ध ये जूतियां प्रदेशभर में बड़े चाव पहनी जाती हैं. राजस्थान के बाहर के लोग भी इन्हें खासा पसंद करते हैं. जोधपुर आने वाले पर्यटकों के लिये यह खरीदारी का अहम आइटम है. अब जल्द ही उसको विश्वभर (Around the world) में पहचान दिलाने की कवायद शुरू होगी. केंद्र सरकार ने जोधपुरी जूतियों को विश्व मे पहचान दिलाने के लिए 129 करोड़ की लागत से सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने का काम प्रारंभ कर दिया है. आने वाले समय मे इस सेंटर से जोधपुरी जूतियों को नए लुक और डिजायन में बनाकर युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित किए जाएंगे.
देश की राष्ट्रीय पोशाक के रूप में पहचान बना चुके जोधपुरी कोट पेंट के साथ जोधपुर के जूतियां भी देशभर में पहनी जाएंगी. फुटवियर डिजाइन एंड डेवलपमेंट इंस्टिट्यूट (एफडीडीआई) जोधपुर में शूज का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस विकसित किया जा रहा है. इसमें जोधपुरी जूतियों को मॉर्डन व नए डिजाइन के साथ तैयार कर विश्व मे इनको अलग पहचान दिलाने का काम शुरू होगा.
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छात्र व छात्राएं जोधपुरी जूतियों पर करेंगे शोध
सेंटर ऑफ एक्सीलेंस विकसित करने का उद्देश्य बाजार की बढ़ती मांग के अनुसार नए उत्पाद तैयार कर लोकल फॉर वोकल अभियान में जोधपुर की जूतियों को बढ़ावा देना है. मॉडर्न ट्रेंड के अनुसार छात्र-छात्राएं जूते चप्पल तैयार करने के साथ उस पर शोध करेंगे. औद्योगिक एवं सैन्य दृष्टि से उपयोगी फुटवियर के साथ युवाओं के लिए जूतियों की नई डिजाइनें बनाई जाएंगी. केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय के अंतर्गत देशभर में 12 एफडीडीआई है. सरकार ने सात एफडीडीआई में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस विकसित करने का निर्णय किया है. वो सभी अलग-अलग होंगे. इसमें जोधपुर में स्पीड फुटवेयर का केंद्र विकसित किया जा रहा है. इसके लिए सरकार ने 129 रुपयों का करोड़ का बजट दिया है.
देश की राष्ट्रीय पोशाक के रूप में पहचान बना चुके जोधपुरी कोट पेंट के साथ जोधपुर के जूतियां भी देशभर में पहनी जाएंगी. फुटवियर डिजाइन एंड डेवलपमेंट इंस्टिट्यूट (एफडीडीआई) जोधपुर में शूज का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस विकसित किया जा रहा है. इसमें जोधपुरी जूतियों को मॉर्डन व नए डिजाइन के साथ तैयार कर विश्व मे इनको अलग पहचान दिलाने का काम शुरू होगा.
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सेंटर ऑफ एक्सीलेंस विकसित करने का उद्देश्य बाजार की बढ़ती मांग के अनुसार नए उत्पाद तैयार कर लोकल फॉर वोकल अभियान में जोधपुर की जूतियों को बढ़ावा देना है. मॉडर्न ट्रेंड के अनुसार छात्र-छात्राएं जूते चप्पल तैयार करने के साथ उस पर शोध करेंगे. औद्योगिक एवं सैन्य दृष्टि से उपयोगी फुटवियर के साथ युवाओं के लिए जूतियों की नई डिजाइनें बनाई जाएंगी. केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय के अंतर्गत देशभर में 12 एफडीडीआई है. सरकार ने सात एफडीडीआई में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस विकसित करने का निर्णय किया है. वो सभी अलग-अलग होंगे. इसमें जोधपुर में स्पीड फुटवेयर का केंद्र विकसित किया जा रहा है. इसके लिए सरकार ने 129 रुपयों का करोड़ का बजट दिया है.