रिपोर्ट: मोहित शर्मा
करौली. देश के 74वें गणतंत्र दिवस पर करौली में भी कई रंगारंग कार्यक्रम हुए. लेकिन, पहली बार 11 हजार दीपों ने करौली को जगमग कर दिया. रियासत काल में निर्मित ऐतिहासिक धरोहर एवं शहर का एकमात्र पर्यटन स्थल रणगवां तालाब दीयों की रोशनी में नहा उठा. यहां एक साथ 11 हजार दीये शहरवासियों ने जलाए. गणतंत्र दिवस का यह आयोजन शहरवासियों को हमेशा याद रहेगा.
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव और अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश बीना गुप्ता ने बताया कि रणगवां तालाब करौली का मुख्य पर्यटन स्थल है. देखभाल के अभाव में यह जर्जर स्थिति में था, इसको विकसित करने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, प्रशासन और जन सहयोग से यहां दीपदान का आयोजन किया गया. उन्होंने बताया कि इस पर्यटन स्थल को विकसित करने और इसे स्वच्छता प्रदान करने की शुरुआत के लिए गणतंत्र दिवस का दिन चुना गया. यहां 11000 मिट्टी के दीपक जलाए गए. बताया कि दीपक जहां रखा जाता है, वह स्थान पवित्र और शुद्ध होना चाहिए. इसी उद्देश्य के चलते करौली की धरा पर इस भव्य कार्यक्रम का आयोजन हुआ है.
ऐतिहासिक रहेगा यह कार्यक्रम
समाजसेवी सत्येंद्र चतुर्वेदी ने बताया कि गणतंत्र दिवस की संध्या पर हुआ यह विशाल कार्यक्रम ऐतिहासिक है. करौली जैसे क्षेत्र में पर्यटन की जहां विपुल संभावनाएं हैं, वहां एक न्यायिक अधिकारी ने पर्यटन की गतिविधियों को बढ़ाने के लिए इस ताल पर जनता के सहयोग से एक पार्क बनवाया. यह सराहनीय है.
हजारों की संख्या में पहुंचे थे शहरवासी
एडवोकेट आशीष जैन ने बताया कि दीपदान के कार्यक्रम में हजारों की संख्या में शहरवासी उत्साह के साथ नजर आए. बच्चों से लेकर हर उम्र के लोग यहां मौजूद थे. पहली बार ऐसा उत्साह शहर ने देखा, यह नजारा याद रहेगा.
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