एमसीआई का रिजल्ट आते ही परिवार में दौड़ी खुशी की लहर
रिपोर्ट – मोहित शर्मा
करौली. चाहे कितनी भी रुकावट आए लेकिन कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती. बार-बार मिलने वाली असफलताओं के बाद मिलने वाली सफलता में पहली सफलता से भी ज्यादा खुशी होती है. इस कड़ी में आज हम आपको बताने जा रहे हैं. करौली के एक सामान्य परिवार से ताल्लुक रखने वाले अविनाश हरदेनिया के बारे में. जिन्होंने अपने दादाजी के सपने को पूरा करने के लिए डॉक्टर बनने का ख्वाब देखा था. लेकिन नीट में असफलता मिलने के बाद भी अविनाश ने अपने मजबूत हौसलो से विदेश में जाकर डॉक्टरेट की पढ़ाई की. और आज यही अविनाश डॉक्टरेट की पढ़ाई कर एमसीआई परीक्षा परिणाम में 183 अंक लाकर डॉक्टर बनने जा रहा है.
कजाकिस्तान से की थी मेडिकल की पढ़ाई
अभी हाल ही में एमसीआई टेस्ट पास करने वाले अविनाश हरदेनिया ने बताया कि उन्होंने अपनी मेडिकल की पढ़ाई कजाकिस्तान के दुशामबे यूनिवर्सिटी से पूरी की थी. और फिर दिल्ली रहकर एमसीआई टेस्ट की तैयारी की थी. अविनाश ने बताया कि उनके दादाजी का सपना था कि हमारे घर का भी कोई सदस्य डॉक्टर बने.और लोगों की सेवा करें. दादाजी के इसी सपने को पूरा करने के लिए मैंने डॉक्टर बनने का ख्वाब देखा था. जो आज कई बार मिली असफलताओं के बाद पूरा हो गया है. यदि आज दादाजी जीवित होते तो बहुत खुश होते. परिवार में पहली बार डॉक्टर बने अविनाश ने अपनी सफलता का श्रेय अपने स्वर्गीय दादाजी सरवन लाल हरदेनिया अपने माता-पिता तथा अपनी बहनों को दिया. और बताया कि अब आगे मैं मेडिकल में पीजी की तैयारी करूंगा.
परिवार में आई खुशी की लहर
गत दिनों आए एमसीआई के परीक्षा परिणाम में 183 अंक लाकर अविनाश ने सफलता हासिल की है. अविनाश के पिता अक्षय कुमार शर्मा ने बताया कि उनके परिवार में से पहला कोई सदस्य डॉक्टर बना है. एमसीआई के रिजल्ट आने के बाद से ही उनके घर में खुशी की लहर दौड़ चुकी है. और बधाई देने वालों का भी तांता लगा हुआ है.
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