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भगवान जी को यहां लगती है सर्दी, पहनते है गर्म कपड़े और तापते है अंगीठी, जानिए इस अनोखे शहर के बारे में

हर गली में मंदिर होने के कारण धार्मिक नगरी करौली को मिनी वृंदावन के नाम से जाना जाता है. सर्दी की शुरुआत के साथ ही यहां ...अधिक पढ़ें

रिपोर्ट – मोहित शर्मा

करौली. जिस प्रकार राजस्थान में सर्दी के प्रकोप के बढ़ते ही सभी लोग गर्म कपड़ों में नजर आते हैं. उसी प्रकार धार्मिक नगरी करौली में सर्दी की शुरुआत के साथ ही हर मंदिर में भगवान भी गर्म कपड़ों में नजर आते हैं. खास बात यह है कि करौली में सर्दी के अनुसार ही भगवान को गर्म कपड़े पहनाए जाते हैं. साथ ही भक्तगण भी कई मंदिरों में भगवानों के लिए विशेष गर्म कपड़े भेंट करते हैं.और मौसम के अनुसार ही सभी मंदिरों में भगवानों को गर्म तासीर के पदार्थों का विशेष भोग परोसा जाता है. यही नहीं और कई मंदिरों में तो ज्यादा सर्दी होने पर भगवानों को गर्म पानी से स्नान और रात को सर्दी से बचाव के लिए उनके गर्भ गृह में अंगीठी और हीटर तक जलाए जाते हैं.
शहर के प्रमुख पंचायती मंदिर के पुजारी राहुल शर्मा का कहना है कि भावना ही भगवान और आस्था ही ईश्वर है. हिंदू धर्म में भावना को प्रधान माना गया है. इसी को देखते हुए धार्मिक नगरी करौली में हर मंदिर में शरद पूर्णिमा के अवसर से गर्म कपड़े पहनाना शुरू हो जाता है. जिस तरीके से एक व्यक्ति सर्दी से बचाव के लिए गर्म कपड़े पहनता है. उसी प्रकार राधा गोविंद देव जी मंदिर में सुबह के शृंगार में स्वेटर पहनाया जाता है. संध्या की आरती के बाद ठाकुर जी को टोपी, मोज़े, और रजाई उड़ाकर सुलाया जाता है. जिस दिन ज्यादा सर्दी होती है उस दिन भगवान के गर्भ गृह में कोयले की अंगीठी भी जलाई जाती है. करौली में भगवान को सर्दी से बचाने का यह क्रम बसंत पंचमी तक चलता है.
सर्दियों में लगता है विशेष पकवानों का भोग :
मंदिर के पुजारी रामबाबू वैष्णव का कहना है कि करौली धार्मिक नगरी है और कल्याणपुरी के नाम से इसको जाना जाता है. यहां पर हर मंदिर में भगवान को सर्दी से बचाव के लिए रजाई, लबादे और शॉल तो पहनाए ही जाते हैं. साथ ही हर मंदिर में गर्म तासीर के पदार्थ जैसे बाजरे का खिचड़ा, गाजर और मूंग का हलवा, पोषवाड़ा, गजक तथा गुनगुने दूध सहित विभिन्न प्रकार के व्यंजनों का भोग भी लगाया जाता है.

Tags: Karauli news, Rajasthan news

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