रिपोर्ट- मोहित शर्मा
करौली. गेहूं के साथ चने को लगा पानी यह कहावत आपने अक्सर बड़े बुजुर्गों के मुंह से सुनी होगी. लेकिन इस साल यह कहावत वाकई में सच नजर आ रही है. करौली की मंडियों सहित बाजारों में इन दिनों लोकल क्षेत्र में तैयार किया गया हरा चना काफी मात्रा में आ रहा है. इसके चलते लोग भी इसे काफी मात्रा में सब्जी बनाने और आग में इसके दानों को सेक कर खाने के लिए जमकर खरीद रहे हैं. थोक व्यापारियों की मानें तो करौलीवासी प्रतिदिन दो से तीन क्विंटल हरे चना का सेवन कर रहे हैं.
बहुत स्वादिष्ट बनती है इसकी सब्जी
मंडी में हरे चने का साग खरीद रही महिला विशाल देवी ने बताया कि इस हरे चने का हम खास उपयोग चने छोले की सब्जी में करते हैं और इसके दानों को आग में सेककर भी खाया जाता है. इसकी सब्जी तो वाकई में बहुत स्वादिष्ट लगती है. हरे चने की सब्जी को बनाने के लिए सबसे पहले दाने को छीलकर मिक्सी में पीसा जाता है. फिर इनको तेल में तलकर, मसाला व छाछ डालकर बनाया जाता है. महिला का कहना है कि इस बार बाजार में हरा चना अच्छा और सस्ता आया है.
होली से पहले आता है यह बाजार में
मंडी में हरा चना बेच रहे व्यापारी राजपाल सैनी ने बताया कि हरा चना होली से पहले बाजार में आता है और होली के बाद तक काफी मात्रा में चलता है. इस बार करौली में देसी चना की अच्छी फसल होने के कारण यह काफी मात्रा में बाजारों में आ रहा है और हाथों हाथ बिक भी रहा है. करौली में रोज दो से तीन क्विंटल हरे चने का साग ₹40 किलो में बिक रहा है.
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