रिपोर्ट – मोहित शर्मा
करौली. अक्सर आपने स्कूलों में बच्चों की, खेलों और गांवों में आयोजित होने वाली कुश्ती प्रतियोगिताएं देखी होंगी. लेकिन आज हम आपको एक ऐसी अनोखी प्रतियोगिता के बारे में बताने जा रहे हैं. जो हर साल राजस्थान के करौली में महाशिवरात्रि पशु मेले की शुरुआत में आयोजित होती है. जिसमें रेगिस्तान का जहाज ऊंट, भैंस, बकरी और बकरा की प्रतियोगिता आयोजित होती है. प्रतियोगिता में पशु की बनावट, शारीरिक क्षमता, स्वास्थ और नस्ल के आधार पर पशु को विजेता घोषित किया जाता है.
विजेता पशु के पशु पालक को इनाम दिया जाता है. पशुओं की यह अनोखी प्रतियोगिता मेले के पहले और दूसरे दिन तक चलती है. जिसमें पशुपालक अपने अपने पशुओं को सजाकर करौली के मेला ग्राउंड में स्थित पशु चिकित्सालय में लाते हैं. यह अनोखी प्रतियोगिता करौली में पशुपालन विभाग द्वारा हर वर्ष आयोजित की जाती है.
जानिए इन पशुओं की प्रतियोगिता का उद्देश्य
पशुपालन विभाग में कार्यरत प्रतियोगिता संचालक ललित शर्मा का कहना है कि उन्नत नस्ल के पशुपालन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से और पशुपालकों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष पशु प्रतियोगिताओं का आयोजन महाशिवरात्रि पशु मेले में किया जाता है.
मेले के उद्घाटन (5 फरवरी ) वाले दिन बकरा और बकरी की प्रतियोगिता का आयोजन हुआ था. और दूसरे दिन अंतिम प्रतियोगिता भैंस और ऊंट की प्रतियोगिता का इस वर्ष आयोजन हुआ था. प्रतियोगिता में पशुओं की कद काठी, नस्ल, रंग रूप और जिस श्रेणी का पशु है उस श्रेणी के अनुसार स्कोरकार्ड होता है. जिसमें 4 जज की कमेटी पशुओं को नंबर देती है. और जिस पशु को सबसे ज्यादा नंबर मिलते हैं. वह पशु विजेता घोषित किया जाता है.
वहीं दूसरी ओर पशु चिकित्सक महेश गुप्ता ने बताया कि ऊंट प्रतियोगिता में ऊंट का सामान्य स्वास्थ्य क्या है, उसकी अलर्टनेस कैसी है, गर्दन और सीने की बनावट कैसी है और उसकी नस्ल क्या है. इस आधार पर प्रतियोगिता में भाग लेने वाले ऊंटों को अंक दिए जाते हैं. जिस ऊंट को सबसे ज्यादा नंबर मिलते हैं. फिर उसे विजेता घोषित किया जाता है.
इसी प्रकार भैंस की प्रतियोगिता में उसके रंग, अलर्टनेस, सामान्य स्वास्थ्य, दूध देने की क्षमता और उसकी थनो की बनावट के ऊपर भैंस को भी जज अंक देते हैं. और सबसे ज्यादा अंक प्राप्त करने वाली भैंस को विजेता घोषित किया जाता है.
पशुपालक को दिया जाता है इनाम
पशुओं की यह प्रतियोगिता महाशिवरात्रि मेले के उद्घाटन होने के बाद सिर्फ 2 दिन के लिए आयोजित होती है. पशुधन सहायक राजेश कुमार शर्मा ने बताया कि पशुओं की होने वाली इस प्रतियोगिता में कुल 3 पशु भाग लेते हैं तो एक पशु को पुरस्कार दिया जाता है. और यदि प्रतियोगियों की संख्या पांच है तो दो को पुरस्कार दिया जाता है, 7 है तो 3 को और 11 या उससे ज्यादा होने पर 4 प्रतियोगियों को पुरस्कार दिया जाता है.
इसमें ऊंट प्रतियोगिता की बात की जाए तो इस बार 18 ऊंटों ने भाग लिया. जिसमें 4 ऊंटों को विजई घोषित किया गया. प्रथम विजेता ऊंट के मालिक को 2100 रुपए नगद और प्रशस्ति पत्र दिया गया, द्वितीय विजेता ऊंट को 1100 रुपए, तृतीय विजेता ऊंट को 500 रुपए और चतुर्थ स्थान पर आने वाले ऊंट के मालिक को 250 रुपए नगद पुरस्कार दिया गया. सभी प्रतियोगिताओं में इस बार विजेता पशुओं के मालिकों को पशुपालन विभाग द्वारा ₹10950 की कुल राशि के नकद पुरस्कार दिए गए थे.
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