कोरोना से ठीक हो चुका एक इंसान अगर प्लाज्मा डोनेट करता है तो उससे दो लोगो का इलाज किया जा सकता है. (सांकेतिक तस्वीर)
कोटा. राजस्थान की कोचिंग सिटी कोटा से राहतभरी खबर आई है. यहां कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या के साथ ही प्लाज्मा डोनेट करने वालों का कारवां भी दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. कोरोना को मात देकर लौटे लोग कोरोना पीड़ितों की जान बचाने के लिए तेजी से आगे आ रहे हैं. कोटा में प्लाज्मा डोनेट करने के लिए आने वाले लोगों का सिलसिला निस्वार्थ भाव से आगे बढ़ रहा है. कोरोना को मात देने वाले इन वॉरियर्स की मानवता की सेवा को हर कोई सलाम कर रहा है.
कोटा में पिछले साल 20 जुलाई से प्लाज्मा डोनेशन की शुरुआत हुई थी. उस समय कोटा के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. साकेत गोयल ने पहली बार प्लाज्मा डोनेट कर मानवता की मिसाल कायम की थी. उसके बाद यह कारवां आगे बढ़ने लगा. आज 9 महीने बाद जारी इस कारवां में अब तक 596 लोग प्लाज्मा डोनेट कर संकट की इस घड़ी में मानवता की नई मिसाल कायम कर चुके हैं. इतना ही नहीं इस दौर कई लोग तीन से सात बार तक प्लाज्मा डोनेट कर चुके हैं. टीम जीवनदाता के संस्थापक एवं संयोजक भुवनेश गुप्ता के अनुसार संस्था की ओर से अभी तक कुल 413 डोनेशन करवाए जा चुके हैं.
प्रदेश में अव्वल आने लगा कोटा
भुवनेश गुप्ता के अनुसार कोरोना की पहली लहर में 31 दिसंबर 2020 तक कोटा के एमबीएस ब्लड बैंक में कुल 447 प्लाज्मा डोनेशन हो चुके थे. जनवरी से लेकर मार्च तक 40 लोग प्लाज्मा डोनेशन कर चुके थे. उसके बाद कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बढ़ने के साथ ही अकेले अप्रैल में 49 लोगों ने प्लाज्मा डोनेट किया. गुप्ता के साथ 7 लोगों की टीम इस काम में जुटी है. इस टीम में वर्द्धमान जैन, नितिन मेहता, मनीष माहेश्वरी, मोहित दाधीच, एडवोकेट महिन्द्रा वर्मा, प्रतीक अग्रवाल व अंकित पोरवाल प्रमुख सदस्य के रूप में जुड़े हुए हैं.
ये लोग बने शहर में प्रेरणा
सबसे बुजुर्ग 58 साल के मनोज न्याति सात बार प्लाज्मा डोनेट कर चुके हैं. वहीं 40 वर्षीय पंकज गुप्ता जैसे युवा आठ बार प्लाज्मा देकर आइडियल बन चुके हैं. इसी तरह सीए मनीष बंसल ने भी सात बार और सबसे युवा 18 साल के दुष्यंत चार प्लाज्मा डोनेट कर चुके हैं. 20 वर्षीय साक्षी न्याति अभी भी नियमित रूप से प्लाज्मा के लिये आगे आ रही हैं. वह तीन बार प्लाज्मा दे चुकी हैं.
दूसरे शहरों को भी भेजा गया प्लाज्मा
प्लाज्मा डोनेट करने वाले शहरों में कोटा का नाम ऊपर की सूची में है. कोटा से प्लाज्मा प्रदेश के भीलवाड़ा, टोंक, उदयपुर, चित्तौड़ और एमपी के कई इलाकों में मरीजों की जान बचाने के लिए भेजा जा चुका है. कोरोना की गंभीर घातक बीमारी से जूझ रहे लोगों के लिए प्लाज्मा वरदान साबित होता है.
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Tags: Corona case in Rajasthan, Corona infection, Kota news updates, Plasma donation
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