Kota News: कोर्ट ने बेटी से रेप कर उसकी हत्या करने वाले रेपिस्ट पिता की फांसी की सजा रखी बरकरार

हाईकोर्ट के निर्देश के बाद इस मामले में फिर से सुनवाई हुई थी.
Rape and Murder Case: कोटा की पोक्साे कोर्ट ने बेटी से रेप कर उसकी हत्या करने वाले रेपिस्ट पिता की फांसी की सजा (Sentence to death) को यथावत रखते हुये उस पर 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
- News18 Rajasthan
- Last Updated: January 27, 2021, 3:34 PM IST
कोटा. शहर की पोक्सो कोर्ट ने कोचिंग सिटी कोटा (Kota) के नयापुरा थाना इलाके में करीब पांच साल पहले अपने मंदबुद्धि नाबालिग बेटी से रेपकर उसकी हत्या (Rape and Murder) करने वाले रेपिस्ट पिता की फांसी की सजा को बरकरार रखा है. इसके साथ ही कोर्ट ने अभियुक्त पर 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
इस रेपिस्ट पिता को करीब एक साल पहले भी कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी. लेकिन हाईकोर्ट के निर्देश पर इस मामले में स्थानीय कोर्ट में फिर से सुनवाई हुई थी. उसके बाद कोर्ट ने आज सुनाये अपने फैसले में पुराने फैसले को बरकरार रखा है.
आरोपी ने खुद ने ही झूठी कहानी गढ़कर पुलिस में मामला दर्ज करा दिया था
दरअसल 13 मई 2015 को नयापुरा थाने में इस मामले की रिपोर्ट दर्ज हुई थी. मृतका का पिता वेयरहाउस में गार्ड का काम करता था. वह अपनी 17 साल की नाबालिग बेटी से दुष्कर्म करता था. इससे वह गर्भवती हो गई. आरोपी पिता ने उसे गर्भ गिरवाने के लिये कहा. लेकिन जब बेटी ने इसके लिये मना कर दिया तो आरोपी ने उसकी हत्या कर दी. बाद में खुद ने ही झूठी कहानी गढ़कर पुलिस में मामला दर्ज करा दिया. मृतका की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया कि वह चार माह के गर्भ से थी. इस कारण पुलिस ने उनका डीएनए सैंपल लिया था.मां ने बयानों में खोले थे राज
बाद में मृतका की मां ने पुलिस को बताया कि उसका पति ही लंबे समय से बेटी के साथ रेप करता था. बेटी जब गर्भवती हो गई तो उसे मार दिया. आरोपी की गिरफ्तारी के बाद कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई. कोर्ट ने 18 गवाहों के बयान और उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर आरोपी पिता को दोषी करार देते हुये गत वर्ष 20 जनवरी को उसे फांसी की सजा और 20 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी. लेकिन रेपिस्ट ने सजा के खिलाफ निचली अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में अपील की थी. हाईकोर्ट के निर्देश के बाद इस मामले में फिर से सुनवाई हुई थी.
इस रेपिस्ट पिता को करीब एक साल पहले भी कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी. लेकिन हाईकोर्ट के निर्देश पर इस मामले में स्थानीय कोर्ट में फिर से सुनवाई हुई थी. उसके बाद कोर्ट ने आज सुनाये अपने फैसले में पुराने फैसले को बरकरार रखा है.
आरोपी ने खुद ने ही झूठी कहानी गढ़कर पुलिस में मामला दर्ज करा दिया था
दरअसल 13 मई 2015 को नयापुरा थाने में इस मामले की रिपोर्ट दर्ज हुई थी. मृतका का पिता वेयरहाउस में गार्ड का काम करता था. वह अपनी 17 साल की नाबालिग बेटी से दुष्कर्म करता था. इससे वह गर्भवती हो गई. आरोपी पिता ने उसे गर्भ गिरवाने के लिये कहा. लेकिन जब बेटी ने इसके लिये मना कर दिया तो आरोपी ने उसकी हत्या कर दी. बाद में खुद ने ही झूठी कहानी गढ़कर पुलिस में मामला दर्ज करा दिया. मृतका की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया कि वह चार माह के गर्भ से थी. इस कारण पुलिस ने उनका डीएनए सैंपल लिया था.मां ने बयानों में खोले थे राज
बाद में मृतका की मां ने पुलिस को बताया कि उसका पति ही लंबे समय से बेटी के साथ रेप करता था. बेटी जब गर्भवती हो गई तो उसे मार दिया. आरोपी की गिरफ्तारी के बाद कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई. कोर्ट ने 18 गवाहों के बयान और उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर आरोपी पिता को दोषी करार देते हुये गत वर्ष 20 जनवरी को उसे फांसी की सजा और 20 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी. लेकिन रेपिस्ट ने सजा के खिलाफ निचली अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में अपील की थी. हाईकोर्ट के निर्देश के बाद इस मामले में फिर से सुनवाई हुई थी.