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Jamuniya Island: सैकड़ों मगरमच्छों और हजारों पक्षियों की बस्ती है यहां, जानिए इस खास जगह के बारे में

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भरतपुर

भरतपुर केवलादेव अभ्यारण्य से जामुनिया दीप पर आते हैं पक्षी- वर्ष भर

बहती चर्मण्यवती नदी का पानी जामुनिया द्वीप पर आकर यहां की प्राकृतिक खूबसूरती को देखकर मानो ठहर सा जाता है. यहां पर पानी ...अधिक पढ़ें

रिपोर्ट- शक्ति सिंह

कोटा. एजुकेशन सिटी कोटा जिले से 40 किलोमीटर दूर सुल्तानपुर क्षेत्र के एक गांव बालापुरा में चंबल नदी के बीचो-बीच टापू बना है. यहां हर साल सेकंडों को तादात के देश विदेश से पक्षी आते हैं. इस टापू पर जामुन के सैकड़ों पेड़ हैं. इसलिए इसे जामुनिया द्वीप के नाम से जाना जाता है. टापू के पानी से घिरे होने के कारण यहां मगरमच्छ बड़ी संख्या में है. जानकारों की माने तो यहां 300 से ज्यादा मगरमच्छ है. इसलिए इसको मगरमच्छों की बस्ती भी कहा जाता है.

जसप्रीत सिंह ने बताया कि गांवों के लोगों को मगरमच्छों से कोई खतरा नहीं. वे सालों से नदी के उस पार आते-जाते रहते हैं, पर आज तक किसी मगरमच्छ ने हमला नहीं किया. भरतपुर केवलादेव अभ्यारण से बड़ी संख्या में जांघिल पक्षी यहां आते हैं. प्रकृति की सुंदरता व पक्षी मगरमच्छों को देखने के लिए पर्यटक लालायित रहते हैं. यदि इस स्थान को इको-टूरिज्म के रूप में विकसित किया जाए तो यह हाड़ौती का ही नहीं, राजस्थान का प्रमुख प्राकृतिक पर्यटन स्थल बन सकता है.

इस स्थान के अनुकूल वातावरण के चलते यहां सर्दियों में विभिन्न प्रजाति के प्रवासी पक्षियों का जमावड़ा लगा रहता है. यहां जांगील व ओपन बिल स्टोर्क जैसे स्थानीय पक्षियों का स्थाई बसेरा भी है, जो जामुन व देशी बबूल के पेड़ों पर नेस्टिंग करते हैं. स्थान टूरिज्म के साथ-साथ वन्यजीव प्रमियों व विद्यार्थियों के अध्ययन के लिए भी जैव-विविधता का अनूठा संगम है. जामुनिया दीप की देखरेख हो तो पर्यावरण संरक्षण के साथ आगामी पीढ़ियों के लिए भी उन्नत प्राकृतिक विरासत को सहेजकर रख सकेंगे.

Tags: Kota news, Rajasthan news

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