कोटा: 18 बच्चों की मौत के बाद जेके लॉन अस्पताल को मिली 4-D सोनोग्राफी मशीन, 40 बैड का नया NICU भी बनेगा

अस्पताल में ओपीडी को भी NICU में तब्दील किया जाएगा.
राज्य सरकार कोटा के जेके लॉन अस्पताल (JK Lawn Hospital) में 18 बच्चों की मौत के बाद अब 65 लाख रुपये की कीमत वाली 4-D सोनोग्राफी मशीन (Sonography mach ine) लगाने जा रही है. इसके साथ ही अस्पताल में 40 बैड का नया NICU भी बनाया जाएगा.
- News18 Rajasthan
- Last Updated: December 16, 2020, 4:48 PM IST
कोटा. कोचिंग सिटी कोटा के जेके लॉन अस्पताल (JK Lawn Hospital) में पिछले दिनों हुई 18 नवजातों की मौत पर लगातार सियासी और प्रशासनिक मंथन के बाद एक तरफ दोषी और लापरवाह अधिकारियों पर गाज गिर चुकी है वहीं दूसरी तरफ राज्य सरकार (State government) ने अस्पताल को अब दो बड़ी सौगातें दी हैं. राज्य सरकार अब जेके लॉन अस्पताल में 65 लाख रुपये की कीमत वाली 4-D सोनोग्राफी मशीन (Sonography mach ine) लगाने जा रही है. इसके लिए बजट स्वीकृत कर दिया गया है. इसके साथ ही अस्पताल में 40 बैड का नया NICU बनाया जाएगा.
मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. विजय सरदाना के मुताबिक 4-D मशीन से गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य की जांच की जा सकेगी. इस मशीन से बच्चों में जन्मजात होने वाली विकृतियों के बारे में पता लगाया जा सकता है. कोटा का जेके लॉन अस्पताल संभाग का बच्चों का सबसे बड़ा अस्पताल है. यहां मध्यप्रदेश तक से मरीज आते हैं. वहीं इसके साथ ही जेके लॉन में अब 40 बैड का नया NICU बनाया जाएगा. इससे यहां बैड्स की संख्या 94 हो जाएगी. इसके लिए जनरल वार्ड को NICU में तब्दील किया जाएगा. यहां 30 बैड लगेंगे. वहीं ओपीडी को भी NICU में तब्दील किया जाएगा. वहां 10 बैड लगेंगे. इन कार्यों को अलग अलग फेज में किया जाएगा ताकि बच्चों के इलाज में किसी तरह की समस्या ना आये.
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टेक्निकल टीमों ने कार्य भी शुरू कर दिया है
इस पूरे बदलाव को लेकर अस्पताल में टेक्निकल टीमों ने कार्य भी शुरू कर दिया है. पूरे मामले के बाद उदयपुर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. पोषवाल 15 दिन कोटा में कैम्प कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ एसएमएस अस्पताल जयपुर के दो एक्सपर्ट डॉ. केके पारीक और डॉ. धीरज शर्मा ने भी नई कार्य व्यवस्था पर काम शुरू कर दिया है. इस बीच राज्य सरकार ने पूरे मसले पर मचे घमासान के बाद बड़ी कार्रवाई करते हुए जेके लॉन अधीक्षक डॉ. एससी दुलारा को हटाकर उनके स्थान पर डॉ. अशोक मूंदड़ा को लगाया है. इसके अलावा पीडियाट्रिक्स के विभागाध्यक्ष पद से डॉ. अमृतलाल बैरवा को हटाकर डॉ. अमृता मयंगर को इसकी कमान सौंपी गई है.
मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. विजय सरदाना के मुताबिक 4-D मशीन से गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य की जांच की जा सकेगी. इस मशीन से बच्चों में जन्मजात होने वाली विकृतियों के बारे में पता लगाया जा सकता है. कोटा का जेके लॉन अस्पताल संभाग का बच्चों का सबसे बड़ा अस्पताल है. यहां मध्यप्रदेश तक से मरीज आते हैं. वहीं इसके साथ ही जेके लॉन में अब 40 बैड का नया NICU बनाया जाएगा. इससे यहां बैड्स की संख्या 94 हो जाएगी. इसके लिए जनरल वार्ड को NICU में तब्दील किया जाएगा. यहां 30 बैड लगेंगे. वहीं ओपीडी को भी NICU में तब्दील किया जाएगा. वहां 10 बैड लगेंगे. इन कार्यों को अलग अलग फेज में किया जाएगा ताकि बच्चों के इलाज में किसी तरह की समस्या ना आये.
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इस पूरे बदलाव को लेकर अस्पताल में टेक्निकल टीमों ने कार्य भी शुरू कर दिया है. पूरे मामले के बाद उदयपुर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. पोषवाल 15 दिन कोटा में कैम्प कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ एसएमएस अस्पताल जयपुर के दो एक्सपर्ट डॉ. केके पारीक और डॉ. धीरज शर्मा ने भी नई कार्य व्यवस्था पर काम शुरू कर दिया है. इस बीच राज्य सरकार ने पूरे मसले पर मचे घमासान के बाद बड़ी कार्रवाई करते हुए जेके लॉन अधीक्षक डॉ. एससी दुलारा को हटाकर उनके स्थान पर डॉ. अशोक मूंदड़ा को लगाया है. इसके अलावा पीडियाट्रिक्स के विभागाध्यक्ष पद से डॉ. अमृतलाल बैरवा को हटाकर डॉ. अमृता मयंगर को इसकी कमान सौंपी गई है.