कोटा में अधिकारियों ने बैठक में इस बार पर विस्तार से चर्चा की गई कि आखिर कैसे स्टूडेंट्स के सुसाइड के मामलों को बढ़ने से रोका जाए.
योगेश त्यागी.
कोटा. कोचिंग सिटी कोटा में तीन स्टूडेंट्स के द्वारा सुसाइड (Suicide Case) के बाद बीते 2 दिनों से गम का माहौल है. एक ही दिन में तीन कोचिंग स्टूडेंट्स की सुसाइड की घटनाओं से शैक्षणिक नगरी कोटा हिल उठा है. उसके बाद जिला प्रशासन ने कोचिंग सेंटर और हॉस्टल संचालकों के साथ बैठक कर स्टूडेंट्स को स्ट्रेस फ्री (Stress free) रखने के निर्देश दिए हैं. वहीं कोटा जिला प्रशासन भी इस दिशा में काम करने के लिए अपना एक्शन प्लान तैयार करने में जुट गया है.
सुसाइड की इन घटनाओं के बाद जिला कलेक्टर ओपी बुनकर और रेंज आईजी प्रसन्न कुमार खमेसरा ने मंगलवार को पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों के साथ ही कोचिंग संस्थान से जुड़े लोगों की एक बैठक ली. इस बैठक में विस्तार से चर्चा की गई कि आखिर कैसे स्टूडेंट्स के सुसाइड के मामलों को बढ़ने से रोका जाए. बैठक में इस बात चर्चा भी की गई कि किस तरह इसके लिए बेहतर गाइडलाइन तैयार की जाए और कैसे उसकी पालना करवाई जाए.
स्टूडेंट्स को स्ट्रेस फ्री माहौल मिलना चाहिए
कोटा रेंज आईजी प्रसन्न कुमार खमेसरा ने कोचिंग संचालकों को निर्देश दिए कि वे जल्द ही खुद अपना एक ऐसा एक्शन प्लान बनाएं जिससे कोचिंग स्टूडेंट्स को स्ट्रेस फ्री रखा जा सके. स्टूडेंट्स को स्कूल, कॉलेज और कोचिंग सेंटर में स्ट्रेस फ्री माहौल मिलना चाहिए ताकि वह किसी भी तरह से वह तनाव में ना आए और मानसिक दबाव उनके ऊपर हावी न हो सके.
शनिवार को रेस्ट और रविवार को छुट्टी रखें
जिला कलेक्टर ओपी बुनकर ने कहा यह जिम्मेदारी हॉस्टल और पेइंग गेस्ट रखने वालों की भी है. शनिवार को रेस्ट और रविवार को छुट्टी रखने का आदेश दिया जाए. शहर में भी इन स्टडेंट्स को स्ट्रेस फ्री माहौल प्रदान करना सभी का लक्ष्य होना चाहिए. कोचिंग संस्थान इसका प्लान बनाएं और उसका कड़ाई से पालन भी करें.
कोचिंग सेंटर्स में हेल्प डेस्क बनाई जाए
इसके साथ ही जिला कलेक्टर ने यह निर्देश भी दिए कि कोचिंग सेंटर में हेल्प डेस्क बनाई जाए. कोचिंग में जिन स्टूडेंट्स की क्लास छूट जाए उनको मटेरियल प्रोवाइड करवाया जाए. उनकी कोई भी समस्या हो तो वह डेस्क उनकी बात को सुने और समझे. इसके साथ ही उनकी समस्याओं का निस्तारण भी करें.
फीस की वजह से कोई स्टूडेंट तनाव में न आ पाए
जिला कलेक्टर ने साफ तौर पर कहा कि फीस रिफंड मामले को लेकर भी छात्र कई बार तनाव में रहते हैं. उन्हें फीस को लेकर कई प्रकार की समस्याएं होती है जिनकी वजह से वे तनाव में आ जाते हैं. अगर ऐसा कोई मामला सामने आता है जिसमें फीस की वजह से कोई छात्र तनाव में आता है तो उस संस्थान के खिलाफ जिला प्रशासन सख्त एक्शन लेगा.
क्लास रूम में 100 से ज्यादा स्टूडेंट्स नहीं बिठाएं
क्लास रूम की बात पर भी जिला कलेक्टर ने कहा कि एक क्लास में 150 से ज्यादा स्टूडेंट भर दिए जाते हैं. ऐसे में जब शिक्षक पढ़ाता है तो हर बच्चे पर फोकस कैसे रख सकता है. इसलिए कोचिंग संस्थानों को पाबंद किया जाएगा कि वे एक क्लास रूम में 100 से ज्यादा स्टूडेंट्स को नहीं बिठाया जाए. छात्रों की एक समस्या ऑटो किराए को लेकर भी है.
ज्यादा किराया नहीं वसूलने के लिए ऑटो चालकों को पाबंद करें
इसके लिए पुलिस प्रशासन को हिदायत दी गई है कि वे ऑटो चालकों की एक बैठक लें और उसमें उनको पाबंद किया जाए कि एक निर्धारित मूल्य से ज्यादा स्टूडेंट से किराया ना वसूलें. वहीं वार्डन और गार्ड के मुद्दे पर भी बातचीत हुई. हॉस्टल और पीजी वाले बच्चों की एक्टिविटी पर नजर रखें. हॉस्टल में वार्डन के साथ-साथ गार्ड भी रखे जाएं ताकि स्टडेंट्स की एक्टिविटीज पर नजर रखी जा सके.
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