कोटा में बेरहम बाढ़: अपने ही घर में डूबा एक व्यक्ति ! बस्ती हुई जलमग्न
News18 Rajasthan Updated: September 16, 2019, 2:53 PM IST

कोटा नंदा की बावड़ी में मकानों की छतों तक भरा पानी। फोटो : न्यूज 18 राजस्थान ।
कोटा (Kota) में एक व्यक्ति की बाढ़ के पानी में डूब जाने से मौत (Death) हो गई. बताया जा रहा है कि यह व्यक्ति बस्ती खाली करने के दौरान अपने घर के अंदर (inside the house) ही रुक गया था. उसका शव (Dead body) सोमवार को चंबल नदी (Chambal River) में मिला है.
- News18 Rajasthan
- Last Updated: September 16, 2019, 2:53 PM IST
कोटा. शहर में बाढ़ (flood) बेरहम हो गई है. यहां पानी उग्र रूप धारण कर चुका है. अब यह जानलेवा सबित हो रहा है. कोटा (Kota) में एक व्यक्ति की बाढ़ के पानी में डूब जाने से मौत (Death) हो गई. बताया जा रहा है कि यह व्यक्ति बस्ती खाली करने के दौरान अपने घर के अंदर (inside the house) ही रुक गया था. उसका शव (Dead body) सोमवार को चंबल नदी (Chambal River) में मिला है. घटना की जानकारी मिलने के बाद पूर्व विधायक (Former legislator) भवानी सिंह राजावत समेत कई लोग हताहत परिवार को ढांढस पहुंचाने के लिए वहां पहुंचे.
नंदा की बावड़ी में रहता था ओमप्रकाश
जानकारी के अनुसार बाढ़ का शिकार हुआ ओमप्रकाश भीमंगजमंडी थाना इलाके की नंदा की बावड़ी में अपने परिवार के साथ रह रहा था. वहां उसका आधा कच्चा और आधा पक्का मकान है. वह ठेला लगाकर अपना जीवनयापन करता था. ओमप्रकाश के बेटे रवि की मानें तो दो दिन पहले 14 सितंबर नंदा की बावड़ी में पानी भर गया था. पानी भरने के बाद परिवार अन्य लोग सुरक्षित स्थान पर चले गए थे, जबकि पिता घर की रखवाली के लिए वहीं रुक गए थे. उसके बाद पानी घर की छत तक आ गया था.
चंबल नदी में मिला शवदो दिन ओमप्रकाश का कोई पता नहीं चल पाया. सोमवार को उसका शव नंदा की बावड़ी के पास चंबल नदी में मिला. इस पर पुलिस ने नाव की सहायता उसके शव को नदी से बाहर निकलवाया और मोर्चरी में रखवाया. हालांकि अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि वह घर में ही पानी में डूबा या फिर बाढ़ के पानी में बाहर बह गया था.
पूर्व विधायक पहुंचने सांत्वना देने
सूचना पर पूर्व विधायक भवानीसिह राजावत मोर्चरी पहुंचे और परिजनों को सात्वंना देकर हरसंभव सहायता दिलवाने का आश्वासन दिया. इस दौरान राजावत ने प्रशासन और सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार द्वारा हवाई सर्वे करवाया जा रहा है, लेकिन बाढ़ प्रभावितों को मदद नहीं मिल पा रही है.
हालात बेकाबू हो रहे हैं
उल्लेखनीय है कि कोटा संभाग और पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश में हो रही भारी बारिश के कारण चंबल नदी पूरे उफान पर है. गांधी सागर डेम से पानी की भारी आवक के कारण कोटा बैराज के सभी 19 गेट खोले जा चुके हैं. इससे कोटा में निचले इलाके में स्थित बस्तियों में पानी भर गया है. हालांकि प्रशासन ने हालात का मुकाबला करने के लिए सेना को बुला रखा है. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें जी-जान से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में जुटी हैं, लेकिन फिर भी हालात काबू में नहीं आ रहे हैं.
(रिपोर्ट- ओमप्रकाश मारू)
खतरे के निशान से 11 मीटर ऊपर पहुंची चंबल नदी, दो दर्जन गांवों में घुसा पानी
बारिश का कहर: इस स्कूल में 24 घंटों से फंसे हैं 400 बच्चे और शिक्षक
नंदा की बावड़ी में रहता था ओमप्रकाश
जानकारी के अनुसार बाढ़ का शिकार हुआ ओमप्रकाश भीमंगजमंडी थाना इलाके की नंदा की बावड़ी में अपने परिवार के साथ रह रहा था. वहां उसका आधा कच्चा और आधा पक्का मकान है. वह ठेला लगाकर अपना जीवनयापन करता था. ओमप्रकाश के बेटे रवि की मानें तो दो दिन पहले 14 सितंबर नंदा की बावड़ी में पानी भर गया था. पानी भरने के बाद परिवार अन्य लोग सुरक्षित स्थान पर चले गए थे, जबकि पिता घर की रखवाली के लिए वहीं रुक गए थे. उसके बाद पानी घर की छत तक आ गया था.
चंबल नदी में मिला शवदो दिन ओमप्रकाश का कोई पता नहीं चल पाया. सोमवार को उसका शव नंदा की बावड़ी के पास चंबल नदी में मिला. इस पर पुलिस ने नाव की सहायता उसके शव को नदी से बाहर निकलवाया और मोर्चरी में रखवाया. हालांकि अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि वह घर में ही पानी में डूबा या फिर बाढ़ के पानी में बाहर बह गया था.
पूर्व विधायक पहुंचने सांत्वना देने
सूचना पर पूर्व विधायक भवानीसिह राजावत मोर्चरी पहुंचे और परिजनों को सात्वंना देकर हरसंभव सहायता दिलवाने का आश्वासन दिया. इस दौरान राजावत ने प्रशासन और सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार द्वारा हवाई सर्वे करवाया जा रहा है, लेकिन बाढ़ प्रभावितों को मदद नहीं मिल पा रही है.

मृतक के परिवार को सांत्वना देते पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत। फोटो : न्यूज 18 राजस्थान ।
हालात बेकाबू हो रहे हैं
उल्लेखनीय है कि कोटा संभाग और पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश में हो रही भारी बारिश के कारण चंबल नदी पूरे उफान पर है. गांधी सागर डेम से पानी की भारी आवक के कारण कोटा बैराज के सभी 19 गेट खोले जा चुके हैं. इससे कोटा में निचले इलाके में स्थित बस्तियों में पानी भर गया है. हालांकि प्रशासन ने हालात का मुकाबला करने के लिए सेना को बुला रखा है. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें जी-जान से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में जुटी हैं, लेकिन फिर भी हालात काबू में नहीं आ रहे हैं.
(रिपोर्ट- ओमप्रकाश मारू)
खतरे के निशान से 11 मीटर ऊपर पहुंची चंबल नदी, दो दर्जन गांवों में घुसा पानी
बारिश का कहर: इस स्कूल में 24 घंटों से फंसे हैं 400 बच्चे और शिक्षक
News18 Hindi पर सबसे पहले Hindi News पढ़ने के लिए हमें यूट्यूब, फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें. देखिए कोटा से जुड़ी लेटेस्ट खबरें.
First published: September 16, 2019, 2:48 PM IST