ऑनलाइन ठगी के अपनाए जा रहे नए पैतरे, कोटा में हर माह दर्ज हो रहे 15 से ज्यादा केस

. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
Rajasthan News: राजस्थान (Rajasthan) के कोटा (Kota) में कोरोना काल के दौरान सायबर ठगी (Fraud) के मामले लगातार बढ़ रहे हैं.
- News18 Rajasthan
- Last Updated: January 26, 2021, 7:33 AM IST
कोटा. राजस्थान (Rajasthan) के कोटा (Kota) में कोरोना काल के दौरान सायबर ठगी (Fraud) के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. ठगों ने अब ऑनलाइन ठगी के नए पैतरे शुरू किए और लोगों को नए-नए झांसे देकर ठगी का निशाना बना रहे हैं. हैरानी की बात है कि इस तरह की ठगी का शिकार उच्च शिक्षित वर्ग भी हो रहा है. बताया जा रहा है कि लॉकडाउन व उसके बाद कोटा में में हर माह ऑनलाइन ठगी के औसतन 15 से ज्यादा केस दर्ज हो रहे हैं. हालांकि कई मामलों में ठगी के शिकार लोग ही पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराने से बचते हैं.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना काल में सरकार से आर्थिक मदद दिलाने, एलपीजी सब्सिडी दिलाने, जरूरतमंदों की सेवा के नाम से संबंधित लिंक भेजकर भी लोगों को ठगी का शिकार बनाया गया है. कई मामलों की शिकायत भी की गई है, लेकिन सायबर क्राइम की जांच पेचीदा होने से अधिकांश मामलों में पीड़ित को राहत जल्द नहीं मिल पाती है.
छात्र से 1.41 लाख की ठगी
उत्तरप्रदेश के बहराइच जिले का रहने वाला मनीश कुमार कोटा में रहकर कोचिंग करता है. मनीष ने एटीएम से रुपए नहीं निकलने और बैंक से मैसेज आने के बाद गूगल सर्च कर कस्टमर केयर का नंबर ढूंढा. उस नंबर पर मिले व्यक्ति से बात कर एनीडेस्क मोबाइल ऐप डाउनलोड किया था. ऐप डाउनलोड करते ही सायबर ठग ने उसके खाते से 1.41 लाख रुपए निकाल लिए. इस मामले की शिकायत पुलिस से की गई है, जांच जारी है.ईएमआई माफ कराने के नाम पर फ्रॉड
एक मामले में सायबर ठग ने कोटा के ही हॉस्टल व्यवसायी जयराज वनवानी को बैंक प्रतिनिधि बनकर फोन किया कि तीन महीने की ईएमआई माफ कर दी गई है. ओटीपी नम्बर भेजा जा रहा है, वह बताना है. ओटीपी शेयर करते ही बैंक खातों से 56 हजार रुपए निकाल लिए गए. बाद में फोन स्विच ऑफ कर दिया. इस मामले की शिकायत भी पुलिस से की गई है, लेकिन अब तक मामला हल नहीं हुआ है.
इस तरह भी किया ठगी
एक पीडि़त ने रिपोर्ट दी कि सेना के नाम से ठगी की गई है. ठग ने ऑनलाइन मैसेज डाला था, फौजी का तबादला हो गया है. सारा सामान नहीं ले जा सकते, इसलिए एलईडी, फ्रिज, एसी आदि बेचना है. ठग ने कहा कि आपको ट्रांसपोर्ट चार्ज के लिए 8 हजार रुपए भेजने है, बाकी पैसे माल आपूर्ति होने के बाद देना. पैसे जमा कराने के बाद माल नहीं आया. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कोटा के पुलिस उपाधीक्षक विजयशंकर शर्मा का कहना है कि सायबर ठगी के नए तरह के मामले सामने आ रहे हैं. सायबर ठगों ने कोरोनाकाल में जरूरतमंदों की सेवा के नाम पर, पीएम रिलीफ फण्ड के नाम पर कई तरीके से ठगी की. लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना काल में सरकार से आर्थिक मदद दिलाने, एलपीजी सब्सिडी दिलाने, जरूरतमंदों की सेवा के नाम से संबंधित लिंक भेजकर भी लोगों को ठगी का शिकार बनाया गया है. कई मामलों की शिकायत भी की गई है, लेकिन सायबर क्राइम की जांच पेचीदा होने से अधिकांश मामलों में पीड़ित को राहत जल्द नहीं मिल पाती है.
छात्र से 1.41 लाख की ठगी
उत्तरप्रदेश के बहराइच जिले का रहने वाला मनीश कुमार कोटा में रहकर कोचिंग करता है. मनीष ने एटीएम से रुपए नहीं निकलने और बैंक से मैसेज आने के बाद गूगल सर्च कर कस्टमर केयर का नंबर ढूंढा. उस नंबर पर मिले व्यक्ति से बात कर एनीडेस्क मोबाइल ऐप डाउनलोड किया था. ऐप डाउनलोड करते ही सायबर ठग ने उसके खाते से 1.41 लाख रुपए निकाल लिए. इस मामले की शिकायत पुलिस से की गई है, जांच जारी है.ईएमआई माफ कराने के नाम पर फ्रॉड
एक मामले में सायबर ठग ने कोटा के ही हॉस्टल व्यवसायी जयराज वनवानी को बैंक प्रतिनिधि बनकर फोन किया कि तीन महीने की ईएमआई माफ कर दी गई है. ओटीपी नम्बर भेजा जा रहा है, वह बताना है. ओटीपी शेयर करते ही बैंक खातों से 56 हजार रुपए निकाल लिए गए. बाद में फोन स्विच ऑफ कर दिया. इस मामले की शिकायत भी पुलिस से की गई है, लेकिन अब तक मामला हल नहीं हुआ है.
इस तरह भी किया ठगी
एक पीडि़त ने रिपोर्ट दी कि सेना के नाम से ठगी की गई है. ठग ने ऑनलाइन मैसेज डाला था, फौजी का तबादला हो गया है. सारा सामान नहीं ले जा सकते, इसलिए एलईडी, फ्रिज, एसी आदि बेचना है. ठग ने कहा कि आपको ट्रांसपोर्ट चार्ज के लिए 8 हजार रुपए भेजने है, बाकी पैसे माल आपूर्ति होने के बाद देना. पैसे जमा कराने के बाद माल नहीं आया. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कोटा के पुलिस उपाधीक्षक विजयशंकर शर्मा का कहना है कि सायबर ठगी के नए तरह के मामले सामने आ रहे हैं. सायबर ठगों ने कोरोनाकाल में जरूरतमंदों की सेवा के नाम पर, पीएम रिलीफ फण्ड के नाम पर कई तरीके से ठगी की. लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है.