रिपोर्ट: शक्ति सिंह
कोटा. मौजूदा दौर में महिलाएं चाहती हैं कि वे एक अच्छी या फिर सरकारी नौकरी करें, लेकिन यह हर किसी के लिए संभव नहीं हो पाता. कोटा की वंदना गौड़ की कहानी भी कुछ ऐसी है. वह बनना तो चाहती थीं सरकारी अधिकारी, लेकिन परिस्थितियों ऐसी बनीं कि वह सरकारी नौकरी नहीं हासिल कर सकीं. हालांकि वंदना ने हार नहीं मानी और अपने प्रयास जारी रखे. इन्हीं प्रयासों की बदौलत अब वंदना एक सफल कुटीर उद्योग का संचालन कर रही हैं. वे फूड प्रोसेसिंग का काम करती हैं और इस काम से उन्होंने अन्य महिलाओं को भी रोजगार दिया हुआ है.
वंदना ने बताया कि सरकारी नौकरी नहीं लगने से एक बार तो वे निराश हो गई थीं, लेकिन परिवार के सपोर्ट से उन्होंने कुछ अलग करने की सोची. इसी बीच उन्होंने वर्ष 2019 में कोटा के कृषि विज्ञान केंद्र जाकर फूड प्रोसेसिंग की 15 दिन की ट्रेनिंग ली. यहां उन्होंने घर पर फूड प्रोडेक्ट बनाने की भी जानकारी हासिल की. इसके बाद उन्होंने अपने घर से ही आंवला, नींबू और गुलाब का शरबत बनाने का एक छोटा सा प्लांट स्थापित किया और शरबत बेचने लगीं.
20 से अधिक महिलाओं को दिया रोजगार
मार्केट में शरबत की अच्छी सेल हुई तो दोबारा डिमांड आई. इसके बाद वंदना ने बड़े स्तर पर अपने बिजनेस को बढ़ाया. इस पर उन्हें और भी वर्कर की जरूरत पड़ने लगी, तो उन्होंने कुछ महिला को अपने साथ इस काम में लगाया. इस तरह वंदना अब 20 से अधिक महिलाओं को रोजगार दे रही हैं.
नौकरी करती तो दूसरों को रोजगार नहीं दे पाती
वंदना ने न्यूज़ 18 लोकल को बताया कि वे सरकारी अधिकारी नहीं बन पाई, लेकिन अपने बिजनेस में उससे कई ज्यादा आय कर रही हैं. वे कहती हैं कि अगर जॉब करती तो खुद के लिए करती, दूसरों के लिए कुछ नहीं कर पाती. बिजनेस के जरिए वे अन्य महिलाओं को भी रोजगार देने के काबिल हुई हैं. वंदना ने बताया कि उन्होंने कभी सोचा नहीं था वे दूसरे महिलाओं को रोजगार दे पाएंगी, लेकिन यह सब बिजनेस की वजह से ही संभव हो पाया.
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