सुर्खियां में आया कोटा पुलिस का हीरो 'स्कॉच', 2 दिन में पकड़वा चुका है 11 करोड़ की चरस

3 साल के 'स्कॉच' की ट्रेंनिग 3 माह की उम्र में बैंगलौर में हुई थी. करीब 9 माह तक पूरा ट्रेंड होने के बाद इसे क्राइम ब्रांच कोटा पुलिस को सौपा गया था.
बेल्जियन मैलिनोइस नस्ल (Belgian Melinois breed) का डॉग 'स्कॉच' अपने फुर्तीले अंदाज, तेज दिमाग (Sharp brain) और सूंघने की जबर्दस्त क्षमता के चलते महज 2 दिन में 11 करोड़ रुपए कीमत की चरस पकड़वा कर सुर्खियां बटोर रहा है.
- News18 Rajasthan
- Last Updated: February 23, 2020, 6:05 PM IST
कोटा. बेल्जियन मैलिनोइस नस्ल (Belgian Melinois breed) का एक डॉग कोचिंग सिटी कोटा (Kota) में पुलिस के लिए सफलता के झंडे गाड़ रहा है. अपने फुर्तीले अंदाज, तेज दिमाग (Sharp brain) और जबर्दस्त आक्रामकता के लिए प्रसिद्ध बेल्जियन मैलिनोइस नस्ल के इस डॉग (Dog) ने कोटा में महज 2 दिन में 11 करोड़ रुपए कीमत की 16 किलो 600 ग्राम चरस पकड़वाकर सुर्खियां बटोरी है. इस डॉग का नाम है 'स्कॉच' (Scotch).
विशेष अभियान के बेड़े में शामिल किया
कोटा के नवनियुक्त पुलिस अधीक्षक गौरव यादव ने इसके भागने, सूंघने और देखने की अभूतपूर्व क्षमता और खासियत को पहचान कर मादक पदार्थ की तस्करी को रोकने के लिए चलाये जा रहे विशेष अभियान के बेड़े में शामिल किया तो पुलिस कामयाबी के आसमान को छुने लगी. युवाओं की नसों में जहर घोलने वाले मादक पदार्थों की रोकथाम के लिए सिटी एसपी यादव इस डॉग को निरंतर काम में लेकर मुहिम को आगे बढ़ा रहे हैं.
कोटा में दो दिन में पकड़ी गई है 16.6 किलो चरसकोटा में मकबरा थाना पुलिस और डीएसटी टीम ने शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए घंटाघर निवासी अखलाक उर्फ बिल्सन को गिरफ्तार कर एक किलो 600 ग्राम चरस बरामद की थी. उसके बाद पुलिस ने उसकी निशानदेही पर शनिवार को 15 किलो चरस और बरामद की. दो दिनों में बरामद की गई चरस की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 11 करोड़ रुपए से ज्यादा बताई जा रही है.
कोटा की अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई
कोटा शहर पुलिस ने पिछले साल मादक पदार्थ तस्करी के खिलाफ 160 कार्रवाई कर करीब 190 आरोपियों को गिरफ्तार किया था. इस साल भी दर्जनों कार्रवाइयां कर अपराधियों को सलाखों को पीछे भेजने का काम किया है. लेकिन 'स्कॉच' की मदद से हुई 11 करोड़ की चरस बरामदगी की यह कार्रवाई न केवल कोटा की अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई रही है, बल्कि प्रदेश की बड़ी कार्रवाइयों में शुमार मानी जा रही है.
बेहद खास है यह 'स्कॉच
- मूलरूप से बेल्जियम से इर्म्पोट किये जाने वाला यह मेलिनोइस डॉग आमतौर पर काले मुखौटे जैसे चेहरे और कानों के साथ भूरे से महोगनी रंगों के रूप में पाए जाते हैं.
- यह डॉग गाड़ी और बिल्डिंग ही नहीं, बल्कि 2 फीट गहराई में भी यदि किसी ने मादक पदार्थों का सामान गाड़ा हो तो उसे ढूंढ निकालता है.
- 9 गज की दूरी से गंध को पहचानकर शिकारी की तलाश कर सकता है. इसकी सूंघने की क्षमता इंसान से 40 गुणा ज्यादा होती है.
- नर डॉग की ऊंचाई करीब 24-26 इंच और मादाओं की 22-24 इंच होती है. इसका वजन करीब 20-30 किलोग्राम होता है.
- 24 घंटे बाद भी व्यक्ति के रास्ते से गुजरने की गंध को पहचान लेता है.
- 2 से 3 फीट तक ऊंची दीवार को बिना रुके पार कर लेता है.
3 माह की उम्र में बैंगलौर में हुई थी ट्रेनिंग
बकौल पुलिस अधीक्षक गौरव यादव स्कॉच पूरी तरह से ट्रेंड हैं. 3 साल के स्कॉच की ट्रेंनिग 3 माह की उम्र में बैंगलौर में हुई थी. करीब 9 माह तक पूरा ट्रेंड होने के बाद इसे क्राइम ब्रान्च कोटा पुलिस को सौपा गया था. स्कॉच ने मात्र दो दिनों में 11 करोड की चरस पकड़वाने में अहम भुमिका अदा की है.
(रिपोर्ट: ओमप्रकाश मारु)
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विशेष अभियान के बेड़े में शामिल किया
कोटा के नवनियुक्त पुलिस अधीक्षक गौरव यादव ने इसके भागने, सूंघने और देखने की अभूतपूर्व क्षमता और खासियत को पहचान कर मादक पदार्थ की तस्करी को रोकने के लिए चलाये जा रहे विशेष अभियान के बेड़े में शामिल किया तो पुलिस कामयाबी के आसमान को छुने लगी. युवाओं की नसों में जहर घोलने वाले मादक पदार्थों की रोकथाम के लिए सिटी एसपी यादव इस डॉग को निरंतर काम में लेकर मुहिम को आगे बढ़ा रहे हैं.
कोटा में दो दिन में पकड़ी गई है 16.6 किलो चरसकोटा में मकबरा थाना पुलिस और डीएसटी टीम ने शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए घंटाघर निवासी अखलाक उर्फ बिल्सन को गिरफ्तार कर एक किलो 600 ग्राम चरस बरामद की थी. उसके बाद पुलिस ने उसकी निशानदेही पर शनिवार को 15 किलो चरस और बरामद की. दो दिनों में बरामद की गई चरस की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 11 करोड़ रुपए से ज्यादा बताई जा रही है.
कोटा की अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई
कोटा शहर पुलिस ने पिछले साल मादक पदार्थ तस्करी के खिलाफ 160 कार्रवाई कर करीब 190 आरोपियों को गिरफ्तार किया था. इस साल भी दर्जनों कार्रवाइयां कर अपराधियों को सलाखों को पीछे भेजने का काम किया है. लेकिन 'स्कॉच' की मदद से हुई 11 करोड़ की चरस बरामदगी की यह कार्रवाई न केवल कोटा की अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई रही है, बल्कि प्रदेश की बड़ी कार्रवाइयों में शुमार मानी जा रही है.
बेहद खास है यह 'स्कॉच
- मूलरूप से बेल्जियम से इर्म्पोट किये जाने वाला यह मेलिनोइस डॉग आमतौर पर काले मुखौटे जैसे चेहरे और कानों के साथ भूरे से महोगनी रंगों के रूप में पाए जाते हैं.
- यह डॉग गाड़ी और बिल्डिंग ही नहीं, बल्कि 2 फीट गहराई में भी यदि किसी ने मादक पदार्थों का सामान गाड़ा हो तो उसे ढूंढ निकालता है.
- 9 गज की दूरी से गंध को पहचानकर शिकारी की तलाश कर सकता है. इसकी सूंघने की क्षमता इंसान से 40 गुणा ज्यादा होती है.
- नर डॉग की ऊंचाई करीब 24-26 इंच और मादाओं की 22-24 इंच होती है. इसका वजन करीब 20-30 किलोग्राम होता है.
- 24 घंटे बाद भी व्यक्ति के रास्ते से गुजरने की गंध को पहचान लेता है.
- 2 से 3 फीट तक ऊंची दीवार को बिना रुके पार कर लेता है.
3 माह की उम्र में बैंगलौर में हुई थी ट्रेनिंग
बकौल पुलिस अधीक्षक गौरव यादव स्कॉच पूरी तरह से ट्रेंड हैं. 3 साल के स्कॉच की ट्रेंनिग 3 माह की उम्र में बैंगलौर में हुई थी. करीब 9 माह तक पूरा ट्रेंड होने के बाद इसे क्राइम ब्रान्च कोटा पुलिस को सौपा गया था. स्कॉच ने मात्र दो दिनों में 11 करोड की चरस पकड़वाने में अहम भुमिका अदा की है.
(रिपोर्ट: ओमप्रकाश मारु)
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