20 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा गया रोड़वेज का बाबू गोपालराम
रिपोर्ट: महेंद्र बिश्नोई
नागौर:नागौर में जोधपुर एसीबी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 20 हजार की रिश्वत लेते रोडवेज के बाबू गोपालराम को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. प्रकरण में नागौर रोडवेज की मुख्य प्रबंधक ऊषा चौधरी की भूमिका भी संदिग्ध है, जिसकी जांच की जा रही है. आरोप है की अनुबंध की बसों के संचालन को लेकर हर महीने रिश्वत ली जाती थी .
जोधपुर एसीबी के निरीक्षक मनीष वैष्णव ने बताया कि परिवादी हरिप्रसाद ने नागौर रोडवेज में अनुबंध पर सात बसें लगा रखी है. परिवादी बार-बार रिश्वत बढ़ाए जाने से परेशान था और हर बस के लिए मंथली दो हजार रुपए मांगने पर परेशान होकर जोधपुर एसीबी को शिकायत की. इसके बाद एसीबी के निरीक्षक मनीष वैष्णव की टीम ने कार्रवाई की और रोडवेज बस स्टैंड के आगे ही परिवादी से 20 हजार रिश्वत लेते बाबू गोपालराम को गिरफ्तार किया.
मुख्य प्रबंधक के नाम ली जा रहीं थी रिश्वत:
जांच में यह सामने आया है कि परिवादी से बाबू गोपालराम ने रोडवेज की मुख्य प्रबंधक ऊषा चौधरी के नाम से यह रिश्वत ली. ऊषा चौधरी की भूमिका की जांच चल रही है. आरोपी बाबू को गिरफ्तार करने के बाद जोधपुर एसीबी ने सदर थाने में आगे की कार्रवाई पूरी की.
मंथली के नाम पर चल रहा रिश्वतखोरी का खेल:
परिवादी हरिप्रसाद ने बताया कि पहले सात बसों के लिए प्रति बस एक हजार रुपए मंथली ली जाती थी, जिसे बढाकर प्रति बस दो हजार कर दिए. आखिर में किसी तरह प्रति माह 10 हजार की मंथली तय हुई और आज दो माह की मंथली 20 हजार लेते बाबू गोपालराम को गिरफ्तार किया है. एक खुलासा यह भी हुआ है कि बसो को अच्छे रुट में लगाने के लिए भी प्रति बस 10 हजार की डिमांड की जाती थी. अब एसीबी की टीम नागौर रोडवेज की मुख्य प्रबंधक ऊषा चौधरी की भूमिका की भी जांच कर रही है,
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