रिपोर्ट: कृष्ण कुमार
नागौर. कर्म करते जाओ, फल की इच्छा मत करों. यह कहावत नागौर के बेटे ने चरितार्थ की है. नागौर के अलाय गांव के रहने वाले अशोक ज्याणी ने नागौर जिले का नाम गौरवान्वित किया है. वर्तमान समय में जोधपुर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में 2013 से प्रोफेसर के पद पर कार्यरत थे. लेकिन हाल ही में इनका सलेक्शन लखनऊ की सबसे बड़ी मेडिकल कॉलेज अटल बिहारी वाजपेयी में डीन का पद संभालेगें. नागौर के पहले ऐसे व्यक्ति है जो लखनऊ की यूनिवर्सिटी में डीन के पद पर कार्य करेगें.
अशोक ज्याणी का परिचय
अशोक ज्याणी नागौर के अलाय गांव के रहने वाले है. इन्होनें हाल ही लखनऊ की अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय में डीन के पद पर नियुक्ति दी गई है. अशोक ने अपनी सफलता को लेकर न्यूज 18 से बातचीत में बताया कि बचपन से पढ़ाई से गहरा लगाव था. मेरे पिताजी शिक्षित होने के कारण हमें इसका फायदा मिला. मेरे पिताजी की प्रेरणा से मैंने मेहनत और लगन की पढ़ाई की.
गांव से हुई शिक्षा की शुरुआत
अशोक ज्याणी ने बताया कि 1-12 कक्षा तक की शिक्षा गांव से हुई. उसके बाद मैने पढ़ाई को जारी रखने के लिए नागौर जिले में पढ़ाई की. सुविधा नहीं होने के कारण यूजी (UG) बैगलुरु से की. उसके बाद पीजी और पीएचडी (PG & PHED) लुधियाना, पंजाब से की. उसके बाद कई दिन आंबला में पढ़ाने का कार्य किया. वहीं 2013 से एम्स जोधपुर में एसोसिएट प्रोफेसर के पद कार्य किया. हाल ही लखनऊ की अटल बिहारी वाजपेयी महाविद्यालय में डीन का पद ग्रहण किया है.
सफलता के पीछे मेरे परिवार का सहयोग
अशोक ज्याणी ने बताया कि मेरी सफलता के पीछे मेरे परिवार का सबसे ज्यादा सहयोग रहा है. इसके अलावा उन्होंने बताया कि मेरे गुरु और मेरे दोस्तों ने मेरे हर काम में मदद की और आज मैं इस काबिल बन पाया हूं. आज पूरा नागौर जिला अशोक ज्याणी पर गर्व कर रहा हैं. इनकी इस सफलता को देखते हुए ग्रामीणों द्वारा और जनप्रतिनिधियों द्वारा खुशी जताई गई है.
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