ताजीराम साऊ जो फार्म पेंट की मदद से खेती करता हैं.
रिपोर्ट : कृष्ण कुमार
नागौर. राजस्थान भारत का सबसे बड़ा राज्य है. राजस्थान को खनिजों का अजायबघर कहा जाता है. लेकिन खनिजों का अजायबघर होने के बावजूद भी राजस्थान में पानी की समस्या बनी हुई है. राजस्थान में विशेषकर पश्चिमी राजस्थान में पानी की समस्या बनी हुई हैं. लेकिन फिर भी यहां पर किसानो द्वारा नई – नई पद्धति से खेती की जाती हैं.
आज हम नागौर के ऐसे किसान से रुबरु करवाने जा रहे हैं जो रबी की फसल की खेती करने के लिए नवाचार पद्धति का उपयोग करते हुए खेती कर रहें है. ऐसा ही नागौर के लालवास गांव के किसान ताजीराम ने किया है. जिन्होंने अपने खेत में फार्म पेंट बनवाकर रबी की फसल की खेती कर रहा है.
यह किसान न तो नहर के पानी पर आधारित है, ना ही ट्यूबेल के पानी पर आधारित है. बल्कि किसान द्वारा बारिश का पानी इकट्टा करके रबी की फसल खेती कर रहा है. वर्तमान समय में इस किसान के द्वारा जीरे की फसल की खेती की गई है.
इस पद्धति से कर रहा किसान खेती
राज्य सरकार द्वारा खेती को विकसित करने के लिए निरन्तर प्रयास कर रही है. किसानों को आधुनिक खेती करने के तरीके और योजना चलाकार किसानों की मदद कर रही है. इसी नवाचार का सहारा लेते हुए एक किसान ताजीराम ने अपने खेत में फार्म पेंट बनवाकर खेती कर रहा है. फार्म पेंट खेत के एक हिस्से में सरकार की सहायता से बहुत बड़ा कुंड बनवाकर उसमें बारिश का पानी को इकत्रित किया जाता है.
बारिश के पानी को एकत्रित करकेरबी के फसल की खेती की जाती हैं.ताजीराम के खेत में 10 हजार लाख लीटर का फार्म पेंट बना हुआ है. जिसकी कुल लागत बाहर लाख रुपये आई थी.जिसमें सरकार के द्वारा इस किसान को 5 लाख रुपये की सहायता राशि दी गई थी.यह फार्म पेंट किसान कृषि या उद्यान विभाग की सहायता सेंअपने खेत में बनवा सकता है.
फार्म पेंट से जीरे के फसल की खेती
वर्तमान समय में किसान ताजीराम द्वारा अपने 40 बीघा खेत में जीरे के फसल की खेती की है.यह फसल खारे पानी में नहीं बल्कि मीठे पानी की फसल है. यह फसल लगभग सामान्य जीरे की फसल से बीघा प्रति क्विंटल से 50-60 किलाग्राम अधिक उत्पादित होगी. यह किसान के द्वारा अपने खेतो में भी बनवाया जा सकता है.
यह किसान को भूजल पर निर्भर रहने से दूर करता हैं क्योंकि फार्म पेंट से बारिश का पानी इकट्टा करके आसानी से रबी के फसल की खेती की जा सकती है. वहीं खरीफ के फसल करने के बाद पानी की आवश्यकता होने पर खरीफ की फसल में भी इस पानी का प्रयोग किया जा सकता है.
इस फसल की यह हैं खासियत
जीरे की फसल की सामान्य पौधे की हाईट 15 से 30 सेमी. हाईट होती हैं. लेकिन इस पौधे की हाईट सामान्य हाईट सें 4- 5 सेमीं अधिक होती है.मीठे पानी की फसल में रोग लगने की संभावना बहुत कम होती है.खारे पानी से बुवाई की जीरे की फसल से इसका स्वाद ज्यादा अच्छा होता है.
सालाना 15 से 20 लाख की आय
किसान ताजीराम नागौर के खींवसर तहसील के लालावास गांव के रहने वाले है. यह अपने खेत में फार्म पेंट बनवाकर रबी की फसल की खेती कर रहे है. इन्होने बताया कि सालाना लगभग दोनों फसलों से 15 से 20 लाख तक की आय प्राप्त कर लेते हैं.
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