रिपोर्ट: कृष्ण कुमार
नागौर.नागौर के भेड़ गांव को सफेद चूने के लिए देशभर में जाना जाता है. लेकिन ये गांव संत मालकर बाबा के कारण भी जाना जाता है, जिन्होंने तीन बार जीवित समाधि ली थी. संत मालकर बाबा का जन्म विक्रम संवंत 1465 में हुआ. इन्होनें 24 वर्ष तक नोखा तहसील के संगाल धोरा नामक गांव में तपस्या की. उसके बाद इन्होनें भेड़ गांव में वापस आकर राजस्थान के लोकदेवता रुपनाथ महराज की तपस्या एक केर और खेजड़ी के पेड़ के नीचे बैठकर की. इन्होनें विक्रम संवंत 1565 में भेड़ गांव में ही जीवित समाधि ली. इन्होनें अपने जीवन में 56 वर्ष से अधिक तपस्या की. ग्रामीणों का कहना है कि इन्होंने भगवान से वरदान प्राप्त करके अपनी देवीय शक्तियों से कई मृत व्यक्तियों को जीवित भी किया था.
जानें मालकर देव के चमत्कार
मंदिर पुजारी बिंजाराम जी बताते है कि मालकर बाबा ने सर्वप्रथम चमत्कार भेड़ गांव के निकट स्थित माडपुरा गांव के ठाकुर को दिखाया.ठाकुर के बेटे की तबीयत खराब होने की वजह से मालकर बाबा को झाड़ा यानि कि देवीय शक्ति से बेटे की बीमार ठीक करने के लिए बुलाया. मालकर बाबा ने माडपुरा गांव जाने से इन्कार कर दिया. इसके बाद ठाकुर के सैनिको द्वारा जोर जबरदस्ती करके ले जाने पर मालकर बाबा ने कहां कि आप पीछे ऊंट से आओ मैं आगे पैदल चलता हूं. परन्तु देवीय शक्ति होने के कारण ऊंटो व मालकर बाबा की बीच की दूरी कम नही हुई.
दूसरे चमत्कार के रुप में गांव में रमाबाई नाम की महिला की अकाल मृत्यू के कारण मालकर बाबा ने उस मृत महिला को जीवित किया. वह महिला जीवित होनें के बाद 20 वर्ष और जिंदा रही.
तीसरे तमत्कार के रुप में पुजारी के बताये अनुसार खींवसर के राजा को श्राप दिया कि तुम्हें केवल एक ही पुत्र की प्राप्ति होगी वो सिलसिला आज तक चला आ रहा हैं. यह चमत्कार मंदिर के पुजारी के अनुसार बताए गए हैं न्यूज 18 इसकी पुष्टि नहीं करता हैं.
तीन बार ली जीवित समाधि
पुजारी ने बताया कि मालकर बाबा ने विक्रम संवंत 1565 में भेड़ गांव में जीवित समाधि ली थी.पुजारी के अनुसार मालकर बाबा ने तीन जगह जीवित समाधि ली थी. सबसे पहले भेड़ गांव में दूसरी जगह संगाल धोरा ( नोखा) वहीं तीसरी बताते हैं कि मालवा मध्यप्रदेश में ली थी.
ये है मान्यताएं
पुजारी बिंजाराम ने बताया कि बाबा के यहां पर परिक्रमा देने से मन की सभी मनोकामना पूर्ण होती है. अगर किसी महिला को संतान का सुख प्राप्त नहीं है तो यहां पर परिक्रमा देने से संतान प्राप्ति का सुख प्राप्त होता है.
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