रिपोर्ट – कृष्ण कुमार
नागौर. ज़िला मुख्यालय से कुछ ही दूर एक कस्बा है, जो हाल में नगरपालिका बना है. इस पूरे कस्बे के भीतर अगर आप अपने वाहन से कुल तीन किलोमीटर की दूरी नापते हैं, तो आपको कम से कम 40 बार अपनी सीट से उचकने का अहसास होगा. आप यदि नागौर के बासनी गांंव आते हैं तो आपको सावधानी से यात्रा करनी होगी क्योंकि यहां 40 से ज्यादा स्पीड ब्रेकर बने हुए हैं. नगरपालिका इन स्पीड ब्रेकरों को जायज़ ठहराती है ताकि वाहनों की गति कम और नियंत्रित रहे. इसके पीछे कारण यहां की बसाहट है.
बासनी की आबादी लगभग 60,000 की है और बहुत कम दायरे में बसी हुई है इसलिए यहां इतने स्पीड ब्रेकर बनाए गए हैं. नगर पालिका के चेयरमैन चांद बीबी से बात करने पर पता चला चूंकि यह कस्बा नागौर जिला मुख्यालय के नजदीक है इसलिए यहां लगातार वाहनों की आवाजाही रहती है. आबादी के घनत्व के चलते वाहनों की गति कम रखने के लिए यहां 40 ब्रेकर बनाए गए हैं.
बासनी नगरपालिका में 25 से ज्यादा विद्यालय हैं. इधर, स्थानीय लोग बताते हैं कि लोगों ने ही ये छोटे बड़े स्पीड ब्रेकर बनाए हैं ताकि बच्चे पैदल आते जाते वक्त सुरक्षित रहें. बासनी निवासी तारिक ने बताया कि यहां वाहनों की अधिक गति के कारण की कई बार हादसे हो चुके हैं. यह मुख्य सड़क भी है और यहीं बासनी का बाजार, स्कूल, मदरसे और नगर पालिका भवन हैं. यहां भारी-भरकम वाहन भी चलते हैं. तारिक के अनुसार ब्रेकर बन जाने के बाद सड़क हादसों में कमी आई है.
वाहन चालक जगमालराम ने बताया ज्यादा स्पीड ब्रेकर होने की वजह से कई बार गाड़ियों में नुकसान हो चुका है. मोटरसाईकिल चालक अजीत फौजी ने कहा यहां स्पीडब्रेकर होने की वजह से सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं. साथ ही गाड़ी चलाने पर कमर में दर्द होने लगता है. याद रखें बासनी में नायरा पेट्रोल पंप से लेकर कुमारी की तरफ जाने वाली सड़क पर सालार ढाबा 3 किलोमीटर की दूरी तक आपको 40 स्पीड ब्रेकर मिलेंगे.
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