मध्य प्रदेश से सटे प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में रेगिस्तान का जहाज ऊंट (Camel) दलदल में फंस गया. रविवार शाम को दलदल (Marshes) में फंसे इस मूक प्राणी को करीब 24 घंटे बाद निकाला जा सका है. दलदल में फंसे इस ऊंट ने खुद कई इससे निकलने का प्रयास किया, लेकिन वह उससे बाहर नहीं आ सका. अंतत: सुबह ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग (Forest department) की टीम मौके पर पहुंची है और कड़ी मशक्कत कर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर उसे बाहर निकाला.
जानकारी के अनुसार, ऊंट के दलदल में फंसने की घटना प्रतापगढ़ जिले के धरियावद उपखंड के लोदिया गांव के पास वडोर नदी इलाके में रविवार दिन में हुई थी. यहां रेगिस्तान का यह जहाज चिकनी मिट्टी के दलदल के गड्ढे में गिर गया. गड्ढे में गहरा होने के कारण वह उसमें फंसकर रह गया. ग्रामीणों ने जब उसे देखा तो उन्होंने उसे निकालने के प्रयास किया, लेकिन उसे वहां से निकाल पाना संभव नहीं हो सका.
मूक प्राणी को यूं दलदल में फंसा देखकर ग्रामीण मायूस तो हुए, लेकिन वे कुछ कर नहीं पाए. वहीं, ऊंट भी खुद इससे निकलने का प्रयास करता रहा, लेकिन वह जितना निकलने का प्रयास करता उतना ही उसमें फंसता चला जाता. अंत में वह भी थक हार कर उसी में बैठ गया. ऊंट पूरी रात भूखा प्यासा दलदल में ही फंसा रहा.
इस पर ग्रामीणों ने सोमवार को सुबह वन विभाग की टीम को इसकी सूचना दी. विभाग की टीम मौके पर पहुंची तो वह काफी थका हुआ नजर आ जा रहा था. संभवतया उसने रात को भी इससे निकलने का प्रयास किया, लेकिन वह सफल नहीं पाया. सुबह वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों की सहायता से ऊंट के दलदल से निकालने का रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया. विभाग की टीम ने ग्रामीणों के सहयोग से कड़ी मशक्कत कर दोपहर करीब 12 बजे ऊंट को दलदल से निकालने में सफलता हासिल कर ली.
उल्लेखनीय है कि ऊंट राजस्थान का राज्य पशु है. पिछले कुछ समय में इसकी तादाद लगातार घटती जा रही है. रेगिस्तान का जहाज माना जाने वाल ऊंट पहले खेती बाड़ी का मुख्य साधन था, लेकिन वर्तमान में खेती बाड़ी में आधुनिक संसाधनों की उपयोगिता बढ़ जाने से इसकी महत्ता कम होने लग गई है. किसान भी अब ऊंट की जगह ट्रैक्टर रखने लग गया है. पिछले दिनों ऊंट की कम होती जनसंख्या को लेकर विधानसभा में सवाल भी उठा था. उस पर काफी बहस भी हुई थी.
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FIRST PUBLISHED : April 19, 2021, 13:02 IST