पातेय वेतन पर कार्यरत शिक्षकों ने वसुंधरा राजे सरकार को आंदोलन की चेतावनी दी है. इसके पीछे मूल वजह पातेय वेतन वाले प्रधानाध्यापकों को फिर से मूल पदों पर भेजे जाने का विरोध अब मुखर होने लगा है.
इससे प्रभावित हो रहे पातेय वेतन प्रधानाध्यापकों ने सोमवार को राजस्थान शिक्षा सेवा प्रधानाध्यापक संघ के बैनर तले बैठक कर विरोध की आगामी रणनीति तय की. संगठन के पदाधिकारियों ने कहा है कि यदि जल्द ही उनके मसले का निस्तारण नहीं किया जाता है तो वे सड़क पर उतरने को मजबूर होंगे. वहीं मसले को लेकर जल्द ही संगठन के पदाधिकारी मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से भी मुलाकात करेंगे.
गौरतलब है कि वरिष्ठ शिक्षकों को प्रधानाध्यापकों की कमी होने के चलते पातेय वेतन पर प्रधानाध्यापक के तौर पर लगाया गया था और अब करीब पांच से छह साल इस पद पर काम करने के बाद उन्हें फिर से मूल पदों पर भेजा जा रहा है. राजस्थान शिक्षा सेवा प्रधानाध्यापक संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि यदि सरकार वर्षवार डीपीसी का आयोजन करे तो इस तरह की नौबत नहीं आएगी और सैंकडों पातेय वेतन प्रधानाध्यापक अपने पदों पर बने रहेंगे.
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FIRST PUBLISHED : November 03, 2015, 11:03 IST