राजस्थान: सदन में उठा सोसायटियों की ठगी का मामला, निवेशकों का पैसा वापस दिलाने पर सीएम दिखे गंभीर

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत क्रेडिट कॉपरेटिव सोसायटियों के नाम पर ठगी के मामले पर गंभीर दिखे.(फाइल फोटो)
क्रेडिट कॉपरेटिव सोसायटियों (Credit Cooperative Societies) ने बड़े स्तर पर लोगों के साथ ठगी (Fraud) की है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) इस पूरे मामले को लेकर गंभीर हैं. आज विधानसभा में मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों का पैसा कैसे वापस लौटेगा यह बड़ा सवाल है. उन्होंने कहा कि हम इसमें हर तरह की कार्रवाई के लिए तैयार हैं.
- News18Hindi
- Last Updated: February 25, 2021, 9:56 PM IST
जयपुर. क्रेडिट कॉपरेटिव सोसायटियों (Credit Cooperative Societies) के मकड़जाल में फंसे लोगों का पैसा वापस दिलवाने को लेकर सीएम अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) गंभीर हैं. गहलोत ने आज विधानसभा में कहा कि इस मसले पर खुलकर चर्चा होनी चाहिए और विपक्ष चाहे तो इस पर आधे घंटे की चर्चा भी सदन में रखी जा सकती है. विधायक धर्मनारायण जोशी ने प्रश्नकाल में सहकारी बैंकों और क्रेडिट कॉपरेटिव सोसायटियों से जुड़ा सवाल पूछा था.
नेता प्रतिपक्ष गुलाब चन्द कटारिया ने सीएम से आग्रह किया कि जिन्होंने अपनी राशि इन सोसायटियों में जमा करवाई उनमें ज्यादातर पेंशनर्स हैं और उन्हें पैसा वापस दिलाने के प्रयास होने चाहिए. सीएम अशोक गहलोत ने भी माना कि लाखों लोग इसमें फंसे हुए हैं, जो ज्यादा ब्याज के लालच में इसमें पैसा जमा करवा देते हैं और फिर कंपनियां भाग जाती हैं.
सीएम ने कहा कि हमने एसओजी को इनकी जांच दी है. ये लोग जेल तो चले जाएंगे पर निवेशकों का पैसा कैसे लौटेगा यह बड़ा सवाल है. सीएम ने कहा कि अगर इस संबंध में कोई कानून बनवाना हो या कोई कार्यवाही करनी हो तो हम इसके लिए तैयार हैं. इन पर कार्रवाई चूंकि केन्द्र के हाथ में है, लिहाजा पक्ष-विपक्ष के लोग इसे लेकर केन्द्र को लिख सकते हैं.
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विधायक धर्मनारायण जोशी के सवाल का जवाब देते हुए सहकारिता राज्यमंत्री टीकाराम जूली ने सदन में बताया कि अब तक उपभोक्ताओं की राशि वापस ना मिलने की कुल 1 लाख 2 हजार 96 शिकायतें प्रदेश में सामने आ चुकी हैं. इन लोगों ने 16 अरब 51 करोड़ से ज्यादा की राशि का क्लेम किया है. नागरिक सहकारी बैंकों की कुल 22 हजार 903 शिकायतें मिली हैं, जबकि मल्टी स्टेट क्रेडिट कॉपरेटिव सोसायटियों की कुल 77 हजार 791 शिकायतें प्राप्त हुई हैं.
इसी तरह प्रदेश में पंजीकृत सोसायटियों की कुल 1 हजार 402 शिकायतें मिली हैं. मल्टी स्टेट क्रेडिट कॉपरेटिव सोसायटियां केन्द्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में हैं और इन पर नियम-कानून भी केन्द्र सरकार द्वारा ही बनाए जाते हैं. उन्होंने कहा कि एक केन्द्रीय मंत्री का नाम भी इन सोसायटियों में सामने आया था.
नेता प्रतिपक्ष गुलाब चन्द कटारिया ने सीएम से आग्रह किया कि जिन्होंने अपनी राशि इन सोसायटियों में जमा करवाई उनमें ज्यादातर पेंशनर्स हैं और उन्हें पैसा वापस दिलाने के प्रयास होने चाहिए. सीएम अशोक गहलोत ने भी माना कि लाखों लोग इसमें फंसे हुए हैं, जो ज्यादा ब्याज के लालच में इसमें पैसा जमा करवा देते हैं और फिर कंपनियां भाग जाती हैं.
सीएम ने कहा कि हमने एसओजी को इनकी जांच दी है. ये लोग जेल तो चले जाएंगे पर निवेशकों का पैसा कैसे लौटेगा यह बड़ा सवाल है. सीएम ने कहा कि अगर इस संबंध में कोई कानून बनवाना हो या कोई कार्यवाही करनी हो तो हम इसके लिए तैयार हैं. इन पर कार्रवाई चूंकि केन्द्र के हाथ में है, लिहाजा पक्ष-विपक्ष के लोग इसे लेकर केन्द्र को लिख सकते हैं.
विधायक धर्मनारायण जोशी के सवाल का जवाब देते हुए सहकारिता राज्यमंत्री टीकाराम जूली ने सदन में बताया कि अब तक उपभोक्ताओं की राशि वापस ना मिलने की कुल 1 लाख 2 हजार 96 शिकायतें प्रदेश में सामने आ चुकी हैं. इन लोगों ने 16 अरब 51 करोड़ से ज्यादा की राशि का क्लेम किया है. नागरिक सहकारी बैंकों की कुल 22 हजार 903 शिकायतें मिली हैं, जबकि मल्टी स्टेट क्रेडिट कॉपरेटिव सोसायटियों की कुल 77 हजार 791 शिकायतें प्राप्त हुई हैं.
इसी तरह प्रदेश में पंजीकृत सोसायटियों की कुल 1 हजार 402 शिकायतें मिली हैं. मल्टी स्टेट क्रेडिट कॉपरेटिव सोसायटियां केन्द्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में हैं और इन पर नियम-कानून भी केन्द्र सरकार द्वारा ही बनाए जाते हैं. उन्होंने कहा कि एक केन्द्रीय मंत्री का नाम भी इन सोसायटियों में सामने आया था.