Sawai madhopur news: रणथंभौर में राजस्थान के सर्वाधिक टाइगर ही नहीं भालू भी पाए जाते है.
रिपोर्ट- गजानंद शर्मा
सवाई माधोपुर. यूं तो रणथंभौर टाइगर रिजर्व टाइगर के लिए के लिए विश्व प्रसिद्ध है, लेकिन आप यह जानकर हैरान रह जाओगे कि रणथम्भौर टाइगर रिजर्व मेंभालूओं की तादात टाइगर से ज्यादा है. रणथम्भौर टाइगर रिजर्व 1334 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. टाइगर के अलावा, लेपर्ड, भालू, सांभर,चीतल सहित कई वन्यजीव यहां पाए जाते है. रणथंभौर में राजस्थान के सर्वाधिक टाइगर ही नहीं भालू भी पाए जाते है.
फिलहाल, रणथंभौर में 100 से ज्यादा भालू है. जबकि टाइगरों की संख्या 77 है. रणथम्भौर के बाहरी जोनों में ज्यादा भालू है. रणथम्भौर टाइगर रिजर्व में कुल दस जोनों में पर्यटन मूवमेंट रहता है. इनमें जोन नम्बर 1 से 5 को रणथम्भौर के आंतरिक जोन कह जाते है. जबकि जोन नम्बर 6 से 10 को रणथम्बौर के बाहरी जोन कहा जाता है. रणथंभौर के बाहरी जोनों के कुंडाल, चिड़ीखो, दमदमा वन क्षेत्र में भालू बहुतायत में पाए जाते है. इसी के साथ ही रणथम्भौर के ऐसे जोन जहां पर पर्यटन नहीं किया जाता है. वहां पर भी भालूओं की अच्छी खासी तादात है. इनमें रणथंभौर की खण्डार, क्वालजी वन क्षेत्र शामिल है
आबादी वाले इलाकों में आ जाते है भालू
रणथंभौर में भालूओं की अच्छी तादात है. जिसके चलते अक्सर भालू रणतम्भौर के जंगलों से निकलकर आबादी वाले इलाकों में आ जाते है. हाल ही में यहां भालू जीवरावजी की बावड़ी, सीतामाता, श्याम वाटिका, सिटी सेंटर मॉल, एनएच- 552 टोंक शिवपुरी हाई वे पर भालू आ चुका है. जिनका रणथम्भौर की रेस्क्यू टीम ने कई बार रेस्क्यू भी किया है. रणथम्भौर की रेस्क्यू टीम ने पुराने शहर के गलता मंदिर, रेलवे स्टेशन स्थित सिटी सेंटर माल, खण्डार रेंज के गोठ गांव के पास भी भालू रेस्क्यू किया है.
रणथंभौर के प्रथम डीएफओ संग्राम सिंह ने बताया कि रणथम्भौर नेशनल पार्क में 100 से अधिक भालू है. वहां मौजूद जानवरों में भालूऐसा जानवर है जो सड़ी हुई चीजों का सेवन करता है और यह रणथंम्भौर में दीमक को भी खाता है.
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