सवाई माधोपुर: खंडार रेंज में 2 बाघों का मूवमेंट, ग्रामीण पर किया हमला, ट्रेकिंग जारी

हमले में बाघ के पंजों में महज बद्री जाट की शॉल ही आ पाई. वरना कोई बड़ा हादसा हो सकता था.
सवाई माधोपुर (Sawai madhopur) के रणथंभौर नेशनल पार्क (Ranthambore National Park) की खंडार रेंज के मई खुर्द-सांवलपुर गांव के नजदीक एक साथ 2 बाघों का मूवमेंट (Movement) बना हुआ है. बाघों के मूवमेंट को लेकर ग्रामीणों में दहशत (Panic) का माहौल है.
- News18 Rajasthan
- Last Updated: November 20, 2019, 3:52 PM IST
सवाई माधोपुर. रणथंभौर नेशनल पार्क (Ranthambore National Park) की खंडार रेंज के मई खुर्द-सांवलपुर गांव के नजदीक एक साथ 2 बाघों का मूवमेंट (Movement) बना हुआ है. बाघों के मूवमेंट को लेकर ग्रामीणों में दहशत (Panic) का माहौल है. बुधवार को एक बाघ ने एक ग्रामीण पर हमला (Attack) कर दिया. हमले के बाद ग्रामीण एकत्र हो गए वन विभाग (Forest department) को सूचना दी. वन विभाग की टीम बाघों को ट्रेस (Trace) करने में जुटी है, लेकिन अभी उनकी लोकेशन (Location) का पता नहीं चल पाया है.
बाघ के पंजों में महज बद्री जाट की शॉल ही आ पाई
जानकारी के अनुसार बुधवार को सुबह बहरावण्डा खुर्द निवासी बद्री जाट अपनी बाइक से गोठडा गांव जा रहा था. इसी दौरान मई खुर्द गांव के नजदीक एक बाघ ने अचानक उस पर हमला कर दिया. गनीमत रही कि बद्री जाट शॉल ओढ़े होने कारण जख्मी होने से बच गया. हमले में बाघ के पंजों में महज बद्री जाट की शॉल ही आ पाई. वरना कोई बड़ा हादसा हो सकता था.
अभी तक लोकेशन ट्रेस नहीं हो पाईघटना की सूचना के साथ ही आसपास के ग्रामीण हाथों में लाठियां-डंडे लेकर मौके पर एकत्रित हो गए. हालांकि इस दौरान बाघ ग्रामीणों का हो हल्ला की आवाज सुनकर जंगल की ओर चला गया बताया जा रहा है. ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी. इस पर खंडार रेंज की वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और घटना की जानकारी ली. वनकर्मियों की टीम हमलावर बाघ के साथ ही दूसरे बाघ की भी ट्रेकिंग में जुटी है, लेकिन अभी तक उनकी लोकेशन ट्रेस नहीं हो पाई है. अभी इस बात की भी पुष्टि नही हो पाई है कि बाघ जंगल में ही या फिर उससे बाहर.
71 से ज्यादा बाघ और उनके शावक हैं रणथम्भौर रिजर्व में
उल्लेखनीय है कि रणथंभौर टाइगर रिजर्व में क्षमता से ज्यादा बाघ हो चुके हैं. वहां अब बाघों में टैरिटरी को लेकर संघर्ष भी बढ़ता जा रहा है. रणथंभौर में शावकों समेत अगर बाघों गिनती कि जाए तो वो 71 के पार जा पहुंची है, जबकि इस टाइगर रिजर्व में केवल 40 बाघों को ही संभालने की क्षमता है. इसके चलते हालात ये हो गए हैं कि करीब 15 से 16 बाघ रणथंभौर के जंगल की सरहदों के आसपास इंसानी आबादी क्षेत्र में घूम रहे हैं.इस वर्ष बाघों के हमले बढ़े हैं
यही कारण है कि इस वर्ष अब तक 4 लोग बाघों के हमले में जान गंवा चुके हैं और 4 बुरी तरह घायल भी हो चुके हैं. इससे पहले कभी ऐसा नहीं हुआ कि एक ही वर्ष में इस इलाके में बाघों ने इंसानों पर इतने हमले किए हों. ग्रामीणों पर हमले की वजह से ही टी-104 को कैद करना पड़ा था. वहीं दो अन्य बाघों को वन विभाग ने इंसानों पर हमले करने वाला मानते हुए उन्हें चिन्हित कर रखा है.
रणथंभौर में क्षमता से ज्यादा हुए बाघ, 71 के पार पहुंचा आंकड़ा, इंसानों के लिए बने खतरा
तनाव में हैं रणथंभौर के युवा बाघ, टैरिटरी को लेकर बढ़ रहा है टकराव
बाघ के पंजों में महज बद्री जाट की शॉल ही आ पाई
जानकारी के अनुसार बुधवार को सुबह बहरावण्डा खुर्द निवासी बद्री जाट अपनी बाइक से गोठडा गांव जा रहा था. इसी दौरान मई खुर्द गांव के नजदीक एक बाघ ने अचानक उस पर हमला कर दिया. गनीमत रही कि बद्री जाट शॉल ओढ़े होने कारण जख्मी होने से बच गया. हमले में बाघ के पंजों में महज बद्री जाट की शॉल ही आ पाई. वरना कोई बड़ा हादसा हो सकता था.
अभी तक लोकेशन ट्रेस नहीं हो पाईघटना की सूचना के साथ ही आसपास के ग्रामीण हाथों में लाठियां-डंडे लेकर मौके पर एकत्रित हो गए. हालांकि इस दौरान बाघ ग्रामीणों का हो हल्ला की आवाज सुनकर जंगल की ओर चला गया बताया जा रहा है. ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी. इस पर खंडार रेंज की वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और घटना की जानकारी ली. वनकर्मियों की टीम हमलावर बाघ के साथ ही दूसरे बाघ की भी ट्रेकिंग में जुटी है, लेकिन अभी तक उनकी लोकेशन ट्रेस नहीं हो पाई है. अभी इस बात की भी पुष्टि नही हो पाई है कि बाघ जंगल में ही या फिर उससे बाहर.
71 से ज्यादा बाघ और उनके शावक हैं रणथम्भौर रिजर्व में
उल्लेखनीय है कि रणथंभौर टाइगर रिजर्व में क्षमता से ज्यादा बाघ हो चुके हैं. वहां अब बाघों में टैरिटरी को लेकर संघर्ष भी बढ़ता जा रहा है. रणथंभौर में शावकों समेत अगर बाघों गिनती कि जाए तो वो 71 के पार जा पहुंची है, जबकि इस टाइगर रिजर्व में केवल 40 बाघों को ही संभालने की क्षमता है. इसके चलते हालात ये हो गए हैं कि करीब 15 से 16 बाघ रणथंभौर के जंगल की सरहदों के आसपास इंसानी आबादी क्षेत्र में घूम रहे हैं.इस वर्ष बाघों के हमले बढ़े हैं
यही कारण है कि इस वर्ष अब तक 4 लोग बाघों के हमले में जान गंवा चुके हैं और 4 बुरी तरह घायल भी हो चुके हैं. इससे पहले कभी ऐसा नहीं हुआ कि एक ही वर्ष में इस इलाके में बाघों ने इंसानों पर इतने हमले किए हों. ग्रामीणों पर हमले की वजह से ही टी-104 को कैद करना पड़ा था. वहीं दो अन्य बाघों को वन विभाग ने इंसानों पर हमले करने वाला मानते हुए उन्हें चिन्हित कर रखा है.
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तनाव में हैं रणथंभौर के युवा बाघ, टैरिटरी को लेकर बढ़ रहा है टकराव
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First published: November 20, 2019, 3:47 PM IST