राजस्थान (rajasthan) के सवाई माधोपुर जिले के डांगरवाड़ा गांव में खेत पर बैठे लड़के पर बाघ ने हमला (Tiger attacked) कर दिया जिसमें उसकी मौत (dead) हो गई. घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीण मृत बालक के शव को लेकर धरने पर बैठ गए. ग्रामीण बालक के शव के साथ रात भर धरने पर बैठे रहे. वहीं सूचना मिलने के साथ ही एसडीएम रघुनाथ खटीक एवं पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों से समझाइश की, लेकिन ग्रामीण नहीं मानें.
ग्रामीण 25 लाख रुपए के मुआवजे की मांग (Demand for compensation) के साथ ही फॉरेस्ट रेंजर (Forest ranger) एवं संबंधित वनकर्मियों को निलंबित करने की मांग पर अड़े हुए हैं. ग्रामीणों का कहना है कि टाइगर ने 2 दिन पहले इलाके में शिकार किया था. इलाके में पांच दिनों से बाघ का मूवमेंट है. बाघ के मूवमेंट को लेकर ग्रामीणों द्वारा वन विभाग (Forest Department) के अधिकारियों को सूचना दी गई थी, लेकिन वन विभाग का कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा और ना ही बाघ की ट्रैकिंग की. नतीजा यह हुआ की सोमवार को बाघ ने एक बालक पर हमला कर दिया, जिससे उसकी मौत हो गई.
ग्रामीणों का कहना है कि बालक की मौत के बाद भी वन विभाग का कोई भी अधिकारी अभी तक मौके पर नहीं पहुंचा है. ग्रामीणों ने कहा कि जब तक मृतक बालक के परिजनों को 25 लाख का मुआवजा और संबंधित तीनों अधिकारियों को निलंबित नहीं किया जाएगा, तब तक धरना जारी रहेगा और किसी भी हाल में शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा.
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FIRST PUBLISHED : October 08, 2019, 10:57 IST