माउंट आबू में आस्था के 52 शक्ति पीठों में से एक अधर देवी का मंदिर है.
किशन वासवानी
सिरोही. देशभर से मां के दर्शन के लिए 52 शक्ति पीठ स्थापित है और चैत्र व शारदीय नवरात्र में भक्तजन अपने कामनाओं को लेकर मां के दरबार में धोक लगाते हैं. माउंट आबू में अधर देवी नामक शक्ति पीठ इन्हीं 52 शक्ति पीठों में से एक है. ऐसा माना जाता है कि जब माता सती के 52 टुकड़े हुए थे उनके होठ इसी स्थान पर गिरे थे. विशाल गुफा में प्राकृतिक रूप में यहां पर मां की मूर्ति स्थापित है, जिसकी तस्वीर लेने के लिए आज तक किसी को अनुमति नहीं मिली है. दर्शनार्थी व श्रद्धालु 350 सीढ़ियों को चढ़कर मां का दर्शन पाते हैं. यहां आने से पहले उन्हें अपने मोबाइल फोन, कैमरा, पर्स, चश्मा व अन्य सभी सामान मंदिर के बाहर ही जमा कराना पड़ता है. टोकन लेने के बाद ही उन्हें मंदिर में दर्शन के लिए प्रवेश मिलता है.
माउंट आबू में वैसे तो अनेक ऋषि मुनियों ने सदियों से शक्ति साधना की है, लेकिन यहां पर ख्यातनाम ऋषि वेदव्यास भी आए थे और उन्होंने यहां पर कई ग्रंथों को लिखा है. इनमें से एक स्कन्द महापुराण भी है. इसी स्कन्द महापुराण के अर्बुद खंड के सोलहवें अध्याय में इस प्राचीनतम मंदिर को 5500 वर्ष से भी अधिक पुराना बताया गया है. साथ ही यहां पर मां के होठ गिरने का वर्णन भी है. इसलिए मां कात्यायनी के रूप में नवरात्र की चतुर्दशी व छठ को यहां पर मां का विशेष श्रृंगार किया जाता है.
नवरात्र में होता अखंड पाठ
सिद्ध साधक नवरात्र में यहां आकर अपनी वाचा जिव्हा की सिद्धि के पूजन व तपस्या भी करते है. अष्टमी की रात्रि में महायज्ञ होता है जो नवमी के सुबह तक पूर्ण होता है. मां दुर्गा सप्तशती का पाठ आचार्य व ब्राह्मणों के द्बारा सुबह व शाम को किया जाता है. वहीं नवरात्रि में तो पूरे दिन व रात्रि में अखंड़ पाठ निरन्तर होता है.
लाखों की संख्या में आते श्रद्धालु
माउंट आबू की शक्ति पीठ में विराजित मां अधर देवी जहां पर मां के होठ गिरे थे उसे प्रदेश के राजपूत, परमार, आजंणा और जैन समाज के कुछ गौत्रों समेत गुजरात के चौधरी समाज के लोगों ने अपनी कुल देवी माना और आज इन्हीं समाजों से सैकड़ों लोग यात्रा कर माउंट आबू में मां के दर्शन के लिए आते है. नवरात्र के दौरान इस स्थान पर लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का निरन्तर आना लगा रहता है. माना जाता है कि यहां पर आने से दुखी लोगों की मां अंतकरण से पुकार सुनकर जल्द ही उनकी मनोकामना पूर्ण कर देती है. जल्द ही मनोकामना पूर्ण होने पर सैकड़ों श्रद्धालु एक दो माह के अंतराल में पुन: मां के दरबार में आशीर्वाद लेने के लिए आते है.
.
Tags: Chaitra Navratri, Navratri, Rajasthan news, Sirohi news