टोंक जिले के पलेई गांव के रामधन जाट की हत्या बीमा पॉलिसी के लालच में उसी के साले ने की थी.
टोंक. गत दिनों ललवाडी चौराहा के पास रोड पर संदिग्ध हालत में मिले रामधन चौधरी के शव को लेकर निवाई थाना पुलिस (Niwai Police) ने बड़ा खुलासा किया है. पुलिस के मुताबिक रामधन की हत्या (Murder) उसके अपनों ने ही की थी. पुलिस ने हत्या के मामले में साले (brother in law) के परिचित व उसके साथी को गिरफ्तार किया है. जिन्हें कोर्ट में पेश कर तीन दिन के रिमांड पर लिया है. हत्या में काम ली गई बाइक मृतक के साढू भाई की थी. साढ़ू भाई फरार है.
पुलिस की जांच में सामने आया है कि मृतक ने दो साल पहले एक करोड़ रुपये का बीमा करवाया था. संभवत इस बीमा राशि को हड़पने के लिए उसके रिश्तेदार भी उसकी हत्या में शामिल हो सकते हैं, इससे इंकार नहीं किया जा सकता है.
पैरों व सैंडलों पर रगड़ने के निशान थे
एसपी ओमप्रकाश ने बताया कि जांच के बाद इसमें और कौन लोग शामिल है, यह सब सामने आ जाएगा. निवाई थाना प्रभारी अजय मीणा के अनुसार 20 सितंबर की रात करीब 9 बजे नेशनल हाईवे 52 पर ललवाडी चौराहा पर पलेई निवासी रामधन पुत्र गुलाबचंद जाट का शव संदिग्ध अवस्था में पड़ा मिला था. उसके शरीर पर चोट के निशान भी नहीं थे. पुलिस ने गंभीरता से जांच करने पर पाया कि उसके पैरों व सैंडलों पर रगड़ने के निशान थे.
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सीसीटीवी फुटेज ने खोला हत्या का राज
इस पर पुलिस को शक हुआ कि इसकी हत्या भी की सकती है. पुलिस ने इस बिंदु को ध्यान में रखकर जांच को आगे बढाया. इसके तहत पुलिस ने घटना के दिन के उस रोड से उसे गांव के सीसीटीवी फुटेज देखे. इसमें सामने आया कि सदर थाना क्षेत्र के जयपुर जिले के मांदी फागी निवासी संजय चौधरी (29) पुत्र बद्रीलाल जाट और सारण सदर निवासी राकेश (21) पुत्र मदनलाल जाट 20 सितंबर रात बाइक से पलेई पहुंचे.
उसी के कपड़े से उसका गला घोंट दिया
उन्होंने रात करीब साढ़े आठ बजे कॉल कर रामधन को गांव के बाहर जरूरी काम होने की बात करते हुए बुलाया. बाद में दोनों आरोपी उसे बाइक पर बिठाकर ललवाडी चौराहा के पास ले गए. जहां कुछ दूरी पर ही स्थित झाड़ियों के पीछे उसके कपड़े से उसका गला घोंट दिया. बाद में एक्सीडेंट में मरा समझने के लिए रोड पर पटक गए. पुलिस ने हत्या के मामले में दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया. जिस बाइक पर रामधन को बिठाकर घटनास्थल पर ले गए थे. वह बाइक मृत रामधन के साढ़ू भाई मांदी निवासी मुकेश चौधरी की है. वह अभी फरार है.
एक करोड़ के बीमे का नॉमिनी है साला
निवाई थाना प्रभारी मीणा ने बताया कि रामधन कुछ साल से गंभीर बीमारी से ग्रसित था. ऐसे में उसने 2019 में प्राइवेट बैंक से एक करोड़ का बीमा कराया था. उस बीमे का नॉमिनी उसका साला मांदी निवासी मंगलराम को बनाया था. ऐसे में पुलिस को रामधन की हत्या में उसके साढू भाई और साले की भूमिका पर संदेह है.
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