रिपोर्ट: निशा राठौड़
उदयपुर. राजस्थान की लोक संस्कृति हर किसी को अपने रंग में रंग लेती है. कुछ ऐसा ही नजारा उदयपुर में आयोजित होने वाले मेवाड़ फेस्टिवल में भी देखने को मिला. गणगौर मेले के दौरान दूसरे दिन विदेशी कलाकारों ने पारंपरिक वेशभूषा धारण कर राजस्थानी गीतों पर अपनी मनमोहक प्रस्तुति दी. राजस्थानी परिधान में सजे-धजे विदेशी युवक-यवतियों ने राजस्थानी गीतों पर नृत्य कर समा बांध दिया.
पर्यटन विभाग की अधिकारी शिखा सक्सेना ने बताया कि विभाग के छात्रों द्वारा मात्र 2 घंटों की तैयारियों में इन विदेशी पर्यटकों ने राजस्थान की संस्कृति को पूरी तरीके से अपना लिया. राजस्थानी डांस स्टेप्स सिख कर यादगार पलो का समा बांध दिया. घूमर,केसरिया बालम जैसे लोक गीतों पर इन्होंने अपनी परफॉर्मेंस दी.वहीं राजस्थानी वेश-भूषा को भी बहुत अच्छे से कैरी किया था. इसके साथ ही राजस्थानी कलाकारों ने भी लोक संस्कृति कर्यक्रमों की विभिन्न प्रस्तुतियां दी.
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3 दिनों तक होता है आयोजन
मेवाड़ में गणगौर का बहुत ही अधिक महत्व माना गया है. 3 दिनों तक मेवाड़ गणगौर फेस्टिवल का आयोजन जिला प्रशासन और जिला पर्यटन विभाग की ओर से किया जाता है.इस दौरान कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है. इसके साथ ही गणगौर घाट पर शहर के विभिन्न समाजों की गणगौर को लाया जाता है. हजारों की तादाद में शहरवासी और विदेशी पर्यटक यहां पर यह गणगौर महोत्सव देखने के लिए आते हैं.
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