होम /न्यूज /राजस्थान /बाल विवाह के खिलाफ सशक्त लड़ाई लड़ रही है उषा, बचपन में खुद को बचाया, अब दूसरों को बचा रही है

बाल विवाह के खिलाफ सशक्त लड़ाई लड़ रही है उषा, बचपन में खुद को बचाया, अब दूसरों को बचा रही है

उषा ने महज 14 वर्ष की उम्र में अपना बाल विवाह रुकवाने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी थी.

उषा ने महज 14 वर्ष की उम्र में अपना बाल विवाह रुकवाने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी थी.

Amazing inspirational story: उदयपुर की उषा चौधरी (Usha Chaudhary) आज हजारों महिलाओं और मासूम बालिकाओं के लिये प्रेरणास ...अधिक पढ़ें

उदयपुर. यह कहानी है एक ऐसी महिला की जो कभी खुद बाल विवाह (Child Marriage) का शिकार होते-होते बची थी. यह कहानी है मेवाड़ के उदयपुर (Udaipur) की उस महिला की जो आज बाल विवाह रोकथाम मुहिम की राजस्थान में अगुवा बनी हुई है. इस महिला का नाम है उषा चौधरी (Usha Chaudhary). उषा के जीवन का सिर्फ एक ही लक्ष्य है कि कोई भी बच्ची बाल विवाह जैसी कुप्रथा का शिकार नहीं हो. उषा चौधरी ने खुद 14 वर्ष की उम्र में अपना बाल विवाह रुकवाया था. उसके बाद उसने इसे एक मुहिम बना लिया. उषा चौधरी का दावा है कि वह अब तक 20,000 से ज्यादा बाल विवाह रुकवा चुकी है. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women Day) के मौके पर उषा की कहानी एक खास प्रेरणा देती है.

उषा चौधरी महिला बाल विवाह रुकवाने को लेकर पूरे देश में अनूठा कार्य कर रही है. उषा ने महज 14 वर्ष की उम्र में अपना बाल विवाह रुकवाने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी थी. परिवार के सदस्यों ने 14 वर्ष की उम्र में उषा चौधरी का विवाह तय कर दिया, लेकिन आगे बढ़ने और समाज के लिए कुछ करने का जज्बा रखने वाली उषा इसके लिए तैयार नहीं हुई.

खुद का बाल विवाह रुकवाकर ही मानी
भले ही इसके लिए उन्हें परिवार से मार खानी पड़ी और काफी विरोध भी झेलना पड़ा. लेकिन वह अपना बाल विवाह रद्द करवा कर ही मानी. उसके बाद उषा चौधरी ने अपने जीवन का लक्ष्य ही बाल विवाह को रुकवाना बना लिया. राजस्थान के हर क्षेत्र में बाल विवाह रुकवाने के लिए उषा ने बच्चियों की मदद की है. उषा का बाल विवाह रुकवाने का यह आंकड़ा अब 20,000 को पार कर चुका है. हजारों बच्चियों को उच्च शिक्षा दिलाने में भी उषा ने अग्रणी भूमिका निभाई है.

6500 से ज्यादा ऐसी बच्चियां को हिंसा के माहौल से बाहर निकाला
उषा चौधरी का मानना है कि जो हिम्मत उन्होंने खुद का बाल विवाह रुकवाने के लिए दिखाई थी उसी हिम्मत के चलते वह आगे दूसरी बच्चियों के भविष्य को संवारने में मदद कर रही है. 6500 से ज्यादा ऐसी बच्चियां हैं जिन्हें हिंसा मुक्त माहौल से बाहर निकालने में भी उषा चौधरी ने सफलता हासिल की है.

यह सफलता सुकून प्रदान करती है
उषा चौधरी अपने लक्ष्य में सफल हुई है. यही सफलता उन्हें सुकून भी प्रदान करती है. उनका मानना है कि जिस दंश को उन्होंने झेला है उसे झेलने से वह समाज की दूसरी बच्चियों को बचाने में सफल हुई है और यही उनकी सबसे बड़ी जीत है.

Tags: Child marriage in India, International Women Day, Rajasthan latest news, Rajasthan news, Udaipur news

टॉप स्टोरीज
अधिक पढ़ें