जयपुर. राजस्थान के उदयपुर में हुए टेलर कन्हैया लाल की हत्या के मामले में एक के बाद एक कई बड़े खुलासे हो रहे हैं. सूत्रों की मानें को आरोपियों को बाहर से निर्देश मिले थे. इसके के मुताबिक ही परत दर परत उन्होंने अपना प्लान बनाया और उसे अंजाम दिया. बताया जा रहा है कि एनआईए की अभी तक की जांच में पता चला है कि मोहम्मद रियाज और गोस मोहम्मद इस हत्याकांड में अकेले नहीं थे, बल्कि इनका एक ग्रुप है जिसमे एक दर्जन से ज्यादा लोग शामिल हैं. इनके ग्रुप में पाकिस्तान के कुछ ऐसे लोग भी हैं जिनके संबंध कई आतंकी ग्रुप से है. कन्हैया लाल की हत्या के पीछे इनका मक़सद सिर्फ दहशत फैलाना नहीं था. इनके निशाने पर कन्हैया के अलावा एक और शख्स भी था.
जांच एजेंसियों को यह भी जानकारी मिली है कि हत्या के आरोपियों की इस घटना को सोशल मीडिया पर लाइव करने की योजना थी जिसकी चर्चा इन लोगों ने वाट्सएप ग्रुप पर भी की थी. इस वाट्सएप ग्रुप को आरोपियों के द्वारा ही बनाया गया था.
सामने आया आरोपियों को ISIS कनेक्शन
अब तक की जांच में पता चला है कि पिछले काफी वक्त से ये कुछ बड़ा करने की साजिश रच रहे थे. भारत को इस्लामिक स्टेट बनाने के लिए ये ISIS को अपना आदर्श मानते थे. दोनों आरोपी अक्सर ISIS और तालिबान के वीडियो देखा करते थे. दहशत फैलाने के मकसद से ही उन्होंने जब नूपुर शर्मा के ब्यान के बाद देश के कई हिस्सों में पथराव हुआ था तो इनको लगा ये सबसे अच्छा मौका लगा. एनआईए को यह भी जानकारी मिली है कि कन्हैया लाल द्वारा नूपुर शर्मा की पोस्ट पर प्रतिक्रिया के बाद इन्होंने कन्हैया को सबसे आसान टारगेट समझा था. हालांकि ये चाहते थे कि कई बड़े लोग को ये अपना निशाना बनाएं, लेकिन वो इनकी पहुंच से काफी दूर थे.
सूत्रों के मुताबिक पुलिस की हिरासत में जब इनसे पूछताछ की गई तो इनको अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है. दोनों अब भी पुलिस के सामने अपने-अपने उद्देश्य को पूरा करने का दावा कर रहे है. इनका कहना है कि भले ही वो अपने धर्म के लिए कुर्बान हो जाएंगे, लेकिन उसके बाद भी उनके ग्रुप के कई लोग है जो ऐसी वारदात अंजाम देने के लिए आतुर हैं.
चिटफंड से पैसे जुटाता था गौस मुहम्मद
उदयपुर हत्याकांड का आरोपी गौस मोहम्मद चिट फंड के जरिए पैसा इकट्ठा कर रहा था. पिछले कई सालों से वह अपनी दुकान भी चलाता था और चिटफंड से पैसा भी इकट्ठा करता था. जांच एजेंसिया अब इस बात की तफ्तीश कर रही हैं कि किन किन लोगों से गौस ने पैसा इकट्ठा किया और इन पैसों का वो क्या इस्तेमाल करता था. साथ ही वो रकम कहां जमा करता था, इसकी भी जांच जारी है. गौस और उसका परिवार बेहद धार्मिक था और 5 वक्त की नमाज पढ़ने पास की मस्जिद में जाया करता. अपने इलाके में लोगों से कम ही बात करता था और दिखता तभी था जब उसको नमाज पढ़ने जाना हो.
आरोपी ने 45 दिनों तक पाकिस्तान में की थी ट्रेनिंग-सूत्र
पुलिस के सूत्रों के मुताबिक आरोपी 2014 में ट्रेन के जरिए 45 दिनों के लिए पाकिस्तान गया था जहां वो ज्यादातर उन लोगों के संपर्क में था जो अलग-अलग आतंकी गुट से किसी ना किसी तरह से जुड़े हुए थे. पाकिस्तान के आकाओं के आदेश पर पिछले कई सालों से ये दोनों राजस्थान में रहते हुए स्लीपर सेल की तरह काम कर रहे थे. पिछले काफी समय से ये अपने आकाओं से अलग-अलग एप के ज़रिए संपर्क करते थे.
सूत्रों के मुताबिक पुलिस की पूछताछ में दोनों ने बताया कि ये साज़िश उन्होंने नूपुर शर्मा के ब्यान के बाद बनाई थी. इसके बाद उदयपुर के सीपाटिया इलाके में इस वेल्डिंग फैक्टरी में हथियार बनाए और उसके बाद हत्याकांड को अंजाम देने के बाद उस फैक्टरी के मालिक के ऑफिस में वीडियो बनाया. जांच एजेंसियों ने वहां से वो हथियार बरामद कर लिए है.
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