Udaipur News: उदयपुर के मेनार गांव में बारूद से होली खेलने की परंपरा है. यह परंपरा सदियों से चली आ रही है. (Photo-News18)
उदयपुर. राजस्थान के मेनार गांव में होली अनूठे अंदाज में मनाई जाती है. उदयपुर से करीब 50 किमी दूर बसे इस गांव में 400 सालों से चली आ रही परंपरा आज भी कायम है. इस गांव में लोग होली रंगों से नहीं, बल्कि बारूद से खेलते हैं. गांव के लोग होली के दूसरे दिन पारंपरिक वेशभूषा में आधी रात को गांव के चौपाल पर इकट्ठे होते हैं और लगातार पटाखे छोड़ते हैं, हवाई फायर करते हैं. इस दौरान लोग जमकर नाचते-गाते भी हैं. यहां होली पर ऐसा माहौल हो जाता है, जैसे दीवाली हो.
इस होली की खास बात यह है कि, इस जश्न में शामिल होने लोग केवल देश के कोने-कोने से ही नहीं आते, बल्कि विदेशों से भी आते हैं. जहां भी मेनार के निवासी रहते हैं, वे इस दिन गांव पहुंच जाते हैं. बारूद की इस होली को देखने के लिए सैकड़ों लोग जमा होते हैं. इस होली के बीच एक समय तो ऐसा भी आता है जब ग्रामीणों के दो गुट आमने-सामने खड़े होकर हवाई फायर करते हैं और आपस में जश्न मनाते हैं.
परंपरा के पीछे यह है वजह
ग्रामीणों का कहना है कि इस परंपरा के पीछे की कहानी मुगल काल से जुड़ी हुई है. उस वक्त महाराणा प्रताप के पिता उदयसिंह मेवाड़ पर राज करते थे. एक दिन मेवाड़ पर मुगलों ने हमला किया तो मेनारिया ब्राह्मणों ने उनका डटकर सामना किया. उन्होंने कुशल रणनीति के साथ युद्ध कर मेवाड़ राज्य की रक्षा की थी. इसी युद्ध की याद में इस त्योहार की परंपरा की शुरुआत हुई.
कई लोग चलाते हैं तोप
इस दिन सभी गांववाले पूरी रात बंदूकों से फायर करते हैं. कई लोग तो तोप भी चलाते हैं. बताया जाता है कि इस दिन लाखों रुपये के पटाखे जलाए जाते हैं. दूसरी ओर, ग्रामीणों का यह भी मानना है कि मां अंबे की कृपा और पांरपरिक संस्कृति को जिंदा रखने के लिए इस परंपरा की शुरुआत हुई. इसका नतीजा है कि यहां आज तक कोई अप्रिय घटना नहीं हुई.
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Tags: Indian Culture, Udaipur news
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