उदयपुर: अनूठा वर्चुअल दीक्षांत समारोह, गोल्ड मेडल विजेता पहले मंच पर प्रकट हुये और फिर गायब हो गये

समारोह में मिक्सड रियलिटी एनीमेटेड टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया गया.
Maharana Pratap University of Agriculture and Technology: विवि में गुरुवार को अनूठा वर्चुअल दीक्षांत समारोह (Unique Virtual Convocation) आयोजित किया गया. इसमें मिक्सड रियलिटी एनीमेटेड टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया गया
- News18 Rajasthan
- Last Updated: December 25, 2020, 7:46 AM IST
उदयपुर. लेकसिटी उदयपुर के महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (Maharana Pratap University of Agriculture and Technology) में अनूठे अंदाज में वर्चुअल दीक्षांत समारोह (Unique Virtual Convocation) आयोजित किया गया. इस दीक्षांत समारोह में एनिमेटेड की जगह विद्यार्थियों का असल स्वरुप गोल्ड मेडल लेने के लिए मंच पर प्रकट हुआ. कुलपति द्वारा विद्यार्थी को गोल्ड मेडल पहनाया गया और फिर वह मंच से ही अपने आप ही अदृश्य हो गया.
प्रदेश में पहली बार ऐसा अनूठा दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया है. इसके लिए विश्वविद्यालय प्रबंधन ने कम्प्यूटर से विद्यार्थी की इमेज बनाने के बजाय उसके और मेहमानों के अलग-अलग वीडियो शूट किए. फिर उनकी मिक्सिंग का एक अनूठा प्रयोग किया जो पूरी तरह से सफल रहा.
712 विद्यार्थियों को पीएचडी की उपाधि दी गई
गुरुवार को आयोजित इस दीक्षांत समारोह में 712 विद्यार्थियों को पीएचडी की उपाधि दी गई तो वहीं 32 को गोल्ड मेडल दिए गए. वर्चुअल दीक्षांत समारोह में मिक्सड रियलिटी एनीमेटेड टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया गया. दरअसल इसका मकसद था कि एनिमेटेड होने के बावजूद मंच पर बनावटी जैसा कुछ ना दिखे और स्क्रीन पर जब प्ले किया जाए तो असल विद्यार्थी प्रकट हो और उन्हें कुलपति द्वारा गोल्ड मेडल पहनाया जाये.जयपुर: सीएम अशोक गहलोत ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की जमकर की तारीफ, कही ये बड़ी बातें

पहली बार अनूठा प्रयोग किया गया है
देश में वर्चुअल आयोजन और भी कई जगह हुए हैं लेकिन उसमें विद्यार्थियों की असल इमेज की बजाय एनिमेटेड इमेज सामने आई थी. ऐसे में कृषि विश्वविद्यालय ने पहली बार अनूठा प्रयोग किया है. इस तकनीक के लिए पहले वीडियो शूट किए गए और फिर उनकी मिक्सिंग की गई और जब मंच पर इसे प्ले किया गया तो मानों हु-ब-हू यह लग रहा था कि गोल्ड मेडल लेने के लिए जिस भी विद्यार्थी का नाम पुकारा गया वह कुलपति के सामने जादू की तरह प्रकट हुआ. उसे गोल्ड मेडल पहनाया गया और फिर वह कुलपति और अन्य मेहमानों का अभिवादन कर जादू की तरह ही अदृश्य हो गया. इस वर्चुअल कार्यक्रम में राज्यपाल कलराज मिश्र और कृषि मंत्री लालचंद कटारिया भी ऑनलाइन जुड़े.
प्रदेश में पहली बार ऐसा अनूठा दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया है. इसके लिए विश्वविद्यालय प्रबंधन ने कम्प्यूटर से विद्यार्थी की इमेज बनाने के बजाय उसके और मेहमानों के अलग-अलग वीडियो शूट किए. फिर उनकी मिक्सिंग का एक अनूठा प्रयोग किया जो पूरी तरह से सफल रहा.
712 विद्यार्थियों को पीएचडी की उपाधि दी गई
गुरुवार को आयोजित इस दीक्षांत समारोह में 712 विद्यार्थियों को पीएचडी की उपाधि दी गई तो वहीं 32 को गोल्ड मेडल दिए गए. वर्चुअल दीक्षांत समारोह में मिक्सड रियलिटी एनीमेटेड टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया गया. दरअसल इसका मकसद था कि एनिमेटेड होने के बावजूद मंच पर बनावटी जैसा कुछ ना दिखे और स्क्रीन पर जब प्ले किया जाए तो असल विद्यार्थी प्रकट हो और उन्हें कुलपति द्वारा गोल्ड मेडल पहनाया जाये.जयपुर: सीएम अशोक गहलोत ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की जमकर की तारीफ, कही ये बड़ी बातें
पहली बार अनूठा प्रयोग किया गया है
देश में वर्चुअल आयोजन और भी कई जगह हुए हैं लेकिन उसमें विद्यार्थियों की असल इमेज की बजाय एनिमेटेड इमेज सामने आई थी. ऐसे में कृषि विश्वविद्यालय ने पहली बार अनूठा प्रयोग किया है. इस तकनीक के लिए पहले वीडियो शूट किए गए और फिर उनकी मिक्सिंग की गई और जब मंच पर इसे प्ले किया गया तो मानों हु-ब-हू यह लग रहा था कि गोल्ड मेडल लेने के लिए जिस भी विद्यार्थी का नाम पुकारा गया वह कुलपति के सामने जादू की तरह प्रकट हुआ. उसे गोल्ड मेडल पहनाया गया और फिर वह कुलपति और अन्य मेहमानों का अभिवादन कर जादू की तरह ही अदृश्य हो गया. इस वर्चुअल कार्यक्रम में राज्यपाल कलराज मिश्र और कृषि मंत्री लालचंद कटारिया भी ऑनलाइन जुड़े.