प्रेमिका पर पैसे खर्च करने के लिए कर लिया भाई का किडनैप
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे मेरठ से चौंकाने वाला मामला सामने आया है जहां एक शख्स ने अय्याशी करने के किडनैपिंग का सहारा लिया।
- News18India
- Last Updated: February 29, 2016, 11:29 PM IST
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे मेरठ से चौंकाने वाला मामला सामने आया है जहां एक शख्स ने अय्याशी करने के किडनैपिंग का सहारा लिया। इतना ही नहीं इस शख्स ने अपनी प्रेमिका के शौक पूरे करने के लिए किसी और को नहीं बल्कि अपने भाई को ही किडनैप कर लिया। लेकिन पुरानी कहावत है कि अपराधी कितना भी चालाक क्यों ना हो कोई ना कोई सबूत छोड़ ही देता है और इसने भी ऐसा ही किया।
दरअसल ये वाकया यूं था कि 19 फरवरी 2016 को मेरठ में कारोबारी मयंक जैन का छठी क्लास में पढ़ने वाला लड़का अतिशय स्कूल के लिए निकला था, लेकिन रास्ते में कार में बैठे एक शख्स ने उसे पुकारा और हाथ मिलाने के बहाने कार में जबरन खींच लिया। कार बच्चे को लेकर कई इलाकों में घूमती रही और फिर उसे गुड़गांव के सेक्टर 82 के घर में ले गई, जहां अपहरणकर्तां ने उसे नशे का इंजेक्शन देकर बेहोश कर दिया।
उसके बाद जब घरवाले घबरा गए तो उन्होंने पुलिस को सूचित कर दिया, लेकिन तमाम कोशिशों के बावूजद पुलिस को कोई सुराग नहीं मिल रहा था। आखिरकार उन्होंने 22 तारीख को करीब 11.30 बजे अतिशय के घर फोन किया। उन्होंने अतिशय के घरवालों से 2 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी और पैसा नहीं देने पर बच्चे को मारने की धमकी दी। उसके बाद उन्होंने फोन करके पूछा कि रकम का इंतजाम हो गया? उस वक्त परिवार ने कहा कि सब कुछ खंगालने के बाद भी सिर्फ 23 लाख का इंतजाम हो पाया है। उस पर किडनैपर ने उतने ही पैसे लाने को कहा।
इसके बाद अपरहरणकर्ताओं ने अतिशय के परिवारवालों को वैशाली बुलाया, अपहरणकर्ताओं की बताई जगह पर पुलिस ने अपना जाल बिछा दिया। परिवार पैसे लेकर पहुंचा गया लेकिन अपहरणकर्ता नहीं पहुंचे। किडनैपर्स ने फिर फोन किया, अबकी बार उन्होंने परिवार वालों को कनॉट प्लेस बुलाया लेकिन वो फिर गायब रहे। वो फिरौती देने की जगह बदलते रहे लेकिन खुद गायब रहते।किडनैपर्स ने परिवार को गुड़गांव की दो अलग अलग जगहों पर बारी बारी बुलाया। किडनैपर्स ने परिवार को पांचवी बार फोन किया और गुड़गांव बुलाया। तब परिवार वालों ने बताई हुई जगह पर पैसे रखे और वहां से आ गए।
हालांकि अपहणकर्ता मात खा गए। दरअसल पुलिस उन्हें लगातार ट्रैक कर रही थी। मोबाइल लोकेशन के आधार पर पुलिस को उनके ठिकाने का भी पता चल चुका था। लिहाजा जैसे ही किडनैपर रकम लेकर अपने ठिकाने पर पहुंचे पुलिस ने धावा बोल दिया। पुलिस ने बच्चे को सुरक्षित छुड़ा लिया। वो रकम भी बरामद कर ली जो अतिशय के परिवार ने फिरौती में दी थी। साथ ही सारे अपहरणकर्ताओं भी फंदे में आ गए।
बता दें कि प्रतीक जैन जो कि पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर है, उसने सॉफ्टवेयर इंजीनियर तुषार जैन के साथ मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया था। दरअसल प्रतीक दिल खोल कर अपनी प्रेमिका और लिव इन पार्टनर आस्था पर रकम उड़ाता था, जिसके चलते वो कर्ज में डूब गया था। उसे पता था कि उसके चाचा मयंक पैसे वाले कारोबारी थे। लिहाजा उसने ये खतरनाक प्लान बना डाला, उसने अपनी चाल में अपने रिश्तेदार तुषार और अपनी प्रेमिका आस्था को भी शामिल किया। तुषार ने दो दो लाख का लालच देकर राहुल और मोनू नाम के दो लोगों को भी प्लान में शामिल कर लिया।
दरअसल ये वाकया यूं था कि 19 फरवरी 2016 को मेरठ में कारोबारी मयंक जैन का छठी क्लास में पढ़ने वाला लड़का अतिशय स्कूल के लिए निकला था, लेकिन रास्ते में कार में बैठे एक शख्स ने उसे पुकारा और हाथ मिलाने के बहाने कार में जबरन खींच लिया। कार बच्चे को लेकर कई इलाकों में घूमती रही और फिर उसे गुड़गांव के सेक्टर 82 के घर में ले गई, जहां अपहरणकर्तां ने उसे नशे का इंजेक्शन देकर बेहोश कर दिया।
उसके बाद जब घरवाले घबरा गए तो उन्होंने पुलिस को सूचित कर दिया, लेकिन तमाम कोशिशों के बावूजद पुलिस को कोई सुराग नहीं मिल रहा था। आखिरकार उन्होंने 22 तारीख को करीब 11.30 बजे अतिशय के घर फोन किया। उन्होंने अतिशय के घरवालों से 2 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी और पैसा नहीं देने पर बच्चे को मारने की धमकी दी। उसके बाद उन्होंने फोन करके पूछा कि रकम का इंतजाम हो गया? उस वक्त परिवार ने कहा कि सब कुछ खंगालने के बाद भी सिर्फ 23 लाख का इंतजाम हो पाया है। उस पर किडनैपर ने उतने ही पैसे लाने को कहा।
हालांकि अपहणकर्ता मात खा गए। दरअसल पुलिस उन्हें लगातार ट्रैक कर रही थी। मोबाइल लोकेशन के आधार पर पुलिस को उनके ठिकाने का भी पता चल चुका था। लिहाजा जैसे ही किडनैपर रकम लेकर अपने ठिकाने पर पहुंचे पुलिस ने धावा बोल दिया। पुलिस ने बच्चे को सुरक्षित छुड़ा लिया। वो रकम भी बरामद कर ली जो अतिशय के परिवार ने फिरौती में दी थी। साथ ही सारे अपहरणकर्ताओं भी फंदे में आ गए।
बता दें कि प्रतीक जैन जो कि पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर है, उसने सॉफ्टवेयर इंजीनियर तुषार जैन के साथ मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया था। दरअसल प्रतीक दिल खोल कर अपनी प्रेमिका और लिव इन पार्टनर आस्था पर रकम उड़ाता था, जिसके चलते वो कर्ज में डूब गया था। उसे पता था कि उसके चाचा मयंक पैसे वाले कारोबारी थे। लिहाजा उसने ये खतरनाक प्लान बना डाला, उसने अपनी चाल में अपने रिश्तेदार तुषार और अपनी प्रेमिका आस्था को भी शामिल किया। तुषार ने दो दो लाख का लालच देकर राहुल और मोनू नाम के दो लोगों को भी प्लान में शामिल कर लिया।