नई दिल्ली. भारत के 1983 में विश्व चैम्पियन (1983 ODI World cup) बनने में कप्तान कपिल देव (kapil Dev) की भूमिका सबसे अहम रही थी. कपिल ने जिम्बाब्वे के खिलाफ करो या मरो के मुकाबले में 175 रन ठोक डाले थे. कपिल की इस पारी के बाद खिलाड़ियों का खुद पर यकीन बढ़ा और इसके बाद जो हुआ, वो इतिहास के पन्नों में दर्ज है. भारत ने वेस्टइंडीज जैसी अजेय टीम को हराकर विश्व कप जीता. भारत की इसी जीत पर रणवीर सिंह (Ranveer Singh) की फिल्म 83 इस शुक्रवार को रिलीज होने जा रही है. इससे पहले 1983 विश्व विजेता टीम के खिलाड़ियों के लिए मुंबई में फिल्म का स्पेशल प्रीमियर रखा गया. जिसमें लगभग सभी खिलाड़ियों ने शिरकत की.
रणवीर सिंह (Ranveer Singh) की फिल्म ’83’ का हाल ही में लॉन्च हुआ ऑफिशियल ट्रेलर दर्शकों को पीछे 18 जून, 1983 में ले जाता है. वेन्यू टनब्रिज वेल्स है और वेस्टइंडीज, ऑस्ट्रेलिया से लगातार दो मैच गंवाने के बाद भारत जिम्बाब्वे का सामना कर रहा है. तभी ड्रेसिंग रूम से एक आवाज आती है, जो कपिल देव (Kapil Dev) को यह बताती है कि हमारी शुरुआत खराब रही है. ‘कैप्स इट्स टू टाउन’, य़ह सुनते ही कप्तान कपिल बोलते हैं, मुझे नहा लेने दो.
जल्द ही स्कोर 9/4 और 17 पर 5 हो जाता है. भारत पर विश्व कप से बाहर होने का खतरा मंडराने लगता है. इस नाजुक मौके पर कपिल देव बल्लेबाजी के लिए उतरते हैं और 175 रन की ऐसी पारी खेलते हैं, जो वनडे क्रिकेट के इतिहास में अमिट हो जाती है. कपिल की 175 रन की यह पारी वनडे में भारत की तरफ से पहली सेंचुरी भी थी.
किरमानी ने कैसे बढ़ाया कपिल देव का हौसला ?
कपिल देव (Kapil Dev) की इस पारी ऐतिहासिक पारी से जुड़े कई किस्से हैं. उसमें से एक सैयद किरमानी ने फिल्म से जुड़े एक इवेंट में सुनाया था. कपिल ने अपनी 175 की पारी के दौरान सैयद किरमानी के साथ महत्वपूर्ण पार्टनरशिप की थी.
कपिल की इस पारी के बारे में बात करते हुए किरमानी ने कहा, “मैं मैदान पर अंदर गया तो कपिल सिर झुकाए खड़े थे. 60 ओवर का मैच था और हमारी पारी में 35 ओवर और बाकी थे. मैंने कपिल से कहा, हमारे लिए करो या मरो वाला मैच है और हमें मरना नहीं है. हमको मार के मरना है. मैंने उन्हें यह कहते हुए प्रेरित करने की कोशिश की, ‘आप (कपिल) भारतीय टीम में सर्वश्रेष्ठ हिटर हैं. मैं एक रन लूंगा और आपको स्ट्राइक दूंगा. आप हर गेंद को हिट करने की कोशिश करेंगे.”
तब कपिल ने कहा था, “किरी भाई, हमको और 35 ओवर खेलना है (हमें अभी भी 35 ओवर खेलना है). मै पूरी कोशिश करूँगा.” इसके बाद जो हुआ, वो इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया. कपिल देव ने 175 रन की पारी खेली. जो आज भी भारतीय क्रिकेट के इतिहास में वनडे की सबसे बेस्ट पारियों में से एक हैं.
‘कपिल की एक बात से एकजुट हुई थी टीम’
किरमानी ने वर्ल्ड कप के शुरुआती मुकाबलों को याद करते हुए कहा कि कपिल एक युवा कप्तान थे, जिन्हें अपने सीनियर्स के समर्थन की जरूरत थी, ऐसे समय में जब भारतीय क्रिकेट जोनल लॉबी में बंटी हुई थी. कपिल ने सबको एक सूत्र मे जोड़ दिया.
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उन्होंने इससे जुड़ा एक किस्सा सुनाया. किरमानी ने कहा,”विश्व कप के पहले मैच की पूर्व संध्या पर हमारी टीम मीटिंग थी, जहां कपिल ने कहा, ‘सुनो जेंटलमेन, आप सभी सीनियर हैं, आपको मेरे मार्गदर्शन की जरूरत नहीं है. आपको मेरा मार्गदर्शन करना होगा. यह एक बड़ा बयान था, जिसने टीम को झकझोर दिया. जैसे-जैसे टूर्नामेंट आगे बढ़ा, हमने एक टीम के रूप में सुधार किया. हालांकि, हमारे पास कोई सपोर्ट स्टाफ नहीं था. कभी-कभी कोई टीम बस भी नहीं. बेशक, किस्मत ने हमारा साथ दिया. लेकिन किस्मत तभी आपकी मदद करती है जब आप अपना काम पूरी ईमानदारी से करते हैं और 1983 की विश्व विजेता टीम ने ऐसा ही किया था.”
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