Lockdown के बाद शुरू होगी कोहली की टीम की 'असली परीक्षा', कम से कम 21 दिन होंगे मुश्किल!

बता दें भारत को दिसंबर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार टेस्ट मैचों की सीरीज खेलनी है. क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया को इस सीरीज से काफी मुनाफा हो सकता है. ये सीरीज अब क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के लिए और ज्यादा अहम हो गई है क्योंकि कोरोना वायरस की वजह से उसे काफी वित्तीय नुकसान झेलना पड़ा है.
लॉकडाउन (Lockdown) के कारण क्रिकेटर्स काफी समय से घर में हैं और मैदान पर अभ्यास नहीं कर पा रहे हैं.
- News18Hindi
- Last Updated: April 17, 2020, 10:37 AM IST
नई दिल्ली. लॉकडाउन (Lockdown) के कारण क्रिकेटर्स घर में कैद होने को मजबूर हैं. फैंस लॉकडाउन खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं. मगर मैच के रोमांच को वापस से जीने के लिए उन्हें लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी करीब तीन सप्ताह का इंतजार करना पड़ेगा. दरअसल क्रिकेटर्स को वापस से मैच वाली फिटनेस हासिल करने में कम से कम तीन सप्ताह की जरूरत होगी. देश के शीर्ष ट्रेनर्स के अनुसार आउटडोर ट्रेनिंग शुरू होने के बाद क्रिकेटर्स को कम से कम तीन सप्ताह की जरूरत होगी. टीम इंडिया (Team India) के पूर्व ट्रेनर रामजी श्रीनिवासन ने कहा कि खिलाड़ी अभी ट्रेडमिल पर ट्रेनिंग कर रहे हैं, मगर ये मैदान पर दौड़ने से काफी अलग है. ट्रेनिंग के दौरान मैदान रिएक्शन एक अहम रोल निभाता है. मैदान पर दौड़ना और इंडोर दौड़ने में काफी फर्क है. रामजी 2011 वर्ल्ड कप विजेता टीम के ट्रेनर थे.
टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में 2013 से 2016 के बीच टीम इंडिया के ट्रेनर रह चुके सुदर्शन ने कहा कि लॉकडाउन के बाद मैदान पर लौटने के बाद भी तेज गेंदबाजों को तो मैच फिटनेस हासिल करने के लिए खासकर 21 दिनों की जरूरत है. उन्होंने कहा कि बल्लेबाजी में काफी हद तक हाथ और आंखों के बीच तालमेल होना चाहिए. इसीलिए लॉकडाउन के दौरान विराट कोहली जैसे बल्लेबाजों को इन सब पर काम करना चाहिए.
बुमराह जैसे गेंदबाजों को निगरानी में वापसी की जरूरत
वहीं पूर्व भारतीय गेंदबाज और चेन्नई सुपर किंग्स के गेंदबाजी कोच लक्ष्मीपति बालाजी ने कहा कि ब्रेक का यह समय क्रिकेटर्स के लिए मददगार साबित होगा, यह धारणा ही गलत है. उन्होंने कहा कि नियमित रोज से चलने वाली कार को अचानक बंद कर दिया जाए तो इसके बाद बैटरी परेशान करती है. क्रिकेटर्स का शरीर भी कुछ ऐसा ही है. खासकर उनके लिए जो लगातार क्रिकेट खेल रहे थे. उन्होंने कहा कि जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) जैसे गेंदबाजों के लिए यह अहम होगा. जिनका चोटों का रिकॉर्ड रहा है. उन्हें निगरानी में ध्यान से वापसी करनी होगी.लॉकडाउन में ये कर सकते हैं क्रिकेटर्स
ट्रेनर्स ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान बल्लेबाज टबिंग या पावर बैंड का इस्तेमाल करके बैट स्पीड ड्रिल पर काम कर सकते हैं. स्विस बॉल के इस्तेमाल से अपने बैलेंस पर, रिएक्शन बॉल्स से हाथ और आंख के बीच तालमेल बैठाने पर, रिंग्स के इस्तेमाल से फुटवर्क ड्रिल्स आदि पर काम कर सकते हैं. तेज गेंदबाज पावर बैंड के उपयोग से रोटेशन और एंटी रोटेशन, स्विस बॉल से संतुलन, फ्री हैंड एक्सरसाइज, स्ट्रैंथ और मसल्स पर काम सकते हैं. वहीं विकेटकीपर गोल्फ बॉल या टेनिस बॉल से हाथ और आंख के बीच तालमेल बैठाने का अभ्यास कर सकते हैं. पानी की बाल्टी, पिलो और फोम मैट का इस्तेमाल करके स्थिरता और संतुलन पर काम कर सकते हैं. गोल्फ या टेनिस बॉल से कैचिंग अभ्यास कर सकते हैं.
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टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में 2013 से 2016 के बीच टीम इंडिया के ट्रेनर रह चुके सुदर्शन ने कहा कि लॉकडाउन के बाद मैदान पर लौटने के बाद भी तेज गेंदबाजों को तो मैच फिटनेस हासिल करने के लिए खासकर 21 दिनों की जरूरत है. उन्होंने कहा कि बल्लेबाजी में काफी हद तक हाथ और आंखों के बीच तालमेल होना चाहिए. इसीलिए लॉकडाउन के दौरान विराट कोहली जैसे बल्लेबाजों को इन सब पर काम करना चाहिए.
बुमराह जैसे गेंदबाजों को निगरानी में वापसी की जरूरत
वहीं पूर्व भारतीय गेंदबाज और चेन्नई सुपर किंग्स के गेंदबाजी कोच लक्ष्मीपति बालाजी ने कहा कि ब्रेक का यह समय क्रिकेटर्स के लिए मददगार साबित होगा, यह धारणा ही गलत है. उन्होंने कहा कि नियमित रोज से चलने वाली कार को अचानक बंद कर दिया जाए तो इसके बाद बैटरी परेशान करती है. क्रिकेटर्स का शरीर भी कुछ ऐसा ही है. खासकर उनके लिए जो लगातार क्रिकेट खेल रहे थे. उन्होंने कहा कि जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) जैसे गेंदबाजों के लिए यह अहम होगा. जिनका चोटों का रिकॉर्ड रहा है. उन्हें निगरानी में ध्यान से वापसी करनी होगी.लॉकडाउन में ये कर सकते हैं क्रिकेटर्स
ट्रेनर्स ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान बल्लेबाज टबिंग या पावर बैंड का इस्तेमाल करके बैट स्पीड ड्रिल पर काम कर सकते हैं. स्विस बॉल के इस्तेमाल से अपने बैलेंस पर, रिएक्शन बॉल्स से हाथ और आंख के बीच तालमेल बैठाने पर, रिंग्स के इस्तेमाल से फुटवर्क ड्रिल्स आदि पर काम कर सकते हैं. तेज गेंदबाज पावर बैंड के उपयोग से रोटेशन और एंटी रोटेशन, स्विस बॉल से संतुलन, फ्री हैंड एक्सरसाइज, स्ट्रैंथ और मसल्स पर काम सकते हैं. वहीं विकेटकीपर गोल्फ बॉल या टेनिस बॉल से हाथ और आंख के बीच तालमेल बैठाने का अभ्यास कर सकते हैं. पानी की बाल्टी, पिलो और फोम मैट का इस्तेमाल करके स्थिरता और संतुलन पर काम कर सकते हैं. गोल्फ या टेनिस बॉल से कैचिंग अभ्यास कर सकते हैं.
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