अजिंक्य रहाणे मानसिक रूप से परेशान नहीं, समस्या कुछ और है: प्रज्ञान ओझा
Agency:News18Hindi
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अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) ने मौजूदा साल में बल्ले से खराब प्रदर्शन किया है और उनका औसत टेस्ट में 20 से भी नीचे रहा. इस पूरे साल में अभी तक उनके बल्ले से अभी तक कोई शतक भी नहीं निकला है. पूर्व क्रिकेटर प्रज्ञान ओझा (Pragyan Ojha) ने कहा कि वह मानसिक रूप से परेशान नहीं है, बल्कि उनके फुटवर्क में समस्या है.
IND Tour of SA: पूर्व चीफ सेलेक्टर ने अजिंक्य रहाणे को लेकर बीसीसीआई को अहम सलाह दी है. (PIC: AP)नई दिल्ली. अनुभवी अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज के पहले टेस्ट मैच में भारतीय टीम की कप्तानी संभाल रहे हैं. इस टेस्ट मैच (IND vs NZ 1st Test) में हालांकि उनका प्रदर्शन खास नहीं रहा और वह दोनों पारियों में कुल 39 रन बना पाए. कानपुर के ग्रीन पार्क में इस टेस्ट में अजिंक्य रहाणे को दूसरी पारी में एजाज पटेल ने शिकार बनाया और वह केवल 4 रन बनाकर पैवेलियन लौट गए. पूर्व भारतीय क्रिकेटर प्रज्ञान ओझा (Pragyan Ojha) ने रहाणे के खराब प्रदर्शन पर कहा कि वह मानसिक रूप से परेशान नहीं है, बल्कि उनके फुटवर्क में समस्या है.
दाएं हाथ के बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे ने मौजूदा साल में बल्ले से खराब प्रदर्शन किया है और उनका औसत टेस्ट में 20 से भी नीचे रहा. इस पूरे साल में अभी तक उनके बल्ले से अभी तक कोई शतक भी नहीं निकला है. इससे पहले भी कई पूर्व क्रिकेटरों ने भी उनके फुटवर्क ओर इशारा किया है. प्रज्ञान ओझा ने कहा कि जब किसी बल्लेबाज का फुटवर्क ठीक नहीं होगा, तो वह मुश्किल में पड़ जाएगा. उन्होंने क्रिकबज से कहा, ‘ऐसा ना सोचिए कि अजिंक्य रहाणे मानसिक रूप से परेशान हैं, लेकिन तकनीकी हिस्से को देखते हुए उनका फुटवर्क एक मुद्दा है. यह सही नहीं रहा है और कई पूर्व क्रिकेटरों ने भी इस ओर इशारा किया है. जब आपका फुटवर्क ठीक नहीं है, तो आप परेशानी में पड़ सकते हैं.’
उन्होंने साथ ही कहा कि पहले टेस्ट में नाकाम रहने के बाद रहाणे पर रन बनाने का दबाव बढ़ जाएगा. ओझा ने कहा, ‘श्रेयस अय्यर ने अपने डेब्यू टेस्ट में शतक बनाया है. हनुमा विहारी भी हैं जो टीम में एंट्री के लिए दरवाजा खटखटा रहे हैं. दबाव हमेशा होता है लेकिन यह तब बढ़ जाता है जब आप सीनियर बल्लेबाज बनते हैं. जब आप जानते हैं कि एक जूनियर बल्लेबाज आया है और डेब्यू पर शतक बनाया है. (हनुमा) विहारी जैसा कोई है, जो जब भी मौका मिलता है तो अच्छा स्कोर करता है.’
प्रज्ञान ओझा ने कहा कि टिम साउथी और काइल जैमीसन ने चेतेश्वर पुजारा पर दबाव डाला. उन्होंने कहा, ‘साउदी और जैमीसन ने पुजारा को लगातार दबाव में रखा. वे जानते थे कि पुजारा समझ नहीं पा रहे कि गेंद अंदर आ रही है या बाहर जा रही है. पुजारा सोच रहे थे कि पिच की हुई गेंदों को कैसे खेला जाए. इससे पता चलता है कि न्यूजीलैंड ने कितनी अच्छी योजना बनाई है. वे जानते हैं कि किस रणनीति का इस्तेमाल करना है.’
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