भारतीय स्पिनर बापू नाडकर्णी का रिकॉर्ड आजतक नहीं टूट पाया है (News18 Hindi)
नई दिल्ली. क्रिकेट इतिहास में कई शानदार बॉलर हुए हैं. एक से एक खतरनाक बॉलर अपनी तेज रफ्तार गेंदों के सामने बड़े से बड़े बल्लेबाजों के भी पसीने छुड़वा देते थे, लेकिन एक भारतीय गेंदबाज ऐसे भी थे जिन्होंने बल्लेबाजों को रन लेने के लिए तरसा दिया था. ना तेज रफ्तार में आती गेंदें ना ही खतरनाक एक्शन और एक्सप्रेशन, फिर भी बापू नाडकर्णी को लेकर बल्लेबाजों के मन में दहशत बन गई थी. क्रिकेट इतिहास के सबसे ‘कंजूस’ क्रिकेटर माने जाते थे- बापू नाडकर्णी. ‘कंजूस’ इसलिए क्योंकि वह इतनी कंजूसी से गेंदबाजी करते थे कि उनके खाते में रन ही नहीं जुड़ते. बापू नाडकर्णी के नाम क्रिकेट इतिहास में लगातार 21 ओवर मेडन फेंकने का रिकॉर्ड है. तो चलिए आज आपको बापू नाडकर्णी के खास मैच और उनके स्पेशल रिकॉर्ड के बारे में बताते हैं.
12 जनवरी 1964 में यह माइक स्मिथ की अगुवाई वाली इंग्लैंड की टीम और महान मंसूर अली खान पटौदी की कप्तानी वाली मेजबान भारत के बीच पहला टेस्ट मैच था. चेन्नई में भारत ने पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया. बुद्धि कुंद्रन ने 192 रनों की पारी खेली और विजय मर्चेंट ने 108 रन बनाए. भारत ने 7 विकेट के नुकसान पर 457 रन बनाए और पारी घोषित कर दी. इसके बाद भारत ने इंग्लैंड को 317 रन पर रोक कर पहली पारी में अपनी बढ़त बना ली. मजेदार बात यह थी कि 317 के स्कोर तक पहुंचने के लिए इंग्लैंड को 190.4 ओवर लग गए. इसका मतलब था कि इंग्लैंड की बल्लेबाजी 1.66 के रन रेट पर हुई थी.
नाडकर्णी ने कुल 27 ओवर फेंके मेडन
पहली पारी में इंग्लैंड के इतनी ज्यादा धीमी गति से रन बनाने का कारण थे- बाएं हाथ के भारतीय स्पिनर बापू नाडकर्णी. नाडकर्णी ने इंग्लैंड के खिलाफ ऐसी बॉलिंग की थी, जिसे देख हर कोई हैरान रह गया था. उन्होंने मैच में 32 ओवर फेंके, जिसमें से कुल 27 मेडन रहे. 32 ओवर बॉलिंग करने वाले बापू नाडकर्णी ने इंग्लैंड के बल्लेबाजों को महज 5 रन ही बनाने दिए. यह एक बेहद उपलब्धि थी और नाडकर्णी की शानदार सटीक लाइन और लेंथ गेंदबाजी का प्रमाण था.
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लगातार 21 ओवर मेडन गेंदबाजी करने का रिकॉर्ड बना
बापू नाडकर्णी ने स्पैल के दौरान लगातार 21 ओवर मेडन गेंदबाजी करने का रिकॉर्ड बनाया. डॉट बॉल के बाद डॉट बॉल, डॉट बॉल के बाद डॉट बॉल, मेडन के बाद मेडन…. यह लगातार 21 ओवर तक होता रहा. नाडकर्णी ने 12 जनवरी 1964 को मद्रास में इंग्लैंड के खिलाफ बिना कोई रन दिए लगातार 21.5 ओवर (131 गेंदें) फेंकने का रिकॉर्ड बनाया था. नाडकर्णी का यह रिकॉर्ड आज भी कायम है, इसलिए वह मेडन ओवर फेंकने के किंग हैं.
भारत ने ड्रॉ कराया मैच
मैच के लिए भारत ने अपनी दूसरी पारी घोषित करने से पहले 9 विकेट के नुकसान पर 152 रन बनाए थे. इंग्लैंड के सामने 293 का टारगेट था. इंग्लैंड ने समय समाप्त होने से पहले 5 विकेट पर 241 रन बनाए. पहली पारी में नाडकर्णी की शानदार बॉलिंग के दम पर भारत को ड्रॉ हासिल करने में मदद मिली.
बता दें कि बापू नाडकर्णी ने भारत के लिए 41 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें उनके नाम 29.07 की औसत से 88 विकेट दर्ज हैं. उनका फर्स्ट क्लास का रिकॉर्ड भी शानदार रहा है. उन्होंने 191 मैचों में 21.37 के औसत से 500 विकेट लिए थे और आश्चर्यजनक रूप से केवल 1.64 की आश्चर्यजनक इकोनॉमी थी.
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