नई दिल्ली. भारतीय क्रिकेट टीम इन दिनों दक्षिण अफ्रीका (India vs South Africa) के दौरे पर है. दौरे से पहले बीसीसीआई (BCCI) ने विराट कोहली (Virat Kohli) से वनडे टीम की कप्तानी छीन ली और रोहित शर्मा (Rohit Sharma) को कमान सौंप दी. कोहली ने टी20 टीम की कप्तानी खुद छोड़ी, लेकिन वे वनडे टीम के कप्तान बने रहना चाहते थे. हालांकि, भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) लिमिटेड ओवर्स के फॉर्मेट में दो अलग-अलग कप्तान नहीं चाहता. बोर्ड ने यही हवाला देकर वनडे की कप्तानी विराट से छीनकर रोहित शर्मा को सौंप दी.
दिलचस्प बात यह कि बीसीसीआई ने जिस तर्क का हवाला देते हुए विराट को वनडे की कप्तानी से हटाया, उसे वह महिला क्रिकेट टीम पर लागू नहीं करना चाहता. मिताली राज (Mithali Raj) पिछले 9 साल से वनडे टीम की कप्तान है. वहीं, हरमनप्रीत कौर (Harmanpreet Kaur) महिला टी20 टीम की कप्तान हैं. यानी महिला क्रिकेट में सफेद गेंद की दो टीमों में अलग-अलग कप्तान हैं.
मिताली राज (Mithali Raj) साल 2005 से महिला टेस्ट टीम की कप्तान हैं. वनडे टीम की कप्तानी उन्होंने 2004 में संभाली. बीच में 2008 से 2011 तक झूलन गोस्वामी वनडे टीम की कप्तान रहीं. इसके बाद कुछ समय तक अंजुम चोपड़ा ने भी वनडे टीम की कमान संभाली. साल 2012 में वनडे टीम कमान दोबारा मिताली के हाथों में आ गई. मिताली राज 39 साल की हो चुकी हैं और अगले साल न्यूजीलैंड में वर्ल्ड कप भी खेलेंगी. साफ है बीसीसीआई (BCCI) को महिला क्रिकेट में वनडे और टी20 टीम की अलग-अलग कप्तान रखने में कोई एतराज नहीं है.
मिताली भी कप्तानी में नहीं जीत सकीं वर्ल्ड कप
विराट कोहली से वनडे टीम की कप्तानी छीने जाने का समर्थन करने वालों का एक तर्क यह भी है कि वे भारतीय टीम को कोई बड़ा खिताब नहीं जिता सके हैं. पुरुष टीम विराट की कप्तानी में चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में पहुंची, लेकिन खिताब से दूर रह गई. इसी तरह मिताली राज की कप्तानी में भारतीय महिला टीम 2005 और 2017 में वर्ल्ड कप के फाइनल में हार गई. वहीं 2013 वर्ल्ड कप में मिताली की कप्तानी में भारतीय टीम सेमीफाइनल में भी नहीं पहुंच सकी. इसके बावजूद बीसीसीआई ने उनसे कभी कप्तानी नहीं छीनी. जबकि विराट कोहली के आईसीसी टूर्नामेंट नहीं जीतने पर लगातार सवाल उठते रहे. खुद विराट कोहली ने कप्तानी छीने के बाद अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि आईसीसी टूर्नामेंट नहीं जीतना भी कप्तानी से हटाए जाने का एक कारण रहा.
हरमनप्रीत की कप्तानी में खेली मिताली
मिताली राज वनडे टीम के साथ-साथ टी20 टीम की कप्तान भी लंबे समय तक रहीं. उन्हाेंने 2016 में टी20 टीम की कप्तानी छोड़ दी. इसके बाद हरमनप्रीत कौर को टी20 टीम का कप्तान बना दिया गया. तब से वह टी20 टीम की कप्तान बनी हुई हैं. मिताली राज ने हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में 3 साल में 27 मैच खेले. साल 2018 में मिताली ने हरमन की कप्तानी में टी20 वर्ल्ड कप भी खेला. 2019 में मिताली ने टी20 फॉर्मेट से संन्यास ले लिया.
पुरुष टीम और महिला टीम की एक और बात, जिसकी तुलना होनी चाहिए. साल 2016 में जब मिताली ने महिला टी20 टीम की कप्तानी छोड़ी तब भारत को अगले दो सालों में दो वर्ल्ड कप खेलने थे. जैसे भारतीय पुरुष टीम को 2022और 2023 में खेलना है. जब मिताली की जगह हरमन को टी20 टीम का कप्तान बनाया गया तब ऐसी बातें नहीं उठी कि वर्ल्ड कप को देखते हुए सफेद गेंद के दोनों प्रारूप में एक ही कप्तान होना चाहिए. लेकिन विराट ने जब टी20 टीम की कप्तानी छोड़ी तो उनसे वनडे टीम की कप्तानी भी यह कहकर छीन ली कि वनडे और टी20 टीम के अलग-अलग कप्तान नहीं होने चाहिए. यही कहकर रोहित शर्मा को टी20 के बाद वनडे टीम का कप्तान भी बना दिया गया.
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