नोटिस को कपिल देव ने बताया पब्लिसिटी स्टंट, कहा-पेशी के लिए नहीं जाएंगे

कपिल देव को हितों के टकराव मामले में नोटिस भेजा गया है
कपिल देव (Kapil Dev) ने कहा कि वे पेशी के लिए नहीं जाएंगे, क्योंकि उनके पास उससे ज्यादा जरूरी काम है.
- भाषा
- Last Updated: December 17, 2019, 7:08 PM IST
नई दिल्ली. बीसीसीआई (BCCI) के आचरण अधिकारी डीके जैन ने कपिल देव (Kapil Dev) और अंशुमान गायकवाड़ (Anshuman Gaekwad) को हितों के टकराव के आरोप में मुंबई में उनके समक्ष पेश होने को कहा है, हालांकि ये दोनों खिलाड़ी क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) से पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं.
सीएसी में कपिल और गायकवाड़ के अलावा महिला टीम की पूर्व कप्तान शांता रंगास्वामी शामिल थी जिन्होंने सितंबर में जैन से हितों के टकराव का नोटिस मिलने पर इस्तीफा दे दिया था. यह नोटिस मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (एमपीसीए) के आजीवन सदस्य संजीव गुप्ता की शिकायत पर जारी किया गया था. सीएसी का अब कोई अस्तित्व नहीं है लेकिन इन दोनों पूर्व खिलाड़ियों को 27 और 28 दिसंबर को जैन के सामने पेश होने का नोटिस मिला है.

कपिल देव ने कहा कि यह मानद काम था. हितों के टकराव का सवाल कहां उठता है?
बीसीसीआई (BCCI) के एक सूत्र ने बताया कि उन्होंने हालांकि इस्तीफा दे दिया है लेकिन आचरण अधिकारी ने उनसे कुछ स्पष्टीकरण मांगा है. कपिल ने शिकायत को ‘पब्लिसिटी स्टंट’ करार देते हुए कहा कि वह मुंबई नहीं जाएंगे. उन्होंने कहा कि उनके पास उससे ज्यादा जरूरी काम है. कपिल देव ने कहा कि मैनें पहले भी कहा कि हमें एक काम सौपा गया था और हमने उसे किया. यह कोई दो साल की नौकरी नहीं थी, यह मानद काम था. पूर्व भारतीय कप्तान ने सवाल किया कि हितों के टकराव का सवाल कहां उठता है? क्रिकेटरों को इसमें घसीटकर यह प्रचार पाने का अच्छा तरीका है.
पहले ही लिखित जवाब दे चुके हैं गायकवाड़
गायकवाड़ से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह इसमें शामिल होने के लिए मुंबई जाएंगे. उन्होंने कहा कि वह आचरण अधिकारी से मिलेंगे और अपनी बात को एक बार फिर से समझाएंगे. जैसे कि उन्होंने अपने लिखित जवाब में पहले ही साफ कर दिया था. उन्होंने कहा कि प्रशासकों की समिति ने हितों की टकराव का कोई मामला नहीं होने के कारण ही उनकी नियुक्ति (सीएसी में) की मंजूरी दी थी.

कपिल देव की अगुआई वाली सीएसी ने ही पुरुष टीम के कोच रवि शास्त्र का चयन किया था
मानद काम पर लागू नहीं होना चाहिए हितों का टकराव
कपिल देव (Kapil Dev) की अगुआई वाली सीएसी ने पुरुष और महिला टीमों के राष्ट्रीय कोच का चयन किया था. कपिल देव ने पहले भी कहा था कि सीएसी का हिस्सा होना मानद काम है और हितों का टकराव वैसे लोगों पर नहीं लागू होना चाहिए जिन्हें उनकी सेवा के लिए कोई भुगतान नहीं किया जाता.
संजीव गुप्ता ने अपनी शिकायत में कहा था कि सीएसी सदस्य एक साथ कई भूमिकाएं निभा रहे हैं. गुप्ता के मुताबिक 1983 की विश्व चैंपियन टीम के कप्तान कपिल सीएसी के अलावा कमेंटेटर, एक फ्लडलाइट कंपनी के मालिक और भारतीय क्रिकेटर्स संघ के सदस्य हैं.
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